बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पर 16 जनवरी 2025 की रात चाकू से हमला हुआ था, जिसके बाद से वो मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती थे। अब 5 दिन बाद मंगलवार (21 जनवरी 2025) को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। उन्हें अस्पताल से भले ही छुट्टी मिल गई हो, लेकिन उनके सामने एक और मुसीबत खड़ी हो गई है। दरअसल, जबलपुर से लेकर भोपाल तक की 15 हजार करोड़ रुपये की खानदानी संपत्ति खतरे में पड़ गई है, जिसपर सरकार कब्जा कर सकती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैफ अली खान की यह संपत्ति भोपाल में स्थित है। यह विवाद काफी पुराना है और 1960 के दशक से चला आ रहा है। सैफ के दादा नवाब हमीदुल्ला खान की मौत के बाद उनकी संपत्ति पर कानूनी विवाद शुरू हुआ। नवाब की बेटी आबिदा सुल्तान को इस संपत्ति का असली वारिस माना गया था, लेकिन वे पाकिस्तान चली गई थीं। इसके बाद भारत सरकार ने इस संपत्ति को दुश्मन संपत्ति (एनिमी प्रॉपर्टी) घोषित कर दिया और उनकी दूसरी बेटी साबिया सुल्तान को इसका उत्तराधिकारी माना।
सैफ अली खान और उनके परिवार ने 2014 में इस संपत्ति को दुश्मन संपत्ति घोषित किए जाने के खिलाफ अदालत में चुनौती दी थी। उनका कहना था कि यह संपत्ति दुश्मन संपत्ति नहीं है और इसे गलत तरीके से अधिग्रहण करने की कोशिश की जा रही है। 2015 में इस मामले में अदालत ने संपत्ति पर रोक लगा दी थी, जिससे सरकार इसे अपने कब्जे में नहीं ले सकी। हालाँकि, दिसंबर 2024 में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस मामले में एक अहम फैसला सुनाया। अदालत ने सैफ अली खान, उनकी माँ शर्मिला टैगोर और उनकी बहनों सोहा अली खान और सबा अली खान की याचिका खारिज कर दी। अदालत ने उन्हें 30 दिनों के भीतर अपीलीय प्राधिकरण में अपील करने का विकल्प दिया था।
अब यह समय सीमा समाप्त हो चुकी है। सैफ अली खान और उनके परिवार ने अपील दायर नहीं की, जिसके चलते हाई कोर्ट की ओर से संपत्ति पर लगी रोक (स्टे ऑर्डर) अब निष्प्रभावी हो चुका है। जिसके बाद से भोपाल जिला प्रशासन के लिए इन संपत्तियों को अपने अधिकार में लेने का रास्ता साफ हो गया है।
बता दें कि भोपाल की यह संपत्ति करीब 100 एकड़ में फैली है। इसमें कोहेफिज़ा और चिकलोड इलाके की जमीन शामिल है, जहाँ लगभग 1.5 लाख लोग रहते हैं। संपत्ति में पटौदी परिवार का एक ऐतिहासिक घर भी शामिल है, जिसे ‘पटौदी फ्लैग हाउस’ कहा जाता है। इस संपत्ति की अकेले कीमत 1000 करोड़ रुपये बताई जाती है। सरकार ने इस संपत्ति को दुश्मन संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत अधिग्रहित करने की प्रक्रिया शुरू की थी। कोर्ट के हालिया फैसले के बाद जिला प्रशासन इस प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ा सकता है।
हालाँकि सैफ अली खान और उनके परिवार के पास अब भी एक आखिरी मौका है। वे मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच में अपील कर सकते हैं। अगर वहाँ से फैसला उनके पक्ष में आता है, तो उनकी संपत्ति पर से संकट हट सकता है।
गौरतलब है कि 16 जनवरी 2025 को सैफ अली खान पर हुए हमले ने पहले ही उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से झकझोर दिया था। ऐसे में सैफ अली खान के लिए यह समय कई चुनौतियों से भरा हुआ है। एक तरफ वह अपने स्वास्थ्य को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ उनकी खानदानी संपत्ति पर खतरा मंडरा रहा है। अब देखना होगा कि वे इस संपत्ति को बचाने के लिए कानूनी लड़ाई में क्या कदम उठाते हैं।