Thursday, April 25, 2024
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स्वच्छ भारत, समृद्ध भारत: बजट में मोदी सरकार ने पेश किया दशक का एजेंडा

सरकार की योजना अगले 5 वर्षों में बुनियादी ढाँचे में 100 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने की है। क्रेडिट को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 70 हजार करोड़ रुपए उपलब्‍ध कराने का प्रस्‍ताव भी दिया गया है।

केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को बजट पेश करते हुए कहा कि इस साल देश की अर्थव्यवस्था 3 ट्रिलियन डॉलर की हो रही है। अगले पाँच वर्षों में यह 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था होगी। अब भारत दुनिया में छठी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है। पाँच साल पहले भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था 11वें पायदान पर थी। क्रय शक्ति के आधार पर तो भारत अभी से चीन और अमेरिका के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

बजट पेश करते हुए सीतारमण ने सरकार का 10 सूत्रीय दशक का एजेंडा भी सामने रखा। जो हैं-

  • वास्‍तविक और सामाजिक बुनियादी ढाँचा तैयार करना।
  • अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में डिजिटाइजेशन को बढ़ावा।
  • हरियाली और प्रदूषण मुक्त भारत।
  • एमएसएमई, स्‍टार्ट-अप्‍स, रक्षा निर्माण, वाहनों, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स, कपड़ों, बैटरियों और चिकित्सा उपकरणों के निर्माण सेक्टर में मेक इन इंडिया को विशेष तौर पर प्रोत्साहित करना।
  • जल का प्रबंधन और नदियों की सफाई।
  • ब्लू इकोनॉमी यानी जल आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ाना।
  • अंतरिक्ष के क्षेत्र में दखल बढ़ाना। जिनमें गगनयान, चन्द्रयान और अन्य उपग्रह कार्यक्रम शामिल हैं।
  • खाद्यान्‍नों, दालों, तिलहनों, फलों और सब्जियों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनना।
  • नागरिकों की सुरक्षा पर फोकस। स्वस्थ समाज के लिए महिलाओं और बच्चों में कुपोषण दूर करना।
  • मिनिमम गवनर्मेंट, मैक्सिम गवर्नेंस के मंत्र को जन भागीदारी के साथ बढ़ाना।

उन्होंने बताया कि सरकार की योजना अगले 5 वर्षों में बुनियादी ढाँचे में 100 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने की है। क्रेडिट को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 70 हजार करोड़ रुपए उपलब्‍ध कराने का प्रस्‍ताव भी उन्होंने दिया। इसके अलावा अंतिम पाँच वर्षां में खाद्य सुरक्षा बजट को दोगुना करना, 10 हजार करोड़ रुपए के खर्च से इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाना, अफ्रीका में 18 नए भारतीय दूतावास मिशन खोलना,‍ विश्‍वस्‍तरीय पर्यटन स्‍थलों में 17 महत्‍वपूर्ण पर्यटन स्‍थलों का विकास और एक, दो, पॉँच, दस तथा बीस रुपए के सिक्कों की नई सीरिज जारी करना इस बजट की अन्य महत्वपूर्ण बातें हैं।

सीतारमण ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का पहला कार्यकाल काम करने वाली सरकार के तौर पर रहा है। इसका लाभ आखिरी छोर तक खड़े व्यक्ति को मिला है। पहले कार्यकाल में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रॉन्सफॉर्म पर फोकस किया गया। उन्होंने बताया कि अनके कार्यक्रमों में पूर्ववर्ती सरकार की तुलना में इस सरकार ने अभूतपूर्व काम किया है। मसलन, खाद्य सुरक्षा के लिए 2014 से पहले आवंटन 1.2 लाख करोड़ रुपए था, जो 2014 के बाद बढ़कर 1.8 लाख करोड़ रुपए हो चुका है। इसी तरह 2014 से पहले 4000 पेटेंट थे, जिसकी संख्या पिछले साल बढ़कर 13,000 हो गई।

  • बजट पेश करते हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि निवेश को बढ़ावा देने के लिए कम लागत वाली पूँजी आसानी से मुहैया कराने की जरूरत है। सालाना 20 लाख करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत का अनुमान लगाया गया है। इसके लिए सरकार ने कई प्रस्ताव दिए हैं। ये हैं-
  • ऋण गांरटी संवर्धन निगम।
  • इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान।
  • दीर्घकालिक बॉन्डों को मजबूती देने के लिए योजना।
  • 2018-19 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में पिछले साल की तुलना में 6 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया। विदेशी निवेश को लुभाने के लिए बजट में कुछ और पहल की गई हैं। मसलन-
  • सरकार विमानन, मीडिया (एनिमेशन, एवीजीसी) और बीमा क्षेत्रों को एफडीआई के लिए और अधिक खोलने के सुझावों पर विचार करेगी।
  • बीमा मध्यस्थता कम्पनियों में 100 प्रतिशत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की अनुमति दी जाएगी।
  • एकल ब्रांड रिटेल में एफडीआई के लिए स्थानीय आपूर्ति नियमों को आसान बनाया जाएगा।

कनेक्टिविटी को अर्थव्यवस्था की धमनी बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, औद्योगिक गलियारों, समर्पित माल भाड़ा गलियारों, भारतमाला और सागरमाला परियोजनाओं, जलमार्ग विकास और उड़ान योजनाओं के जरिए संपर्क के सभी माध्यमों को काफी बढ़ावा दिया है। औद्योगिक गलियारों के बनने से उद्योग की संभावना वाले क्षेत्रों में अपेक्षाकृत अधिक निवेश आने से इन्फ्रास्ट्रक्चर का बेहतर विकास होगा, समर्पित माल भाड़ा गलियारों से हमारे रेल नेटवर्क पर बोझ घटेगा, जिससे आम आदमी को लाभ होगा। भारतमाला कार्यक्रम से राष्ट्रीय सड़क गलियारों और राजमार्गों के विकास में मदद मिलेगी, जबकि सागरमाला से बंदरगाहों को जोड़ने और उनके आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि दुनिया के तीसरे सबसे बड़े घरेलू उड्डयन बाजार के रूप में अब भारत के लिए विमानन क्षेत्र के वित्त पोषण और जहाजों को पट्टे पर देने की गतिविधियों में शामिल होने का समय आ गया है। देश में रखरखाव और मरम्मत से जुड़े विमानन उद्योग (एमआरओ) के लिए बेहतर कारोबारी माहौल उपलब्ध कराने तथा इसमें आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भारत की क्षमताओं का लाभ उठाने का प्रस्ताव किया गया है।

उन्होंने कहा कि पारम्‍परिक उद्योगों के उन्‍नयन और पुनर्सजृन निधि योजना का लक्ष्‍य पारम्‍परिक उद्योगों को अधिक से अधिक उत्‍पादक, लाभदायक और निरंतर रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए सक्षम बनाने हेतु क्‍लस्‍टर आधारित विकास सुसाध्‍य बनाने के लिए अधिकाधिक सामान्‍य सुविधा केन्‍द्र स्‍थापित करना है। प्रमुख क्षेत्र बांस, शहद और खादी क्‍लस्‍टर है। स्‍फुर्ति के अंतर्गत 2019-20 के दौरान 100 नए क्‍लास्‍टरों की स्‍थापना की जानी है, जिससे 50,000 शिल्‍पकारों को आर्थिक मूल्‍य श्रृंखला में शामिल होने के लिए सम‍र्थ बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्‍त ऐसे उद्योगों की प्रौद्योगिकी सुधारने के लिए आजीविका बिजनेस इंक्‍यूबेटर और प्रौद्योगिकी बिजनेस इंक्‍यूबेटर स्‍थापित करने के लिए नवाचार, ग्रामीण उद्योग और उद्यमिता के संवर्धन के लिए योजना को समेकित किया गया है। इस योजना के अंतर्गत कृषि, ग्रामीण उद्योग के क्षेत्रों में 75,000 कुशल उद्यमियों को तैयार करने के लिए 2019-20 में 80 आजीविका बिजनेस इंक्‍यूबेटर और 20 प्रौद्योगिकी बिजनेस इंक्‍यूबेटर स्‍थापित किए जाएँगे।

प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत अभी तक 2 करोड़ से अधिक ग्रामीणों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाया गया है। ग्रामीण-शहरी डिजिटल अंतर को पाटने के लिए भारत नेट देश की प्रत्‍येक पंचायत के स्‍थानीय निकायों में इंटरनेट कनेक्टिविटी लक्षित कर रहा है। इसे पीपीपी मॉडल से तेजी से बढ़ाया जाएगा।

उन्‍होंने कहा कि आदिवासियों के दस्‍तावेजों, लोक गीतों, उनके विकास क्रम के फोटोचित्रों और वीडियों, उत्‍पत्ति स्‍थल, जीवनशैली, वास्‍तुकला, शिक्षा स्‍तर, पारंपरिक कला, लोकनृत्‍य तथा अन्‍य मानव विकास का संग्रह करने के लिए एक डिजिटल संग्रह बनाया गया है। इस संग्रह को और अधिक समृद्ध और सुदृढ़ किया जाएगा।

  • 2014-2019 के दौरान की उपलब्धियाँ-
  • पिछले पाँच वर्षों में भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में एक ट्रिलियन डॉलर की राशि जुड़ी है।
  • भारत विश्‍व की छठी बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बन चुका है। पाँच वर्ष पहले यह 11वें स्‍थान पर था।
  • क्रय शक्ति की समानता की के दृष्टि से भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है।
  • 2014-19 के दौरान राजकोषीय अनुशासन को सुदृढ़ बनाया तथा केन्‍द्र-राज्‍य संबंधों को गतिशीलता प्रदान की गई।
  • अप्रत्‍यक्ष करों, दिवाला मामलों तथा रियल इस्‍टेट क्षेत्र में संरचनात्‍मक सुधार किए गए।
  • 2009-14 की तुलना में 2014-19 के बीच खाद्य सुरक्षा पर प्रतिवर्ष औसतन दोगुना खर्च किया गया।
  • 2014 की तुलना में 2017-18 में तिगुने से भी पेटेंट जारी किए गए।
  • नीति आयोग की योजनाओं और समर्थन से न्यू इंडिया के निर्माण की प्रक्रिया जारी है।
  • भविष्‍य के लक्ष्‍य-
  • प्रक्रियाओं को सरल बनाना।
  • निष्‍पादन को प्रोत्‍साहित करना।
  • लालफीताशाही में कमी लाना।
  • प्रौद्योगिकी का बेहतर इस्‍तेमाल करना।
  • शुरू किए गए कार्यक्रमों और सेवाओं को गति प्रदान करना।
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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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