Thursday, November 30, 2023
Homeदेश-समाजइस रक्षाबंधन सब सूना, मेरे भाई अंकित को क्यों मारा: रोती बहन का सवाल,...

इस रक्षाबंधन सब सूना, मेरे भाई अंकित को क्यों मारा: रोती बहन का सवाल, दंगाइयों का बचाव करने वाले लिबरल देंगे जवाब?

दंगे भड़काने वाले, उनकी फन्डिंग करने वाले और बेरहमी से हत्या करने वालों के बच्चों की तस्वीरें लगा कर ईद की बात कर ईमोशनल कार्ड खेला जाता है। क्या वही लिबरल गैंग आज अंकित शर्मा की बहन की फोटो लगा दंगाइयों से सवाल पूछेगा?

दिल्ली दंगों के दौरान ताहिर हुसैन और उसके गुंडों पर आईबी में कार्यरत रहे अंकित शर्मा की बेरहमी से हत्या करने का आरोप है। दंगों की जाँच के बीच रक्षाबंधन भी आने वाला है। ऐसे में अंकित शर्मा की बहन इस बार राखी किसे बाँधेंगीं, यही सोच कर वो बार-बार बिलख कर रो उठती हैं। ताहिर हुसैन और खालिद सैफी जैसों ने एक बहन से उसके निर्दोष भाई को छीन लिया और लिबरल गैंग उलटा दंगाइयों को बचाने में लगा रहा।

‘Kreately’ की ख़बर के अनुसार, अंकित शर्मा की बहन सोनम बार-बार यही पूछते हुए रो उठती हैं कि मेरे भाई को क्यों मारा, इस बार मैं राखी किसे बाँधूँगी? सोनम का कहना है कि इस रक्षाबंधन उनके लिए सब कुछ सूना-सूना सा है। जब कई नेता, पत्रकार और बुद्धिजीवी हत्यारोपित ताहिर हुसैन और खालिद सैफी जैसों को बचाने में लगे हुए हैं, क्या उन्हें एक बहन की चीख नहीं सुनाई दे रही है?

हाल ही में कट्टर इस्लामी पत्रकार राणा अयूब ने ट्विटर पर खालिद सैफी की बेटी की तस्वीर शेयर करते हुए भावनात्मक पोस्ट लिखा और एक अपराधी को ऐसे पेश किया जैसे वो किसी स्वतंत्रता सेनानी के लिए आवाज़ उठा रही हों। अयूब ने इमोशनल कार्ड खेलते हुए पूछा कि ये बच्चे पूछ रहे हैं कि इस ईद पर उनके अब्बू आएँगे या नहीं या फिर उनके जन्मदिन पर वो रहेंगे या नहीं? जबकि सवाल तो यह पूछा जाना चाहिए था कि क्या खालिद ने ऐसा अपराध करने से पहले सोचा था?

जिहादियों के हिमायती दंगे भड़काने वाले, उनकी फन्डिंग करने वाले, और बेरहमी से हत्या करने वालों के बच्चों की तस्वीरें लगा कर ईद की बातें करते हैं और ईमोशनल कार्ड खेल कर माहौल बनाते हैं, क्या उनसे ये सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए कि जिनका वो बचाव कर रहे हैं, उन्हीं के द्वारा बेरहमी से मार डाले गए हिंदुओं के पीड़ित परिवारों का क्या होगा, जो सदा के लिए दूर चले गए?

इसमें कोई शक नहीं कि नाबालिग बच्चे का कोई दोष नहीं। लेकिन, क्या खालिद सैफी जैसों को यह नहीं सोचना चाहिए था कि उसके घर में बच्चे हैं या उसका परिवार है तो वो कोई ऐसा काम ही न करे, जिससे वो अपराधी बन जाए और उसकी करतूतें उसके ही परिवार पर भारी पड़ने लगे? ईद की बात कर के मजहब को बीच में लाया जाता है और अपराधियों को बचाने के लिए ये लिबरल पत्रकार हर बार यह कार्ड खेलते हैं।

क्या आपको पता है कि खालिद सैफी कौन है और उसने किया क्या था? खालिद सैफी (Khalid Saifi) पर आरोप है कि उसने दिल्ली में हिंसा से पहले शाहीन बाग में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और पूर्व आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन के बीच मीटिंग करवाई थी। शाहीन बाग में इस साल 8 जनवरी को दोनों की मुलाकात हुई थी। इस मीटिंग में उमर खालिद, ताहिर हुसैन और खालिद सैफी शामिल थे।

प्रोपेगेंडा पत्रकार रवीश कुमार, आम आदमी पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से लेकर सोशल मीडिया पर इस्लामी विचारधारा की समर्थक RJ सायमा सहित न जाने कितनी ही कथित सेक्युलर हस्तियों के साथ उसकी तस्वीरें वायरल हुई थीं। इससे उसकी पहुँच का अंदाज लगता है। जाहिर है, उसके नेटवर्क में शामिल उसके लोग हर क्षेत्र में हैं, जो उसे बचाने के लिए हर जतन करेंगे ही। उसका ‘कर्ज’ चुकाएँगे ही।

खालिद सैफी वही शख्स है, जिस पर आरोप लगा है कि उसने सिंगापुर सहित मध्य-पूर्व के एक देश से दंगों के लिए धन जुटाया और मलेशिया तक जाकर जाकिर नाइक से मुलाकात की। इसके अलावा उमर खालिद और ताहिर हुसैन की शाहीन बाग में मीटिंग कराने वाला भी यही शख्स था। जिसके संबंध बड़े बड़े मीडिया गिरोह के लोगों से भी थे। राणा अय्यूब जैसों ने आज इस्लामिक आतताइयों के कारनामों को धो-पोंछ कर उन्हें स्मृतियों से मिटाने का बीड़ा उठाया है।

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

1 दर्जन से अधिक कंपनियाँ-संस्थाएँ, कैंप करते PMO अधिकारी, विशेष उड़ानें, ऑक्सीजन प्लांट… यूँ ही नहीं हुआ सुरंग से 41 मजदूरों का रेस्क्यू, PM...

PMO, RVNL, ONGC, SJVNL, THDC, DRDO, DST, भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना, BRO, NDRF, NDMA, उत्तरकाशी जिला प्रशासन और उत्तराखंड सरकार इसमें समन्वय बना कर काम करती रही।

सुरेंद्र राजपूत: 17 साल पहले जिन्होंने 5 साल के प्रिंस को निकाला था बोरवेल से, उनकी बनाई पुली ट्रॉली के कारण 41 मजदूरों के...

सुरेंद्र राजपूत ने सिलक्यारा सुरंग में रैट माइनर्स टीम के लिए पुली ट्रॉली बनाई। इस ट्रॉली से सुरंग से मलबा बाहर निकालने में मदद मिली।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
419,000SubscribersSubscribe