गुजरात के अहमदाबाद में एक गौरक्षक पर घातक हमला किया गया। उसने कुछ समय पहले गोतस्करों के खिलाफ बीफ (गोमांस) तस्करी की शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़ित गौरक्षक ने पुलिस की शिकायत में बताया है कि बीफ पकड़वाने की वजह से हमला किया गया। इस हमले का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। गौरक्षक की शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले में मोहम्मद हुसैन समेत पाँच लोगों को गिरफ्तार किया है और आगे की कार्रवाई शुरू की है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गौरक्षक पर हमले की घटना लाल दरवाजा इलाके में हुई, जो करण्ज पुलिस स्टेशन के तहत आता है। गौरक्षक मनोज बारिया ने पुलिस स्टेशन में जो शिकायत दर्ज कराई। पीड़ित के मुताबिक, वह घटना के दिन सुबह करीब 8 बजे एक दोस्त के साथ रुपाली सिनेमा के पास खड़ा था। इसी दौरान चार से पाँच लोग मास्क पहने और धारदार हथियारों व डंडों से उस पर हमला कर दिया।
इसी बीच पीड़ित ने एक हमलावर की आवाज से उसे पहचान लिया। वह हमलावर मोहम्मद हुसैन उर्फ लाइट उस्मान घाँची था। करीब तीन महीने पहले मनोज बारिया ने हुसैन और उसके साथियों के खिलाफ गाँधीनगर में 700 किलो बीफ की शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप है कि हुसैन और उसके साथियों ने इस घटना से दुश्मनी निकालते हुए गौरक्षक मनोज बारिया पर हमला किया।
इस हमले में मोहम्मद वसीम कुरेशी, मुबीन खान पठान और दो अन्य लोग शामिल थे। इस हमले का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि आरोपित अपने चेहरे पर कपड़े बाँधकर गौरक्षक को घेरकर उसे पीट रहे हैं। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया और आरोपितों को गिरफ्तार किया।
पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद पुलिस हमलावरों को घटनास्थल पर ले गई और पूरे हमले के सीन को री-क्रिएट कराया गया। करण्ज पुलिस स्टेशन ने ऑपइंडिया से बताया कि पुलिस ने जैसे ही शिकायत मिली, कार्रवाई शुरू कर दी थी। सीसीटीवी फुटेज और शिकायतकर्ता के विवरण के आधार पर पुलिस ने आरोपितों को ट्रेस किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 189(2), 191(2), 191(3), 190, 115(2), 118(1) और गुजरात पुलिस एक्ट की धारा 135(1) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अधिकारी ने आगे बताया, “रात में घटना के समय पकड़े गए आरोपितों की पूछताछ ने बाकी तीन आरोपितों की पहचान भी स्पष्ट की और बाकी तीन आरोपितों को सुबह जल्दी गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार होने के बाद सभी पाँच आरोपितों के खिलाफ नियमों के अनुसार कार्रवाई की गई और उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। वहाँ से उन्हें रिमांड पर भेज दिया गया। रिमांड मिलने के बाद हम आरोपितों को घटना स्थल पर ले गए और घटना के सीन को री-क्रिएट भी कराया।”