Friday, October 4, 2024
Homeदेश-समाजयूपी पुलिस के हत्थे चढ़ा कानपुर दंगे का दूसरा मास्टरमाइंड निजाम कुरैशी, रहा है...

यूपी पुलिस के हत्थे चढ़ा कानपुर दंगे का दूसरा मास्टरमाइंड निजाम कुरैशी, रहा है सपा का महानगर सचिव: हिन्दू दुकानदारों के खिलाफ फैला रहा था घृणा

हाल ही में निजाम कुरैशी के नाम से चल रहे वॉट्सएप ग्रुप में हिंदुओं के प्रति घृणा देखने को मिली है। साझा स्क्रीनशॉट में हिंदू दुकानदारों से सामान लेने से मुस्लिमों को मना किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर में 3 जून को कट्टरपंथी मुस्लिमों द्वारा की गई हिंसा (Kanpur Violence) के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने जिले में हुई हिंसा के दूसरे सबसे बड़े मास्टरमाइंड सपा के पूर्व नेता निजाम कुरैशी (Nizam Qureshi) को गिरफ्तार कर लिया है। वो बीते 8 दिनों से पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। हालाँकि, शनिवार (11 जून, 2022) को बेकनगंज से एसआईटी ने उसे धर दबोचा।

निजाम कुरैशी पर आरोप है कि 3 जून को उसने बेकगंज में बाजार बंदी के नाम पर मुस्लिमों को हिन्दुओं के खिलाफ भड़काया और हिंसा शुरू होते है वहाँ से फरार हो गया ताकि पुलिस उस पर शक न करे। हालाँकि, इन सब के बावजूद उसकी इस साजिश का खुलासा हो गया।

हाल ही में निजाम कुरैशी के नाम से चल रहे वॉट्सएप ग्रुप में हिंदुओं के प्रति घृणा देखने को मिली है। साझा स्क्रीनशॉट में हिंदू दुकानदारों से सामान लेने से मुस्लिमों को मना किया जा रहा है। मैसेज में दुकानों के नाम अलग से लिखे गए हैं जिनसे किसी भी सामान की खरीददारी करने से मना किया जा रहा है। मैसेज के ऊपर ‘मुसलमानों के नाम संदेश’ साफ-साफ़ ऐसा लिखा है। इसमें हिंदू दुकानदारों के नाम के साथ बताया गया है- “जैसे इनको अपने सिर पर बैठाया है उसी तरह एकजुट होकर इन्हें सिरों से नीचे उतार भी सकते हैं।” जिस ग्रुप में ये सारी बातें हुई हैं उस ग्रुप का नाम ‘टीम निजाम कुरैशी’ है।

इतना ही नहीं 4 जून को कानपुर में दंगा करने वाले 36 दंगाइयों की लिस्ट यूपी पुलिस ने जारी की थी। उसमें भी सपा के पूर्व नेता निजाम कुरैशी का नाम था। पुलिस की एफआईआर में निजाम टॉप-5 का दंगाई है।

कौन है निजाम कुरैशी

कानपुर में हुई हिंसा के मामले में जौहर फैंस एसोसिएशन के अलावा ऑल इंडिया जमीअतुल कुरैशी एक्शन कमेटी का नाम भी सामने आया था। निजाम कुरैशी इसी संस्था का जिलाध्यक्ष है। इसके अलावा वो सपा का महानगर सचिव भी रह चुका है। इस संस्था का नाम CAA और NRC के समय हुए दंगे में भी सामने आया था

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

गिर सोमनाथ में बुलडोजर कार्रवाई रोकने से हाई कोर्ट का इनकार, प्रशासन ने अवैध मस्जिदों, दरगाह और कब्रों को कर दिया था समतल: औलिया-ए-दीन...

गुजरात हाई कोर्ट ने 3 अक्टूबर को मुस्लिमों की मस्जिद, दरगाह और कब्रों को तोड़ने पर यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश देने से इनकार कर दिया।

इतना तो गिरगिट भी नहीं बदलता रंग, जितने विनेश फोगाट ने बदल लिए

विनेश फोगाट का बयान सुनने के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है कि राजनीति में आने के बाद विनेश कितनी सच्ची और कितनी झूठी हो गई हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -