हैदरी दल से जुड़े मुस्लिम लड़के हिंदू या गैर-मुस्लिम लड़कों के साथ घूमनेवाली मुस्लिम लड़कियों को परेशान करने के लिए वीडियो बनाते हैं और उन्हें सोशल मीडिया पर भी डालते हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ मुस्लिम युवक आते हैं और बुर्का पहनी लड़कियों से सवाल करते हैं। लड़कियों का नाम, पता, माता-पिता का नाम और अन्य पहचान भी उजागर कर दिया जाता है।
ऐसा ही एक वीडियो में हैदरी दल के कुछ लोग कह रहे हैं कि घर पर कोई नहीं है तो अय्याशी करोगी, मेरी बहन बात सुनो कहते हुए लड़की के साथ बदसलूकी कर रहा है। बरेली के गाँधी उद्यान का एक दूसरा वीडियो सामने आया है जिसमें एक मुस्लिम युवक कहता है कि ” बहन सुनो, तुम्हारा नाम क्या है? तुम कहाँ रहती हो? तुम्हारे पिता और भाई का नाम क्या है? क्या तुम्हारे घर पर कोई नहीं है? इतना ही नहीं वो व्यक्ति महिला के साथ मौजूद लड़के की भी सारी जानकारी लेता है।
हिन्दू संगठनों ने इस मुद्दे पर अपना विरोध जताया है। संगठन के नेता हिमांशु पटेल ने सोशल मीडिया एक्स पर शिकायत की थी। इस मुद्दे पर कोतवाली इंस्पेक्टर नितिन राणा ने हैदरी दल के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसमें कई लोगों की पहचान की गई है। इसमें से अधिकतर युवक कस्बों और गाँवों के रहनेवाले हैं। उनमें से ज्यादातर मदरसों में शिक्षा ली है और शहर की मस्जिदों में मौलाना के रूप में रहते हैं
भगवा लव ट्रैप की विवादित और मनगढंत थ्योरी
‘भगवा लव ट्रैप’ हिंदू संगठनों पर लगाया गया एक निराधार थ्योरी है। इसमें कथित तौर पर हिंदू युवाओं को मुस्लिम महिलाओं को लुभाने, फँसाने और उन्हें गैर-मुस्लिम बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। सज्जाद नोमानी नाम के एक मौलवी ने 2021 से इसका दावा किया था।
‘भगवा लव ट्रैप’ सोशल मीडिया हैशटैग का रूप ले लिया है। इसका इस्तेमाल हिजाब पहने मुस्लिम महिलाओं और उनके पुरुष हिंदू मित्रों के वीडियो शेयर करने के लिए कट्टरपंथियों द्वारा किया जा रहा है। पोस्ट अक्सर भावनात्मक संदेशों के साथ होते हैं और जोड़ों की पहचान करने में जनता की मदद माँगते हैं। सोशल मीडिया पर हिंदू-मुस्लिम जोड़ों पर जानलेवा हमला करने वाले इस्लामी भीड़ के वीडियो की भरमार हो गई।
हिंदू लड़कों पर हमला और यहां तक कि मुस्लिम महिलाओं से छेड़छाड़ भी होती है। ऐसे जोड़ों को सड़कों, रेस्तरां, खाने-पीने की जगहों और यहां तक कि होटलों में भी निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे कई उदाहरण हैं जब मुस्लिम हैदर ग्रुप ने हिन्दू लड़कों और मुस्लिम लड़कियों को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया। इस्लामिक कट्टरपंथियों ने मुस्लिम महिलाओं के हिजाब या नकाब जबरन उतार दिए और पीड़ितों का वीडियो बनाया।
उनके वीडियो को इस्लामी धार्मिक संगीत और हैशटैग #BhagwaLoveTrap के साथ प्रसारित किया, यह सब ‘दीन’ (इस्लाम) को बचाने के नाम पर किया गया। वे मुस्लिम महिलाओं की निजी जानकारी सोशल मीडिया पर साझा करते हैं और कहते हैं कि मुस्लिम महिलाओं को उनके क्षेत्रों में हिंदू और अन्य गैर-मुस्लिम पुरुषों से बातचीत करने से रोकें।
दिलचस्प बात यह है कि जो लोग अक्सर ‘लव जिहाद’ को नकारते हैं, जिसमें मुस्लिम पुरुष हिंदू और अन्य गैर-मुस्लिम महिलाओं को अपने प्रेम जाल में फँसाते हैं, उनका यौन शोषण करते हैं और उन्हें इस्लाम में परिवर्तित करते हैं। वे ही लोग हैं जो किसी मुस्लिम लड़की को हिंदू या किसी गैर-मुस्लिम युवक के साथ देखते ही ‘भगवा प्रेम जाल’ का नारा लगाते हैं।
पिछले कुछ वर्षों में, ऑपइंडिया ने अनगिनत मामलों की रिपोर्ट की है जिसमें मुस्लिम युवक या तो व्यक्तिगत रूप से या ग्रूमिंग गिरोह के हिस्से के रूप में हिंदू लड़कियों को यौन शोषण करने और उन्हें इस्लाम में धर्मांतरित करने के लिए मजबूर करने के लिए निशाना बना रहे हैं। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि जबकि भारतीय इस्लामवादी और उनके वामपंथी-उदारवादी चीयरलीडर्स लव जिहाद/ग्रूमिंग जिहाद को ‘धोखा’, ‘हिंदुत्व षड्यंत्र सिद्धांत’ और न जाने क्या-क्या कहकर आसानी से खारिज कर देते हैं।
सोशल मीडिया पर हैदरी दल के ‘सदस्यों’ ने ऐसे कई वीडियो अपलोड किए हैं, जिनमें वे हिंदू और अन्य गैर-मुस्लिम लड़कियों की शादी मुस्लिम युवकों से करवा रहे हैं। वहीं मुस्लिम लड़कियों द्वारा हिंदू पुरुषों के साथ डेट करने या उनके साथ घूमने-फिरने पर ‘भगवा लव ट्रैप’ का आरोप लगाते हैं। इस्लामवादियों के लिए महिलाएँ अपने धार्मिक वर्चस्व को स्थापित करने का एक वस्तु मात्र हैं।
उनके लिए हिंदू महिलाओं को फँसाना और उन्हें इस्लाम में परिवर्तित करना काफिरों पर ‘धार्मिक जीत’ की तौर पर देखा जाता है। वहीं दूसरी ओर मुस्लिम महिलाओं का हिंदू पुरुषों से शादी करना या उनके साथ डेटिंग करना इस्लाम का अपमान है और किसी हार से कम नहीं है।
यह विकृत मानसिकता इस्लामवादियों को गैर-मुस्लिम महिलाओं को फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन करने के लिए प्रेरित करती है, साथ ही यह भी सुनिश्चित करती है कि मुस्लिम लड़कियाँ हिंदू पुरुषों से बातचीत भी न करें, डेटिंग या उनसे शादी करना तो दूर की बात है।
जिहादी मानसिकता और षड्यंत्र के सिद्धांतों से प्रेरित उनकी अवैध हरकतें व्यक्तिगत स्वतंत्रता को खतरे में डालती हैं और मुस्लिम महिलाओं और उनके हिंदू दोस्तों या भागीदारों की सुरक्षा को खतरे में डालती हैं और साथ ही सांप्रदायिक सद्भाव के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करती हैं।
हैदरी दल का नेतृत्व कौन करता है? ये सामने नहीं आया है। लेकिन अब उत्तर भारत के कई शहरों में इसने अपना जाल बिछा दिया है। हालाँकि बरेली पुलिस ने हैदरी दल (बरेली) की गतिविधियों की जाँच शुरू कर दी है। इससे कुछ राज खुलने के आसार हैं।
हैदरी दल बुर्का पहने मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुस्लिम पुरुषों को परेशान करने वाला एक समूह है जो देश के कई शहरों में काम कर रहा है। ये दल मुस्लिम पुरुषों का एक अनौपचारिक इस्लामी निगरानी समूह है। ये मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुस्लिम पुरुषों से जुड़े अंतर-धार्मिक जोड़ों के खिलाफ हिंसा पर आमादा है।
हैदरी दल के कई शहरवार पेज भी मिले, जिनमें ‘हैदरी दल पीलीभीत’ भी शामिल है। ये पेज इस्लामवादी प्रचार करते हैं और हिंदू पुरुषों को बदनाम करने और मुस्लिम लड़कियों को निशाना बनाने के लिए भगवा लव ट्रैप के झूठ को परोसते हैं। इसी तरह की नफरत भरी सामग्री ‘हैदरी दल मुंबई’ नाम के इंस्टाग्राम पेज पर भी मिली।
हालाँकि ये तय नहीं है कि ये पेज मिले हुए हैं या नहीं। इसके प्रशासक मूलतः हैदरी दल के सदस्य हैं, लेकिन इनके पोस्ट मुख्यतः हिंदू विरोधी विषयों पर केंद्रित हैं तथा इनमें भगवा प्रेम जाल षड्यंत्र सिद्धांत को बढ़ावा देने वाली सामग्री भरी पड़ी है।
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हैदरी दल के कई ‘फैन पेज’ हैं, जो लगातार बुर्का पहनी मुस्लिम महिलाओं और उनके हिंदू दोस्तों या बॉयफ्रेंड के वीडियो पोस्ट करते रहते हैं। हैदरी दल के नाम से बने ऐसे कई पेज कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बेखौफ सक्रिय हैं और ऐसे जोड़ों का जीवन खतरे में डाल रहे हैं।
हालाँकि हैदरी दल की उत्पत्ति के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। लेकिन ऐसा कहा जाता है कि इस समूह का नाम ‘अली इब्न अबी तालिब’ के नाम पर रखा गया है। अली इब्र को ही इमाम अली और हैदर भी कहा जाता है, जो पैगंबर मुहम्मद के चचेरे भाई और दामाद थे। इमाम अली को 629 ई. में खैबर की लड़ाई में खैबर के यहूदी कबीलों के खिलाफ मुस्लिम सेना को जीत दिलाने में उनकी भूमिका के लिए याद किया जाता है।
इस्लामी ग्रंथों में महिमामंडित उल्लेखों के अलावा, इमाम अली को समर्पित कई लोकगीत और कविताएँ भी हैं जहाँ हैदर का जिक्र है। ऐसा ही एक लोकप्रिय गीत है ‘हैदर की तलवार’ जो काफ़िरों (गैर-मुसलमानों) को मारने के लिए इमाम अली का महिमामंडन करता है और जिसके बोल हैं ‘इलाका हिल रहा था वेहदत के नारों से, ज़रा सी देर में मैदान भरा था काफ़िर की लाशों से, जब चली हैदर की तलवार।’
इस्लामवादी निगरानी समूह का नाम हैदरी दल रखने से पता चलता है कि जिस तरह हैदर ने काफिरों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, उसी तरह ये इस्लामी कट्टरपंथी ‘भगवा प्रेम जाल’ के झूठ को फैला कर इस्लाम के नाम पर गैर-मुसलमानों के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।