Sunday, October 6, 2024
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‘गोली मारी गई, झूठे केस में फँसाने की हुई कोशिश’: कौन है मोनू मानेसर, जिसका पुलिस से भी तगड़ा है नेटवर्क, भिवानी मामले में आया नाम

हरियाणा के भिवानी में जुनैद और नासिर की जलकर हुई मौत के मामले में मोनू मानेसर नाम के गौरक्षक को आरोपित बनाया गया है। हालाँकि, मोनू ने खुद को बेगुनाह बताया और हा कि घटना के समय वह कहीं और था। मोनू मानेसर पर इस प्रकार के आरोप पहली बार नहीं लगे हैं। कुछ ही समय पूर्व ऑपइंडिया से बात करते हुए मोनू ने खुद को गौतस्करों की साजिश के निशाने पर बताया था।

इस मामले में पुलिस ने रिंकू सैनी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने रिंकू को मोनू मानेसर का करीबी बताया है। मोनू को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। उधर, मोनू मानेसर ने आरोपों पर कहा कि जिस दिन वारदात को अंजाम दिया गया, उस दिन वह गुरुग्राम में एक होटल में था। होटल के सीसीटीवी में इसका प्रूव उपलब्ध है। मोनू ने कहा कि उसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।

विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने भी इस मामले की सीबीआई जाँच की माँग की है। विहिप के केंद्रीय संयुक्त महासचिव डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा है कि इस मामले में अनावश्क रूप से बजरंग दल का नाम घसीटा जा रहा है। राजस्थान की कॉन्ग्रेस सरकार को माफी माँगनी चाहिए। बता दें कि मामला राजस्थान में दर्ज किया गया है।

कौन है मोनू मानेसर

मोनू मानेसर गोतस्करी और गोहत्या के लिए कुख्यात क्षेत्र मेवात के आसपास गोरक्षा में सक्रिय एक युवक है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोनू मानेसर का असली नाम मोहित यादव है। शादीशुदा मोनू 2 बच्चों का पिता है। मेवात और आसपास जहाँ एक तरफ कुछ नई उम्र के लड़कों को गोहत्या और गोतस्करी की तरफ धकेल दिया जाता है। वहीं कई युवा ऐसे हैं जो मोनू के साथ मिल कर गोसेवा और गोरक्षा का काम कर रहे हैं।

झूठे केस में फँसाने और हत्या की कोशिश

मोनू मानेसर ने पिछले माह ऑपइंडिया से बात करते हुए कहा था कि गोतस्करों के खिलाफ हमेशा सक्रिय रहने के चलते वो कई असामाजिक तत्वों के निशाने पर हैं। तब उन्होंने हमें बताया था कि उनके चलते कई बड़े गोहत्यारे जेलों में हैं। इसलिए उन्हें फँसाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।

बात जनवरी 2023 की है, जब एक अन्य मुस्लिम की ही गाड़ी से एक्सीडेंट में मरे वारिस नाम के कथित गौतस्कर की मौत का जिम्मेदार मोनू मानेसर को बताया गया था। उस दौरान ना सिर्फ शिकायत दर्ज करवाई गई थी, बल्कि हंगामा भी किया गया था। हालाँकि, पुलिस जाँच में ये आरोप बेबुनियाद निकले थे।

वहीं, इसी माह 7 फरवरी को मुस्लिम आबादी से घिरे एक दलित परिवार की मदद करने गुरुग्राम के पटौदी पहुँचे मोनू मानेसर और उनके साथियों को घेर लिया गया था। इस दौरान न सिर्फ पत्थर चले गए, बल्कि फायरिंग की भी शिकायत की गई थी। इस घटना में मोनू और उनकी टीम ने दलित परिवार को मुस्लिम भीड़ के हमले से बचाया था। बाद में दोनों तरफ से पुलिस में शिकायत दी गई थी।

साल 2019 में गोतस्करों का पीछा करते समय तस्करों ने मोनू को गोली मार दी थी। गोली लगने से मोनू गंभीर रूप से घायल हो गया था। ठीक होने के बाद मोनू ने गोरक्षा के अपने अभियान को और तेज किया और अपने नेटवर्क को राजस्थान तक फैलाया।

गोतस्करों के विरुद्ध बेहद तगड़ा नेटवर्क

हरियाणा और राजस्थान में गोतस्करों के खिलाफ मोनू मानेसर का बेहद तगड़ा नेटवर्क माना जाता है। कहा जाता है कि कहाँ से गोवंश उठाकर कहाँ ले जाया जा रहा है, इसकी जानकारी मोनू और उनकी टीम को पुलिस से पहले मिल जाती है।

गोतस्करों को पुलिस से पकड़वाने के बाद यह टीम गायों को देखभाल के लिए गोशाला भेज देती थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक एक दर्जन से ज्यादा गोतस्करी के केस में खुद मोनू वादी बने हुए हैं। मोनू मानेसर सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं और अपने गोरक्षा के कामों को अक्सर शेयर किया करते हैं।

पेशेवर गोतस्करों के होते हैं कई दुश्मन

ऑपइंडिया ने इस मामले पर गुरुग्राम निवासी और शिवसेना युवा प्रदेश अध्यक्ष रितुराज से बात की। रितुराज के मुताबिक जलकर मरे दोनों व्यक्ति पेशेवर गोतस्कर थे, जिनके कई दुश्मन रहे होंगे। हमें बताया गया कि मोनू को लगातार फँसाने की साजिश में एक दाँव ये भी लग रहा, जिसकी SIT जाँच करवा कर ही कोई कदम उठाया जाना चाहिए।

अलग-अलग काम करने वालों को एक साथ लपेटा

शिवसेना पदाधिकारी रितुराज ने हमें बताया कि जिन मोनू मानेसर या श्रीकांत आदि का नाम FIR में डाला गया है वो अलग-अलग टीमें बना कर काम करते हैं। उनका यह भी कहना था कि इन टीमों में आपस में कम्पटीशन जैसा माहौल रहता था फिर भी इन सभी को सामूहिक तौर पर दिखाकर गुरुग्राम और आस-पास के सभी गोरक्षकों को एक साथ फँसाने की साजिश चल रही है।

गोतस्करों को तो मुआवजा, लेकिन गोरक्षक मरे तो उनका क्या

शिवसेना नेता रितुराज ने राजस्थान सरकार द्वारा मृत गोतस्करों के परिजनों को लाखों रुपए मुआवजा देने पर अशोक गहलोत की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इसी क्षेत्र में कई गोरक्षकों को गोतस्करों के हाथों जान गँवानी पड़ी थी, लेकिन उनके घर वालों को कुछ नहीं दिया गया। रितुराज ने सवाल उठाया कि क्या कोई उन परिवारों की भी सुध लेगा, जिनके परिजन गाय बचाते हुए अब दुनिया में नहीं हैं।

लगातार साजिशों के खिलाफ राष्ट्रपति को ज्ञापन

ऑपइंडिया ने गुरुग्राम के बजरंग दल पदाधिकारी प्रवीण हिंदुस्तानी से बात की। उन्होंने कहा कि आए दिन बेवजह नए-नए मामलों में मोनू को फँसाने की साजिश चल रही है इसके खिलाफ अब यहाँ का हिन्दू समाज एकजुट है। प्रवीण के अनुसार इन साजिशों के खिलाफ आज 18 फरवरी को गुरुग्राम के DC के माध्यम से राष्ट्रपति को सारे हिन्दू संगठन मिल कर ज्ञापन प्रेषित करेंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भिवानी के लोहारू में जली हुई कार और दो जले हुए कंकाल मिले थे। जुनैद के चचेरे भाई इस्माइल ने गुरुवार (16 फरवरी 2023) को गोपालगढ़ थाने में दोनों की अपहरण और मारपीट की FIR दर्ज कराई। एफआईआर में इस्माइल ने कहा है कि बुधवार (15 फरवरी 2023) की सुबह करीब 5 बजे जुनैद और नासिर बोलेरो से बाहर गए थे। लेकिन वे लौट कर घर नहीं आए।

बाद में पुलिस को एक बोलेरो गाड़ी में दो जली हुई लाश मिली। कहा जा रहा है कि ये दोनों लाशें जुनैद और नासिर की है। स्थानीय लोग दोनों को गोतस्कर के रूप में जानते हैं। इस मामले में राजस्थान पुलिस ने मोनू मानेसर, रिंकू सैनी सहित कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान के बाद इसमें राजनीति होने लगी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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