Tuesday, May 7, 2024
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अमृतसर और कपूरथला में मारे गए युवकों के खिलाफ केस दर्ज, धार्मिक भावनाएँ भड़काने का आरोप: हत्या वाली FIR से मुकरी पुलिस

कपूरथला वाली पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में 45 मिनट के दौरान अधिकारियों को 8 बार फोन कॉल्स आए और वो अपना बयान बदलते चले गए। IG के पास 5 और SSP के पास 3 फोन कॉल्स आए।

अमृतसर और कपूरथला में बेअदबी के आरोप में सिख भीड़ द्वारा दो लोगों की मॉब लिंचिंग के मामले में अब तक हत्या का मामला दर्ज नहीं किया गया है। कपूरथला वाले मामले में रविवार (19 दिसंबर, 2021) को पंजाब पुलिस की तरफ से IG गुरिंदर सिंह ढिल्लो और SSP एचपीएस खख ने पहले हत्या का केस दर्ज किए जाने की जानकारी दी, लेकिन बाद में मुकर गए। उन्होंने FIR नंबर तक बताते हुए कहा कि 4 नामजद और 100 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है।

हालाँकि, अब सामने आ रहा है कि दोनों मृतकों के खिलाफ ही IPC 295 (किसी समुदाय द्वारा पवित्र मानी जाने वाली वस्तुओं या उपासना स्थल को नष्ट करने की कोशिश कर के धार्मिक भावनाएँ भड़काना) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। कपूरथला वाली पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में 45 मिनट के दौरान अधिकारियों को 8 बार फोन कॉल्स आए और वो अपना बयान बदलते चले गए। IG के पास 5 और SSP के पास 3 फोन कॉल्स आए। निजामपुर मोड़ में डेरा चलाने वाले ने भी पुलिस को बयान किया है कि कपूरथला गुरुद्वारा में युवक चोरी के इरादे से आया था।

जबकि सिख भीड़ ने आरोप लगाया कि बेअदबी की गई और ‘निशान साहिब’ का अपमान किया गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस ने इस मामले में सरकारी कर्मियों को ड्यूटी से रोकने और उन्हें जान से मारने की कोशिश करने का मामला भी दर्ज किए जाने की बात बताई थी। पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया को खँगाला जा रहा है, जिसको माध्यम बना कर सारा मामला भड़काया गया। पुलिस ने मृतक के बारे में बताया कि वो प्रवासी मजदूर लग रहा था। बाद में पुलिस कहने लगी कि हत्या का कोई केस दर्ज नहीं हुआ है।

ये भी जानने लायक बात है कि अब तक अमृतसर और कपूरथला में मारे गए दोनों युवकों की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है। प्रशासन ये पता लगा रहा है कि कहीं दोनों एक-दूसरे को जानते तो नहीं थे और ये कोई साजिश का हिस्सा तो नहीं। आधार कार्ड डेटाबेस से दोनों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। कॉन्ग्रेस के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी हों या फिर विपक्षी शिअद, सभी इसमें साजिश की बू देख रहे हैं। पिछले 8 साल में कथित बेअदबी के 100 मामले सामने आए हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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