Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजजिस जज ने सुनाया ज्ञानवापी में सर्वे करने का फैसला, उन्हें फिर से धमकियाँ...

जिस जज ने सुनाया ज्ञानवापी में सर्वे करने का फैसला, उन्हें फिर से धमकियाँ आनी शुरू: इस बार विदेशी नंबरों से आ रही कॉल, पहले मिला था पत्र

जज का कहना है कि पिछले 20-24 दिन में 140 कोड वाले नंबरों से कई बार उन्हें धमकी भरी कॉलें आई हैं। उन्होंने इस संबंध में एसएसपी को पत्र लिखकर इस संबंध में शिकायत दी है। कंप्लेन की एक कॉपी जिला जज को भी दी गई है।

ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में सर्वे का फैसला देने वाले जज रवि कुमार दिवाकर को विदेशों से धमकी भरी कॉल आ रही हैं। जज का कहना है कि पिछले 20-24 दिन में 140 कोड वाले नंबरों से कई बार उन्हें धमकी भरी कॉलें आई हैं। उन्होंने इस संबंध में एसएसपी को पत्र लिखकर शिकायत दी है। कंप्लेन की एक कॉपी जिला जज को भी दी गई है।

बता दें कि ज्ञानवापी मामले में फैसला देने के बाद चर्चा में आए रवि कुमार दिवाकर फिलहाल बरेली में फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम में जज हैं। उन्होंने कुछ समय पहले 2010 के दंगे केस में मौलाना तौकीर रजा को मुख्य अभियुक्त बनाने वाले केस की सुनवाई की थी।

इस मामले में उन्होंने तौकीर रजा के खिलाफ वारंट जारी कर पुलिस को निर्देश दिए थे कि तौकीर रजा को अदालत में पेश किया जाए। हालाँकि इसके बाद तौकीर रजा का मामला अदालत से ट्रांसफर हो गया और फिर मौलाना को सुप्रीम कोर्ट से राहत दे दी गई मगर इसी, बीच जज को विदेशों से कॉल आना शुरू हो गईं।

जज के अनुसार, उन्होंने एसएसपी सुशील घुले को पत्र लिखकर कार्रवाई करने को कहा है। इस संबंध में एसएसपी ने भी बताया कि उन्हें न्यायाधीश का पत्र मिला है। साइबर सेल से वो मामले की जाँच करवा रहे हैं। जो भी तथ्य सामने आएँगे उसके आधार पर आगे कार्रवाई होगी।

पहले मिला था धमकी भरा पत्र

बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि जज को इस प्रकार से अंतरराष्ट्रीय नंबरों से धमकियाँ दी जा रही हों। इससे पहले उन्होंने जब ज्ञानवापी विवादित ढाँचे का फैसला दिया था उस समय उन्हें धमकी भरा पत्र मिला था। पत्र में लिखा था

“अब न्यायाधीश भी भगवा रंग में सराबोर हो चुके हैं। फैसला उग्रवादी हिंदुओं और उनसे जुड़े संगठनों को प्रसन्न करने के लिए सुनाते हैं। इसके बाद ठीकरा विभाजित भारत के मुसलमानों पर फोड़ते हैं। आप न्यायिक कार्य कर रहे हैं। आपको सरकारी मशीनरी मिली है, फिर आपकी पत्नी व माँ को डर कैसा है? आजकल न्यायिक अधिकारी हवा का रूख देखकर चालबाजी दिखा रहे हैं। आपने वक्तव्य दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का निरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है। आप भी तो मूर्तिपूजक हैं। आप मस्जिद को मंदिर घोषित कर देंगे। कोई भी काफिर मूर्तिपूजक हिंदू न्यायाधीश से मुसलमान सही फैसले की उम्मीद नहीं कर सकता।”

इस धमकी के बाद प्रशासन ने जज की सिक्योरिटी से बिना खिलवाड़ किए उसे और सख्त कर दिया था। उनके साथ 9-10 पुलिसकर्मियों को हमेशा रहने को कहा गया था। बरेली में ट्रांसफर के बाद भी उनके साथ दो सुरक्षाकर्मी हमेशा रहते हैं। हालाँकि, फिर भी सुरक्षा की चिंता करते हुए कहा जा रहा है कि आतंकियों से लड़ने के लिए 2 सुरक्षाकर्मी पर्याप्त नहीं हैं क्योंकि उनके पास हथियार भी नहीं होते, जबकि आतंकियों के पास गन होती हैं। पिछले साल जज के लखनऊ आवास के पास से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का एक सदस्य गिरफ्तार हुआ था, जिसके बाद शाहजहाँपुर एसएसपी ने जज के आवास के बाहर गनर तैनात करवाए थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -