Thursday, December 12, 2024
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मंदिर जाने से पहले लो परमिशन, सुंदरकांड के लिए माँगो माफी: भोपाल के बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी में वॉर्डन आयशा का तुगलकी फरमान, ABVP का प्रदर्शन

कहा जा रहा है कि हाल ही में यूनिवर्सिटी परिसर में सुंदरकांड का आयोजन किया गया था। उसमें छात्राएँ भी शामिल हुई थीं। आयोजन के चलते छात्राएँ देर से हॉस्टल पहुँची थीं। इसके बाद हॉस्टल की वॉर्डन आयशा ने उन्हें आगे से तय समय यानी की शाम 7:00 से 7:30 बजे के बीच हॉस्टल लौट आना है। इससे अधिक देरी होनेे पर यूनिवर्सिटी से परमिशन लेने की हिदायत दी थी।

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी में मंदिर जाने और सुंदरकांड का पाठ करने पर हॉस्टल की छात्राओं को प्रताड़ित करने और उनसे माफानामा लिखवाया गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इसका विरोध किया है। छात्राओं का आरोप है कि हॉस्टल की चीफ वार्डन आयशा रईस ने कहा कि अगर मंदिर जाना है तो पहले यूनिवर्सिटी प्रशासन से इजाजत लेनी होगी।

इस घटना को लेकर हिंदू संगठनों ने गहरी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि अगर इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गई तो वे सड़कों पर उतरेंगे। उनका कहना है, “मोहन यादव के राज में सुंदरकांड और धार्मिक आयोजनों पर रोक नहीं सहन की जाएगी।” वहीं, भाजपा की छात्र इकाई ABVP ने इसको लेकर यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन किया है।

ABVP से जुड़े छात्र-छात्राएँ विश्वविद्यालय के मेन गेट पर एकत्रित हुए और रामधुन का आयोजन कर प्रशासन को सदबुद्धि देने की प्रार्थना की। ABVP के एक नेता ने बताया कि छात्राओं को मंदिर जाने और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने से रोकने की यह कार्रवाई निंदनीय है और वॉर्डन के निर्देश इस तुगलकी निर्देश के खिलाफ उनका विरोध जारी रहेगा।

ABVP के राष्ट्रीय महामंत्री ने ट्वीट करके मुख्यमंत्री मोहन यादव से कहा कि यह फरमान उनकी आस्था और मान्यताओं पर सीधा प्रहार है। उन्होंने विषय की गंभीरता को ध्यान में रखकर अविलंब कार्यवाई सुनिश्चित करने की माँग की। हिंदुस्तान में इस तरह का फरमान क़तई स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके बाद ABVP ने विरोध में पोस्टर भी जारी किया।

वहीं, विवाद बढ़ता देखकर चीफ वॉर्डन आयशा रईस ने कहा कि छात्राओं को कैंपस में आयोजित सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति दी जाती है। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाता है कि उनकी उपस्थिति और गतिविधियाँ नियमानुसार दर्ज हों। कभी-कभी छात्राओं के समय पर नहीं लौटने पर चिंता होती है। उन्होंने कहा कि यह अनुशासन और सुरक्षा से संबंधित मामला है।

उन्होंने आगे कहा, “यह मजहबी मुद्दा नहीं है। यह मुद्दा निपटा दिया गया था। मुद्दा कहीं जाने का नहीं है, मुद्दा अनुशासन का है। वाइस चांसलर ने एक कमिटी बना दी है, वह तहकीकात करेगी। बच्ची हमारी औलाद की तरह हैं। उन्हें कुछ नहीं होना चाहिए। वे अपने माँ-बाप से दूर रहते हैं। हम उन्हें इतना प्यार देते हैं। हम उन्हें सेफ्टी देते हैं, ताकि वह खुशहाली से अपनी पढ़ाई करें।”

वॉर्डन ने कहा, “इतना ही मामला है। इससे ‘बच्चियाँ’ नाराज हो गईं। हमारा काम ही है कि हम गार्जियन की तरह पेश आएँ। छात्राओं के आने-जाने के समय को लेकर हम रजिस्टर मेंटेन करते हैं। हमारी इस पर भी नजर रहती है कि बच्चियाँ समय से हॉस्टल लौट आ जाएँ। उनसे कहा जाता है कि बेटा लेट हो रहे हो, टाइम पर आ जाओ। मामला सुलझ गया है बच्च‍ियाँ मान गई हैं। उनकी एंट्री हो चुकी है।”

कहा जा रहा है कि हाल ही में यूनिवर्सिटी परिसर में सुंदरकांड का आयोजन किया गया था। उसमें छात्राएँ भी शामिल हुई थीं। आयोजन के चलते छात्राएँ देर से हॉस्टल पहुँची थीं। इसके बाद हॉस्टल की वॉर्डन आयशा ने उन्हें आगे से तय समय यानी की शाम 7:00 से 7:30 बजे के बीच हॉस्टल लौट आना है। इससे अधिक देरी होनेे पर यूनिवर्सिटी से परमिशन लेने की हिदायत दी थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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