Thursday, October 3, 2024
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हिन्दुओं के पक्ष में आया ज्ञानवापी ढाँचे में अदालत का फैसला, मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज हुई: वाराणसी में धारा-144, पूरे यूपी में अलर्ट

इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर, 2022 को होगी। फैसले के बाद वकील विष्णु जैन और हिन्दू महिलाएँ खुश नजर आईं।

ज्ञानवापी विवादित ढाँचे को लेकर वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार (12 सितंबर, 2022) को फैसला सुना दिया। जिला जज अजय कृष्ण विश्वास ने ये निर्णय सुनाया। फैसला हिन्दुओं के पक्ष में आया है और याचिका को स्वीकार कर लिया गया है। अर्थात, अब श्रृंगार गौरी की पूजा के सम्बन्ध में हिन्दू महिलाओं की याचिका सुने जाने योग्य है। इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर, 2022 को होगी। फैसले के बाद वकील विष्णु जैन और हिन्दू महिलाएँ खुश नजर आईं।

वाराणसी में ज्ञानवापी विवादित ढाँचे और विश्वनाथ मंदिर को लेकर फैसला आने वाला था, इसकी सूचना आते ही यूपी पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी थी और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई इलाकों में फ्लैग मार्च भी किया गया। वाराणसी में भी चप्पे-चप्पे पर पुलिस का का पहरा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिला अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाया। हिन्दू पक्ष की तरफ के वकील मदन मोहन यादव ने दलील थी थी कि मंदिर को तोड़ कर वहाँ मस्जिद बनी।

हिन्दू पक्ष ने कहा था कि अगर उसके पक्ष में फैसला आता है तो इसके बाद ASI के सर्वे की माँग की जाएगी। साथ ही शिवलिंग के कार्बन डेटिंग की भी माँग की जाएगी। वाराणसी में एक दिन के लिए धारा-144 लगी हुई है। ज्ञानवापी ढाँचा परिसर में पूजा-पाठ की इजाजत है या नहीं, इस सम्बन्ध में हिंदू महिलाएँ अदालत पहुँची थीं। ‘अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमिटी’ ने इन महिलाओं का विरोध करते हुए कहा था कि इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।

फैसले को लेकर पूरे यूपी में हाई अलर्ट था, जो अभी भी जारी है। फैसला सुनाए जाने के समय अदालत कक्ष में वादी और प्रतिवादी मौजूद थे। हिन्दू पक्ष की तरफ से हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु जैन ने दलीलें पेश की थीं। स्कन्द पुराण से लेकर इतिहास के दस्तावेजों तक से उद्धरण दिए गए थे। कोर्ट परिसर में 300 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। ढाँचे में शिवलिंग मिलने के बाद हिन्दू पक्ष का दावा पहले ही मजबूत हो चुका था। ज्ञानवापी की तरह मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद का भी वीडियो सर्वे होगा, जिसके लिए अदालत ने आदेश जारी किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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