Thursday, July 17, 2025
Homeविविध विषयविज्ञान और प्रौद्योगिकीऐसी तस्वीर नहीं बना सकता AI जिसमें कोई बाएँ हाथ से लिखता दिख रहा...

ऐसी तस्वीर नहीं बना सकता AI जिसमें कोई बाएँ हाथ से लिखता दिख रहा हो: PM मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की बताई ‘सीमा’, नेटिजन्स नहीं बदल पाए नतीजा

बिंग, ग्रोक और मेटा, किसी का भी AI बाएँ हाथ से लिखते हुए व्यक्ति की तस्वीर नहीं बना पाया। पीएम मोदी ने इसी बात को पेरिस की AI समिट में उठाया था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 फरवरी को पेरिस में ग्लोबल AI शिखर सम्मेलन में भाषण दिया। अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने AI से जुड़ी कई बातें बताईं। उन्होंने कहा कि AI बीते कुछ दिनों में लोगों के लिए मददगार रहा है, उसने लोगों को मेडिकल रिपोर्ट तक समझने में सहायता की है।

जहाँ AI लगातार बेहतर होता जा रहा है, वहीं उसमें अब भी कुछ कमियाँ हैं। किसी इंसान या वस्तु की तस्वीर बनाने वाले जेनरेटिव AI को लेकर अब भी कुछ समस्याएँ हैं। पीएम मोदी ने पेरिस में ऐसी ही एक समस्या की तरफ इशारा किया। उन्होंने बताया कि AI ऐसी तस्वीरें नहीं बना सकता, जिसमें कोई व्यक्ति अपने बाएँ हाथ से लिख रहा हो।

प्रधानमंत्री मोदी की इस बात के बाद सोशल मीडिया पर इसे ट्राई करने वालों की एक बाढ़ आ गई। लोगों ने अलग-अलग तरीकों से बाएँ हाथ से लिखते हुए तस्वीर बनवाने की कोशिश AI प्रोग्राम्स से की। हालाँकि सफलता किसी को नहीं मिली और पीएम मोदी की बात हर बार सही साबित हुई।

हमने भी की कोशिश, ये रहा परिणाम

DALL.E3 पर चलने वाला बिंग AI बाएँ हाथ से लिखते हुए आदमी की तस्वीर नहीं बना पाया, चाहे हमने जैसे भी पूछा।

AI ने प्रॉम्प्ट में ‘बाएँ हाथ’ लिखे होने के चलते आदमी को उसके बाएँ हाथ से कॉफी पीते हुए दिखाया, लेकिन इसने एक भी बार बाएँ हाथ से लिखने वाली तस्वीर नहीं बनाई।

जब हमने एक दूसरे प्रॉम्प्ट में बाएँ हाथ पर जोर दिया, तो इसने तीन हाथ का आदमी बना दिया। लेकिन यहाँ भी उसके बाएँ हाथ में पेन नहीं पकड़ाया।

बिंग AI ने लेकिन एक बाज की बाएँ हाथ से लिखते हुए तस्वीर बना दी। भले ही पढ़ने में यह बड़ा हास्यास्पद लगे, लेकिन सोचने वाली बात यह है कि इसने पक्षी को दिखाया दिया लेकिन इंसान को नहीं।

ग्रोक ने कर दिया मना

ट्विटर के AI ग्रोक ने भी ऐसी तस्वीर नहीं बनाई। अलग-अलग प्रॉम्प्ट देने पर केवल दाएँ हाथ से लिखता हुआ आदमी उसने दिखाया। उसने टेक्स्ट में लिखने पर हर बार बाएँ हाथ से लिखने की तस्वीर बनाने की पुष्टि की लेकिन जब असल मेंतस्वीर बनी तो इसमें मामला गड़बड़ ही रहा।

यहाँ तक ग्रोक ने आदिमानव की भी पेंटिंग बनाती हुई तस्वीर में दाएँ हाथ से होता काम दिखाया।

ग्रोक इंसानों को नहीं, बल्कि बंदरों को तक बाएँ हाथ से काम करते नहीं दिखाता। ऐसा ही इसने एक बंदर पर दिए गए प्रॉम्प्ट में किया।

मेटा भी हो गया फेल

मेटा भी इस काम में फेल हो गया। इसका मॉडल एमू किसी भी व्यक्ति की बाएँ हाथ से लिखने की तस्वीर नहीं बना पाया।

यहाँ तक कि ये कार्टून की भी तस्वीर नहीं बना पाया।

पीएम मोदी की कही हुई बात हर बार हमारे प्रयोग में भी सही ही साबित हुई।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मम्मी ला रही थी पीड़ित हिंदुओं को ही जेल में ठूँसने वाला ‘काला कानून’, रोहित वेमुला एक्ट से हिंदुओं को खंड-खंड करना चाहता है...

कर्नाटक का रोहित वेमुला बिल भी सोनिया गाँधी के लाए सांप्रदायिक हिंसा बिल की तरह खतरनाक है इसके प्रावधान भी कुछ-कुछ वैसे ही हैं।

राहुल-तेजस्वी के लिए काम पर लगे अजीत अंजुम-रवीश कुमार, FIR होते ही PCI-एडिटर्स गिल्ड का प्रलाप शुरू: प्रोपेगेंडा परोसना नहीं है ‘प्रेस की स्वतंत्रता’

पत्रकारों का एक संगठन है प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (PCI)। इस संस्था का एक बार फिर से 'दर्द' प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए उभर आया है।
- विज्ञापन -