गुजरात के देवभूमि द्वारका और बेट द्वारका में राज्य सरकार ने एक बार फिर से बुलडोजर की कार्रवाई की है। तटीय इलाकों में सैकड़ों एकड़ सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके एक छोर से दूसरे छोर तक मकान और अन्य मजहबी एवं व्यावसायिक ढाँचे बना दिए गए हैं। अब इन ढाँचों को हटाया गया है। यह कार्रवाई कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच की जा रही है।
राज्य सरकार की ओर से आधिकारिक जानकारी का इंतजार है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चला है कि ध्वस्तीकरण अभियान में करीब 40 से 50 अवैध आवासीय एवं व्यावसायिक संरचनाओं को ध्वस्त किया गया है। गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने इसको लेकर सोशल मीडिया साइट X (पूर्व में ट्विटर) पर अभियान की जानकारी दी है।
બેટ દ્વારકામાં મેગા ડિમોલિશન
— ઑપઇન્ડિયા (@OpIndia_G) January 11, 2025
2022માં ગુજરાત સરકારે દ્વારકાથી જ દરિયાકાંઠાના વિસ્તારો પર બુલડોઝર ફેરવીને સરકારી જમીન ખુલ્લી કરવાનું અભિયાન ઉપાડ્યું હતું, હવે ફરી દ્વારકા પહોંચ્યાં બુલડોઝર
વિશેષ અભિયાન હેઠળ સરકારી જમીન પર અતિક્રમણ કરીને તાણી બાંધેલાં મકાનો અને અન્ય કમર્શિયલ… pic.twitter.com/y2NZTxnWJk
हर्ष संघवी ने अपने पोस्ट में लिखा, “बेट द्वारिका देश भर के करोड़ों लोगों की आस्था की भूमि है। कृष्ण भूमि में किसी भी अवैध अतिक्रमण को नहीं होने देंगे। हमारी आस्था और संस्कृति की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। गुजरात में भूपेन्द्र भाई पटेल सरकार ने अवैध अतिक्रमण के प्रति जीरो टॉलरेंस दिखाया है।”
बेट द्वारिका देश भर के करोड़ों लोगों की आस्था की भूमि है। कृष्ण भूमि में किसी भी अवैध अतिक्रमण को नहीं होने देंगे। हमारी आस्था और संस्कृति की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है।
— Harsh Sanghavi (@sanghaviharsh) January 11, 2025
Bhupendra Bhai Patel government in Gujarat has shown zero tolerance for illegal encroachment. pic.twitter.com/gaa8ZBKMoL
इस कार्रवाई के बाद बेट द्वारका में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं और कड़ी सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात कर दिया गया है। हालाँकि, इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि मंदिर में किसी तरह की अव्यवस्था न हो। वही, भगवान की पूजा-अर्चना नियमित रूप से जारी रहेगी।
ऑपरेशन के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिसकर्मियों समेत कुल एक हजार जवान शामिल हैं। प्रशासन और पुलिस विभाग के उच्च पदस्थ अधिकारियों ने इसकी सभी तैयारियाँ पहले ही कर ली थीं। ऑपरेशन के दौरान ड्रोन कैमरों से नजर रखी जा रही है। अभी यह ज्ञात नहीं है कि इस प्रक्रिया में कितना समय लगेगा, लेकिन निर्माण कार्यों की संख्या को देखते हुए इसमें कुछ समय लग सकता है।
उल्लेखनीय है कि बेट द्वारका भारत के सबसे पश्चिमी छोर है। देवभूमि द्वारका से 2 किलोमीटर दूर इस छोटे से द्वीप पर भगवान कृष्ण का मंदिर है, जो हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। हर साल यहाँ लाखों लोग भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए आते हैं। पहले यहाँ समुद्र के रास्ते ही जाया जा सकता था, लेकिन अब यहाँ पुल बन गया है।
द्वारका से ही शुरू हुआ था ध्वस्तीकरण का काम
गुजरात का समुद्र तट लगभग 1600 किलोमीटर लंबा है। इसके कई फायदे हैं, लेकिन साथ ही सुरक्षा के लिहाज से यह एक संवेदनशील इलाका भी है। गुजरात में भूपेंद्र पटेल की सरकार आने के बाद तटीय इलाकों में सुरक्षा को मजबूत करने पर ध्यान दिया गया और इसके साथ ही इन इलाकों में सालों से सरकारी जमीन पर हुए अतिक्रमण को भी चिन्हित किया जाने लगा।
साल 2022 में इन अतिक्रमण को हटाने की शुरुआत द्वारका से ही हुई और सैकड़ों एकड़ सरकारी जमीन पर बुलडोजर चलाया गया और ढाँचों को ध्वस्त किया गया था। यह कार्रवाई संभवतः गुजरात के इतिहास की सबसे बड़ी विध्वंस कार्रवाई थी। उसके बाद भी सरकार ने सोमनाथ, पोरबंदर आदि तटीय क्षेत्रों में यह कार्रवाई जारी रखी। हाल ही में सोमनाथ में भी बड़े पैमाने पर ऐसी कार्रवाई की गई।
अब बुलडोजर फिर से द्वारका पहुँच गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2022 के ध्वस्तीकरण के बाद प्रशासन को बेट द्वारका इलाके में और अतिक्रमण की जानकारी मिली। उसके बाद अतिक्रमण करने वालों की पहचान की गई। सरकारी सूत्र कह रहे हैं कि जहाँ भी अतिक्रमण होगा, वहाँ इस तरह की बुलडोजर कार्रवाई की जाएगी।