गुजरात के तापी जिले में एक हिन्दू परिवार पर मुस्लिम भीड़ ने हमला किया। यह हमला कथित तौर पर एक जलाशय के पास नहा रहीं हिन्दू महिलाओं का वीडियो बनाने से रोकने पर हुआ। आरोप है कि मुस्लिम जलाशय के पास कपड़े बदल रहीं हिन्दू महिलाओं का वीडियो बनाना चाहते थे।
यह घटना तापी जिले के उच्छल के थुति गांव में हुई है। पीड़ित परिवार दलित है। आरोप है कि इसके बाद 15 मुसलमानों की भीड़ ने अस्पताल और सड़क पर इस परिवार को निशाना बनाया। इस मामले में उच्छल पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कर ली गई है। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है।
शिकायत के अनुसार घटना रविवार (18 मई, 2025) को हुई। इस मामले में उच्छल पुलिस ने 15 ‘अज्ञात’ मुस्लिम समूहों के खिलाफ बीएनएस की धारा 115(2), 117(2), 189(2), 190, 191(2), 191(3) और जीपी एक्ट की धारा 135 के तहत मामला दर्ज किया है।
बाँध से लेकर अस्पताल तक बनाया निशाना
FIR में लगाए आरोपों के अनुसार, सूरत के किरण अस्पताल में ड्राइवर के रूप में काम करने वाले दलित व्यक्ति प्रताप सिंह चौहान अपने परिवार और पड़ोसियों के साथ बाइक और कार से उच्छल तालुका के थुती गाँव में उकाई बाँध जलाशय तक गए थे। उनके साथ महिलाएँ और बच्चे भी थे।
वे दोपहर में इसी के पास एक जलाशय में नहाने गए थे। शिकायत के अनुसार, नहाने के बाद महिलाओं में से एक बिस्तर की चादर के पीछे अपने कपड़े बदल रही थी, इसी बीच परिवार ने देखा कि कुछ मुस्लिम व्यक्ति महिला का वीडियो बना रहे थे।
FIR में बताया गया है कि इस पर ऑब्जेक्शन करने पर एक व्यक्ति पर मुस्लिम व्यक्तियों ने हमला किया। जब यह घटना सामने आई तो दलित परिवार के सभी सदस्य एकजुट हुए और उन्होंने मुस्लिम युवक से वीडियो बनाने से मना किया। इसके बाद आरोपितों ने परिवार के सदस्यों पर हमला कर दिया।
जब पुलिस ने अपराधियों में से एक के मोबाइल फोन की जाँच की तो उसमें कोई वीडियो नहीं मिला, लेकिन दूसरे ने उन्हें अपने फोन की जाँच नहीं करने दी। इसके बाद मुस्लिम लोग इलाके से बाहर चले गए।
इसके कुछ ही देर बाद, लगभग 4 बजे, 15 से 20 की मुस्लिम भीड़ हथियारों से लैस होकर वापस लौटी और सीधा हमला शुरू कर दिया। बताया गया है कि हमले के दौरान एक हिंदू गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे सोनगढ़ अस्पताल ले जाया गया।
सोनगढ़ जाते समय मुस्लिम भीड़ के दो और लोग सड़क पर आ गए और उन्होंने गाड़ी को घेर लिया। इसके बाद यह भीड़ उस अस्पताल ही पहुँच गई जहाँ यह दलित परिवार के सदस्य भर्ती थे। यहाँ मुस्लिमों पर हँगामा करने का आरोप है।
पुलिस पर भी लगाए आरोप
पीड़ित परिवार का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वे अपने दर्दनाक अनुभव को बता रहे हैं। एक युवक ने बताया कि जब वह सोनगढ़ पुलिस के पास गया तो पुलिस ने कहा, “अच्छा हुआ तुम बच गए, वरना सोनगढ़ के मुसलमान तुम्हें मार देते।” इसके अलावा, वीडियो में किसी ने इस घटना की तुलना पहलगाम आतंकी हमले से की है।
गुजरात के तापी ज़िले के थुटी गांव में हिंदू परिवार पर हुआ हमला सभ्य समाज पर कलंक है। महिला की निजता भंग, विरोध पर लाठी-डंडे से हमला — और हमलावर निकला सोनगढ़ नगरपालिका का काउंसिलर?
— vhpkarnavati (@vhpkarnavati) May 25, 2025
क्या @GujaratPolice डर गई है या दबाव में है?#HinduFamilyAttacked #IsGujaratPoliceAfraid pic.twitter.com/IC1c6EVQg7
वहीं एक महिला ने बताया कि जब वह कपड़े बदल रही थी, तो दो मुस्लिम पुरुष और एक मुस्लिम महिला ऊपर से उसका वीडियो बनाने लगे। जब परिवार ने उनसे प्रश्न किया तो वे नीचे आ गए और बहस करने लगे। इसके अलावा, एक अन्य व्यक्ति ने भी वीडियो में घटना को शेयर किया।
मुस्लिम भीड़ ने लगाए अल्लाहू अकबर क नारे: पीड़ित
ऑपइंडिया से बातचीत में प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि मुस्लिम भीड़ ने अल्लाहू अकबर के नारे लगाते हुए उनके परिवार पर हमला किया। उन्होंने बताया कि इस हमले में महिलाएँ और बच्चे भी घायल हुए, इसके अलावा सोनगढ़ अस्पताल में मुस्लिमों का एक समूह इकट्ठा हुआ और धमकियाँ दीं।
उन्होंने आगे बताया कि सोनगढ़ पुलिस ने पहले इस मामले में आरोपितों की ही दर्ज शिकायत लिख लिया था। स्थानीय हिंदू संगठन के पदाधिकारी चंदन सिंह गोहिल ने ऑपइंडिया को बताया कि आरोपियों में से एक मुस्लिम व्यक्ति है जो स्थानीय पार्षद के तौर पर काम करता है।
उन्होंने यह भी बताया कि वह पहले भी कई अपराधों में शामिल रहा है और एक बार तो पुलिस ने उसका सार्वजनिक जुलूस भी निकाला था। उन्होंने बताया कि मुस्लिम भीड़ ने परिवार के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई और पुलिस ने उसे स्वीकार भी कर लिया।
उन्होंने बताया कि अपराधी सोनगढ़ के दबंग हैं। उन्होंने बताया कि अभी दो महीने पहले ही एक आरोपित और उसके पिता को पुलिस ने जुलूस में घुमाया था। इसके अलावा, एक हत्या के मामले में उनकी भूमिका के बारे में भी आरोप लगाए गए थे। उन्होंने स्थानीय पुलिस की भी आलोचना की।
उन्होंने संकेत दिया कि एक पार्षद भी उस समूह का हिस्सा था जो लड़ाई-झगड़ा करने के लिए आया था। हिंदू नेता ने बताया दिया कि जब आरोपितों को मामला दर्ज करने के इरादे के बारे में पता चला, तो वे तुरंत शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन गए और दावा किया कि दलित परिवार ने एक मुस्लिम महिला से छेड़छाड़ की है।
उन्होंने कहा, “इस शिकायत के पीछे कोई आधार नहीं है। असल हिंदू पुरुष अपनी पत्नियों, बच्चों और परिवारों के साथ मौजूद थे, तो वे इस तरह का कैसे काम कर सकते थे?” उन्होंने पुलिस पर मामले को निपटाने के इरादे से लगातार शिकायतें दर्ज करने का भी आरोप लगाया।
हिन्दू आदमी पर पुलिस बना रही दबाव
गोहिल ने बताया कि अधिकांश समय तक इस घटना पर किसी का ध्यान नहीं गया। हालाँकि, एक-दो दिन बाद एक हिंदू व्यक्ति ने पीड़ित परिवार का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जिससे गुजरात में इस घटना की चर्चा होने लगी। वीडियो बनाने वाला व्यक्ति सूरत का रहने वाला है।
गोहिल ने बताया कि सूरत के संबंधित क्षेत्र के पुलिस इंस्पेक्टर ने उन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया, जिसके कारण फुटेज को डिलीट कर दिया गया। हालाँकि, यह पहले ही वायरल हो चुका था। इसके बाद यह विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल संज्ञान में आया।
सोशल मीडिया पर यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है। अधिकारियों ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है और दोनों पक्षों से शिकायत भी मिली है। ऑपइंडिया से बातचीत में उच्छल थाने के पुलिस इंस्पेक्टर ने बताया कि घटना के बाद दंगा करने के आरोप में छह लोगों को पकड़ा गया है और उनके खिलाफ दो शिकायतें दर्ज की गई हैं।
गौरतलब है कि इस घटना को कई दिन बीत चुके हैं और वीडियो वायरल हुए दो दिन हो चुके हैं, लेकिन मामले के बारे में किसी भी मीडिया में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। इसके पीछे दो संभावित कारण हो सकते हैं। एक तो यह कि मीडिया को आरोपित पार्षद का डर है, जिसका खासा प्रभाव है और दूसरा यह कि पुलिस खुद मामले को दबा रही है। सच क्या है, यह पता लगाना मुश्किल है। फिर भी यह तो स्पष्ट है कि घटना को छिपाने की कोशिशें की गई हैं और जारी हैं।