Saturday, March 8, 2025
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सिक्किम में हिमस्खलन से 7 की मौत, 150 लोगों के बर्फ में दबे होनी की आशंका: अब तक 350 लोगों को किया गया रेस्क्यू

हिमस्खलन (एवलांच) का सीधा मतलब हिम अर्थात बर्फ के खिसकने से है। पहाड़ी इलाकों में जहाँ बहुत अधिक बर्फबारी होती है या फिर जहाँ पहाड़ों पर बर्फ जमी हीते हैं, वहाँ हिमस्खलन की घटनाएँ सामान्य हैं। हालाँकि कई बार हिमस्खलन बड़े स्तर पर होता है, जिससे लोग दुर्घटना का भी शिकार हो जाते हैं।

चीन की सीमा से सटे सिक्किम (Sikkim) की राजधानी गंगटोक के नाथू ला दर्रे में भारी हिमस्खलन (Avalanche) हुआ है। इस हादसे में अब 7 लोगों की मौत हुई है और 11 अन्य लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर है। वहीं, करीब 150 लोगों के बर्फ में दबे होने की आशंका है। रेस्क्यू टीम ने बर्फ में फँसे 22 पर्यटकों समेत 350 लोगों को सुरक्षित बचाया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना मंगलवार (4 अप्रैल 2023) की है। यहाँ दोपहर करीब 12:20 बजे गंगटोक को नाथू ला दर्रे से जोड़ने वाले जवाहरलाल नेहरू मार्ग के 15वें मील के पास हादसा हुआ। जिस स्थान पर यह हादसा हुआ, वह पहाड़ी दर्रा है। यह समुद्र तल से करीब 14,140 फीट की ऊँचाई पर स्थित एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है।

इस भीषण हादसे में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 4 पुरुष, 2 महिला और 1 बच्चा शामिल है। घायल हुए 11 लोगों को इलाज के लिए गंगटोक के एसटीएनएम हॉस्पिटल और सेंट्रल रेफरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

हादसे के बाद स्थानीय लोगों और पुलिस ने 22 पर्यटकों समेत 350 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है। घटनास्थल के पास फँसे 80 वाहनों को मौके से बाहर निकाला गया है। हालाँकि, अब भी करीब 150 लोगों के बर्फ में दबे होने की आशंका जताई जा रही है।

इस हादसे को लेकर चेकपोस्ट के महानिरीक्षक सोनम तेनजिंग भूटिया का कहना है कि इस पूरे इलाके में जाने के लिए पास जारी किए जाते हैं। ये पास 13वें मील तक के लिए ही जारी होते हैं। हालाँकि इसके बाद भी पर्यटक 15वें मील की ओर चले गए। इसी दौरान हिमस्खलन की घटना हो गई। फिलहाल सिक्किम पुलिस, ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन, पर्यटन विभाग, वाहन चालक और स्थानीय लोगों द्वारा बचाव कार्य किया जा रहा है।

क्या है हिमस्खलन….

हिमस्खलन (एवलांच) का सीधा मतलब हिम अर्थात बर्फ के खिसकने से है। पहाड़ी इलाकों में जहाँ बहुत अधिक बर्फबारी होती है या फिर जहाँ पहाड़ों पर बर्फ जमी हीते हैं, वहाँ हिमस्खलन की घटनाएँ सामान्य हैं। हालाँकि कई बार हिमस्खलन बड़े स्तर पर होता है, जिससे लोग दुर्घटना का भी शिकार हो जाते हैं।

यूँ तो हिमस्खलन कई कारणों से होता है, लेकिन इसका सबसे बड़ा कारण तापमान में बदलाव और एक स्थान पर बहुत अधिक बर्फबारी है। दरअसल, तापमान में बढ़ोतरी होने से बर्फ पिघलती है और इससे एक साथ कई क्विंटल बर्फ और पत्थर एक साथ पहाड़ से नीचे की ओर गिरते हैं और हादसे का कारण बन जाते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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