Thursday, April 25, 2024
Homeदेश-समाज'लाचित बरपुखान' को याद कर PM मोदी ने इतिहास से खिलवाड़ पर उठाया सवाल,...

‘लाचित बरपुखान’ को याद कर PM मोदी ने इतिहास से खिलवाड़ पर उठाया सवाल, पूछा- मुगलों से लड़ने वाले असम के हजारों बलिदानी का मोल नहीं

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में जब भी कोई मुश्किल दौर आया, कोई चुनौती खड़ी हुई तो उसका मुकाबला करने के लिए कोई न को विभूति अवतरित हुई। उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास जय का है, वीरता का है, बलिदान का है, महान परंपरा का है। उनका जीवन परिवारवाद से ऊपर उठकर देश के बारे में सोचने की प्रेरणा देता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार (25 नवंबर 2022) को असम वीर लाचित बरपुखान की 400वीं जयंती में शामिल होकर लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश को भारत के सच्चे इतिहास की जानकारी दी गई और उसे छुपाया गया। उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास उत्पीड़कों के खिलाफ वीरता प्रदर्शित करने, जीतने, बलिदान देने और महान परंपरा के बारे में है।

बता दें कि लाचित बरपुखान असम के अहोम साम्राज्य के महान सेनापति थे। सन 1671 ईस्वी में असम पर जब मुगलों का आक्रमण हुआ तो अहोम साम्राज्य के महाराजा चक्रध्वज सिंह ने लाचित बरपुखान के नेतृत्व में सेना भेजी। लाचित ने मुगलों को कड़ी टक्कर देते हुए सरायघाट की लड़ाई में उन्हें बुरी तरह हराया। इसके बाद मुगल कभी असम की तरफ दोबारा रूख नहीं किया।

लाचित बरपुखान की जयंती पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “सदियों से हमें यह बताने का प्रयास किया गया कि हम ऐसे लोग हैं जो हमेशा लूटे जाते हैं, पीटे जाते हैं और हारते रहे हैं। भारत का इतिहास केवल उपनिवेशवाद का नहीं, योद्धाओं का इतिहास है। भारत का इतिहास उत्पीड़कों के खिलाफ वीरता प्रदर्शित करने, जीत, बलिदान और महान परंपरा के बारे में है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “दुर्भाग्य से आजादी के बाद भी हमें वही इतिहास पढ़ाया गया, जो औपनिवेशिक काल में एक साजिश के तहत रचा गया था। आजादी के बाद हमें उपनिवेश बनाने वालों के एजेंडे को बदलने की जरूरत थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।”

पीएम ने कहा कि देश के कोने-कोने में भारत के वीरों ने उत्पीड़कों का सामना किया और अपने प्राणों की आहुति दी। यह इतिहास जानबूझकर छुपाया गया था। उन्होंने कहा, “क्या लाचित बरपुखान की वीरता महत्वपूर्ण नहीं है? क्या मुगलों के खिलाफ असम में हजारों लोगों की कुर्बानी महत्वपूर्ण नहीं है?”

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में जब भी कोई मुश्किल दौर आया, कोई चुनौती खड़ी हुई तो उसका मुकाबला करने के लिए कोई न को विभूति अवतरित हुई। उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास जय का है, वीरता का है, बलिदान का है, महान परंपरा का है। उनका जीवन परिवारवाद से ऊपर उठकर देश के बारे में सोचने की प्रेरणा देता है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

माली और नाई के बेटे जीत रहे पदक, दिहाड़ी मजदूर की बेटी कर रही ओलम्पिक की तैयारी: गोल्ड मेडल जीतने वाले UP के बच्चों...

10 साल से छोटी एक गोल्ड-मेडलिस्ट बच्ची के पिता परचून की दुकान चलाते हैं। वहीं एक अन्य जिम्नास्ट बच्ची के पिता प्राइवेट कम्पनी में काम करते हैं।

कॉन्ग्रेसी दानिश अली ने बुलाए AAP , सपा, कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ता… सबकी आपसे में हो गई फैटम-फैट: लोग बोले- ये चलाएँगे सरकार!

इंडी गठबंधन द्वारा उतारे गए प्रत्याशी दानिश अली की जनसभा में कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe