Sunday, September 8, 2024
Homeविविध विषयविज्ञान और प्रौद्योगिकी93 पत्रकारों और 42 चैनलों पर 'बैन', मोदी विरोधी प्रोपेगंडा को हवा: 17 YouTube...

93 पत्रकारों और 42 चैनलों पर ‘बैन’, मोदी विरोधी प्रोपेगंडा को हवा: 17 YouTube कर्मचारियों के खिलाफ शुरू हुई जाँच, चुनाव को प्रभावित करने के लिए अपनाए हथकंडे

इनकी साजिश थी कि न्यूट्रल कवरेज को रोका जाए और ऐसे हैंडलों को शैडो बैन किया जाए। शैडो बैन का अर्थ होता है किसी अकाउंट के कंटेंट की रीच को सीमित कर देना।

YouTube भारत में राष्ट्रवादी कंटेंट्स को सेंसर करने में लग गया है। जिस वीडियो में कॉन्ग्रेस की आलोचना की जाती है, उसे Demonetise कर दिया जाता है अर्थात उससे कंटेंट क्रिएटर को पैसे नहीं मिलते। कई युट्यूबर्स ने इस संबंध में केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया था। आशंका जताई जा रही है कि YouTube India के कुछ कर्मचारी ये गड़बड़झाला कर रहे हो सकते हैं। ऐसे 17 कर्मचारियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों ने जाँच की शुरुआत भी कर दी है।

बताया गया है कि YouTube के इन 17 कर्मचारियों की बातचीत भी केंद्र सरकार को सौंपी गई है। इनकी साजिश थी कि न्यूट्रल कवरेज को रोका जाए और ऐसे हैंडलों को शैडो बैन किया जाए। शैडो बैन का अर्थ होता है किसी अकाउंट के कंटेंट की रीच को सीमित कर देना, इससे उक्त कंटेंट उनके अपने ही सब्सक्राइबर्स तक नहीं पहुँच पाता। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रपंच को भी जम कर हवा दी जा रही थी। चुनावों को मशीनरी का इस्तेमाल कर के किसी विदेशी संस्था द्वारा प्रभावित करना एक आपराधिक कृत्य है।

ऐसे में केंद्र सरकार की जाँच एजेंसियों ने अपना काम शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि यूट्यूब के इन आरोपित कर्मचारियों में से 12 पुरुष हैं और 5 महिलाएँ। ये मुंबई, केरल और पश्चिम बंगाल से ताल्लुक रखते हैं। बताया जा रहा है कि इन्होंने YouTube के अल्गोरिदम के साथ छेड़छाड़ की। साथ ही 93 पत्रकारों और 42 चैनलों के खिलाफ शैडो बैन लगा दिया, जो इस चुनाव में न्यूट्रल थे और कॉन्ग्रेस का पक्ष नहीं ले रहे थे। ‘The New Indian’ ने इस संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय में भी सबूत सौंपे हैं।

कंटेंट क्रिएटर्स ने माँग की है कि YouTube के जिन अधिकारियों ने भारतीय लोकतंत्र के सबसे बड़े महापर्व के दौरान गड़बड़ी की है, उन्हें इसके लिए सज़ा दी जाए। जिन्होंने जनता के मूड को भाँपते हुए भाजपा की जीत का अनुमान लगाया, उन्हें भी शैडो बैन का सामना करना पड़ा। आरोप है कि वीडियो में राहुल गाँधी या अन्य विपक्षी नेताओं का नाम लेते ही उसकी रीच घटना दी जाती है। YouTube ‘स्ट्रिंग’ और ‘सब लोकतंत्र’ नामक बड़े दक्षिणपंथी चैनलों को पहले ही हटा चुका है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

असम के मुस्लिम बहुल इलाकों में जनसंख्या से अधिक आधार कार्ड: CM सरमा का ऐलान- जिसका NRC का आवेदन नहीं, उसे AADHAAR नहीं

असम के सीएम सरमा ने कहा है कि जिन लोगों ने NRC के लिए आवेदन नहीं किया है, उन्हें आधार कार्ड नहीं जारी किया जाएगा।

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -