Sunday, July 13, 2025
Homeदेश-समाजबेंगलुरु में ओड़िया साइनबोर्ड देख भड़का कन्नड़ गुंडा, धमकी से डर कर रेस्टोरेंट मालिक...

बेंगलुरु में ओड़िया साइनबोर्ड देख भड़का कन्नड़ गुंडा, धमकी से डर कर रेस्टोरेंट मालिक ने बोर्ड उतारा: वायरल वीडियो देख लोग पूछ रहे सवाल

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक कार में युवक आता है और रेस्टोरेंट में काम करने वाले व्यक्ति से पूछताछ शुरू करता है। वह पूछता है कि आखिर उसने ओडिशा भाषा में रेस्टोरेंट का नाम ही क्यों लिखा। व्यक्ति का रवैया परखते हुए रेस्टोरेंट का कर्मचारी बहुल सहजता से जवाब देता है।

कर्नाटक के बेंगलुरु में स्थानीय भाषा के चलते एक और विवाद सामने आया है। यहाँ ‘डिलिशियस पखाल (Delicious pakhal)’ नाम के ओड़िया रेस्टोरेंट के मालिक को एक कन्नड़ भाषी आदमी ने आकर धमकी दी कि वो रेस्टोरेंट के ऊपर से उस साइनबोर्ड को हटाए जिसमें ओड़िया भाषा में रेस्टोरेंट का नाम लिखा है।

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कार में बैठा युवक रेस्टोरेंट के कर्मचारी को बुलाता है और पूछताछ शुरू करता है। वह पूछता है कि आखिर बोर्ड पर ओड़िया भाषा में रेस्टोरेंट का नाम क्यों लिखा है?

दिलचस्प बात ये है कि ये सवाल वो व्यक्ति तब करता है जब रेस्टोरेंट पर कन्नड़ भाषा में भी रेस्टोरेंट का नाम साफ लिखा था। व्यक्ति का रवैया परखते हुए रेस्टोरेंट का कर्मचारी बहुत सहजता से जवाब देता है, “इस रेस्टोरेंट में ओडिशा का खाना मिलता है। यह खाना 90 फीसदी ओड़िया लोगों के लिए होता है इसलिए इस साइनबोर्ड को लगाया गया है।”

अजीब बात ये है कि ओड़िया रेस्टोरेंट में काम करने वाला कर्मचारी पूरी तरह से कन्नड़ में बात कर रहा था, फिर भी उस कार सवार का गुस्सा बढ़ता गया। उसने कर्मचारी को धमकी दी कि वह अपने रेस्टोरेंट से ओड़िया भाषी बोर्ड हटा दे, क्योंकि वो एक हफ्ते बाद आकर दोबारा देखेगा।

उसने कहा, “बेंगलुरु में काम करने के लिए कन्नड़ भाषा और कन्नड़ लोगों को पहली प्राथमिकता मिलनी चाहिए। क्या आपने अन्य राज्यों को हमारी भाषा में बोर्ड लगाने की अनुमति देते देखा है? यहाँ उस भाषा की अनुमति नहीं है। इसे हटा दें। मैं एक हफ़्ते में वापस आऊँगा।”

इस घटना के बाद उस रेस्टोरेंट के मालिक ने किसी विवाद से बचने के लिए अपने रेस्टोरेंट से वो बोर्ड हटा दिया जिसकी नई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर हैं। लेकिन, इस बीच लोग पुरानी वीडियो को शेयर करते हुए कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं। खुद कन्नड़ भाषी लोग ये कह रहे हैं कि जब रेस्टोरेंट का मालिक कन्नड़ में बात कर रहा है, साइनबोर्ड सिर्फ मार्केटिंग के लिए लगाया है तो दिक्कत क्या है? वो लोग ओड़िया व्यंजन परोसते हैं तो इतना तो किया ही जा सकता है।

नोट: यह खबर मूल रूप से अंग्रेजी में प्रकाशित हुई है। आप इसे पूरा पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

Shraddha Pandey
Shraddha Pandey
Senior Sub-editor at OpIndia. I tell harsh truths instead of pleasant lies. हिन्दू तन-मन, हिन्दू जीवन, रग-रग हिन्दू मेरा परिचय.

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अमीरी का लालच, सनातन की बुराई, मुस्लिम लड़कों को टारगेट… छांगुर पीर 3 तरीके से करवाता था धर्मांतरण: पीड़िता ने बताया- शागिर्द मेराज ने...

छांगुर पीर धर्मांतरण कराने के लिए कई तरीके अपनाता था। इनमें सबसे पहला तरीका था मुस्लिम युवकों से हिंदू लड़कियों को दोस्ती कर निकाह कराना।

‘पायलट की गलती’ या फ्यूल कंट्रोल स्विच में तकनीकी खराबी: 2018 की FAA एडवायजरी ने उठाए नए सवाल, बताया था- गड़बड़ हो सकती है...

एअर इंडिया के ड्रीमलाइनर हादसे के बाद फ्यूल कंट्रोल स्विच को लेकर चर्चा चालू हो गई है। इसको लेकर 2018 में FAA ने एक एडवायजरी जारी की थी।
- विज्ञापन -