भारत को स्विट्जरलैंड से अपने नागरिकों और संस्थाओं के स्विस बैंक खाते के विवरण का दूसरा सेट प्राप्त हुआ है। यह जानकारी भारत को सूचना संधि के स्वत: आदान-प्रदान (automatic exchange of information pact) के तहत मिली है।
इससे पहले पिछले साल मोदी सरकार के अथक प्रयासों के बाद भारत को स्विट्जरलैंड से अपने नागरिकों के अकाउंट संबंधी डेटा के बारे में पहली दफा जानकारी मिली थी। उस समय स्विट्जरलैंड ने 75 देशों के साथ विवरण साझा किया था। इस बार देशों की संख्या 86 हो गई है।
स्विट्जरलैंड ने एक बयान में कहा है कि 86 देशों के साथ 31 लाख वित्तीय खातों के बारे में जानकारी साझा की गई है। भारत उन 86 देशों में शामिल है, जिनके साथ स्विट्जरलैंड के फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफटीए) ने इस साल वित्तीय खातों की जानकारी साझा की है।
एफटीए ने अपने बयान में कहा कि इस साल AEOI के तहत शामिल 86 देशों में 11 नए क्षेत्राधिकार शामिल हैं। इनके नाम- एंगुइला, अरूबा, बहामा, बहरीन, ग्रेनाडा, इज़राइल, कुवैत, मार्शल आइलैंड्स, नाउरू, पनामा और संयुक्त अरब अमीरात हैं। इसके अलावा 75 वह देश हैं, जिनके साथ पिछले साल जानकारी साझा की गई थी।
India gets 2nd set of Swiss bank account details under automatic information exchange framework: Officials
— Press Trust of India (@PTI_News) October 9, 2020
एफटीए ने शुक्रवार (अक्टूबर 9, 2020) को एक बयान में कहा कि भारत को AEOI के तहत सितंबर 2019 में स्विट्जरलैंड से विवरण का पहला सेट मिला था, जब इसमें 75 देश शामिल थे। इस साल सूचना के आदान-प्रदान में लगभग 3.1 मिलियन (31 लाख) वित्तीय खाते शामिल हैं। हालाँकि अपने बयान में उन्होंने स्पष्ट रूप से भारत का नाम नहीं लिया। लेकिन अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि भारत उन प्रमुख देशों में से है, जिनके साथ स्विट्जरलैंड ने स्विस बैंकों के ग्राहकों और विभिन्न अन्य वित्तीय संस्थानों के वित्तीय खातों के बारे में विवरण साझा किया है।
अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष 86 देशों के साथ स्विट्जरलैंड ने जो 31 लाख वित्तीय खातों के बारे में जानकारी आदान-प्रदान की है उनमें एक बड़ी संख्या भारतीय नागरिकों और भारतीय संस्थाओं से संबंधित है। अधिकारियों ने कहा कि स्विस अधिकारियों ने पिछले एक साल में 100 से अधिक भारतीय नागरिकों और संस्थाओं के बारे में जानकारी साझा की गई है।
India is among 86 countries with which Switzerland’s Federal Tax Administration has exchanged information on financial accounts. https://t.co/G55481j4R2
— BloombergQuint (@BloombergQuint) October 9, 2020
उन्होंने बताया कि यह मामले अधिकांश पुराने खातों से संबंधित हैं जो 2018 से पहले बंद हो सकते थे, इसीलिए स्विट्जरलैंड ने भारत के साथ आपसी प्रशासनिक सहायता के एक पुराने ढाँचे के तहत इनके विवरण को साझा किया। अधिकारियों ने बताया कि उक्त खाताधारकों द्वारा कर-संबंधी गलत कामों के प्रथम दृष्टया सबूत भारतीय अधिकारियों द्वारा प्रदान किए गए थे।
जानकारी के लिए बता दें कि AEOI केवल उन खातों पर लागू होता है जो 2018 के दौरान सक्रिय या बंद थे। इनमें से कुछ मामले भारतीयों द्वारा विभिन्न विदेशी न्यायालयों जैसे पनामा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स और केमैन आइलैंड्स में स्थापित संस्थाओं से संबंधित हैं, जबकि व्यक्तियों में ज्यादातर व्यापारी और कुछ राजनेता और राज परिवारों से जुड़े हैं।
Black money: India gets 2nd set of Swiss bank account details
— Viral News Factory (@the_vnf) October 9, 2020
India had received the first set of details from Switzerland in September 2019 under AEOI (Automatic Exchange of Information), when it involved 75 countries.#Swissbank #blackmoney pic.twitter.com/E0ZC0Z60Ch
यहाँ ज्ञात हो अधिकारियों ने भले ही भारतीयों के मौजूद खातों की सही संख्या या संपत्ति के बारे में विवरण साझा करने से इनकार कर दिया है। मगर जो जानकारी उन्होंने साझा की है उसमें खाताधारक की पहचान, खाते में जमा रकम और अन्य जानकारियाँ शामिल हैं। इसमें खाताधारक का नाम, पता, राष्ट्रीयता, टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर और वित्तीय संस्थानों से जुड़ी अन्य सूचनाएँ भी शामिल हैं।
इन जानकारियों से टैक्स अधिकारियों को यह सत्यापित करने की अनुमति मिलेगी, कि क्या करदाताओं ने अपने कर रिटर्न में अपने वित्तीय खातों को सही ढंग से घोषित किया है। अब अगला एक्सचेंज सितंबर 2021 में होगा।
एफटीए ने अपने बयान में यह भी कहा है कि इस वर्ष जानकारी का आदान-प्रदान 66 देशों के साथ पारस्परिक रूप से हुआ है। वहीं 20 देशों के मामले में स्विट्जरलैंड ने जानकारी प्राप्त की, लेकिन उन्हें कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। ऐसा इसलिए क्योंकि वे देश अभी तक गोपनीयता और डेटा सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते।
उल्लेखनीय है कि कालेधन के ख़िलाफ़ लड़ाई में मोदी सरकार को पिछले साल सबसे पहली बड़ी सफलता मिली थी। स्विस बैंक में भारतीय खातों का विवरण प्राप्त करने के लिए भारत काफ़ी दिनों से प्रयास कर रहा था। इसके बाद सितंबर 2019 में पहले दौर का विवरण स्विट्जरलैंड ने भारत को सौंपा था। इसमें बैंक में भारतीयों के सक्रिय खातों से सम्बंधित जानकारियाँ शामिल थीं। स्विट्जरलैंड के संघीय कर प्रशासन ने तब 75 देशों को वैश्विक मानदंडों के तहत ऐसे वित्तीय खातों का विवरण दिया था।