बुधवार (21 मई 2025) को, छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों ने नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी और ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। एक एंटी-नक्सल ऑपरेशन में पुलिस ने नक्सलियों के चीफ नम्बाला केशव राव उर्फ बसवराजू उर्फ गगन्ना को मार गिराया है। यह भारत में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एक मील का पत्थर है, क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ है जब नक्सलियों के सर्वोच्च नेता को सुरक्षाबलों ने ढेर किया है।
कौन था बसवराजू?
बसवराजू (असली नाम नम्बाला केशव राव) भारत में नक्सली संगठन सीपीआई-माओवादी का चीफ और मास्टरमाइंड था।उसे नक्सली आंदोलन की रीढ़ माना जाता था और पूरे देश में नक्सल संगठन के संचालन की जिम्मेदारी उसी पर थ।. जिस तरह अलकायदा का चीफ ओसामा बिन लादेन या लिट्टे का चीफ प्रभाकरण था, उसी तरह भारत में नक्सलियों का चीफ बसवराजू था। उसकी मौत को अबूझमाड़ में नक्सलवाद पर सुरक्षाबलों की सबसे गहरी चोट माना जा रहा है।
कितने करोड़ का था इनाम?
भारत सरकार ने बसवराजू पर 1.5 करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था, हालाँकि कुछ रिपोर्टों के अनुसार यह इनाम 1 करोड़ तक था। यह राशि उसकी खतरनाक गतिविधियों और देश के लिए खतरे को दर्शाती है।
कहाँ की थी पढ़ाई?
बसवराजू एक पढ़ा-लिखा माओवादी था। उसने वारंगल के रिजनल इंजीनियरिंग कॉलेज (REC) से B.Tech (इंजीनियरिंग) की पढ़ाई की थी। यह विरोधाभास है कि एक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट देश के सबसे बड़े आंतरिक सुरक्षा खतरों में से एक का नेतृत्व कर रहा था।
किन हथियारों का करता था इस्तेमाल?
बसवराजू हमेशा अपनी सुरक्षा के लिए AK-47 राइफल साथ रखता था। वह छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के इलाकों में एक्टिव था। उसे युद्ध कला (वारफेयर) में माहिर माना जाता था और वह सैन्य कमान संभालने और आक्रामक हमलों की रणनीति बनाने में विशेषज्ञ था। वह पार्टी के केंद्रीय सैन्य आयोग के प्रभारी के तौर पर भी काम करता रहा था।
संगठन में भूमिका और अन्य नाम
बसवराजू 24 सालों से पोलित ब्यूरो सदस्य के तौर पर काम कर रहा था। 2018 में गणपति के बाद उसे संगठन के महासचिव की जिम्मेदारी मिली थी। उसे कई अन्य नामों से भी जाना जाता था, जैसे नंवबल्ला केशव राव गनगन्ना, विजय, दरपू नरसिम्हा रेड्डी, नरसिम्हा, प्रकाश और कृष्णा. बताया जाता है कि उसने साल 1970 में अपना घर छोड़ दिया था।
ऑपरेशन का परिणाम
इस मुठभेड़ में बसवराजू सहित कुल 27 नक्सली मारे गए हैं, जिनमें कई अन्य (CC) सेंट्रल कमेटी के सदस्य भी शामिल हैं। इस ऑपरेशन में पुलिस बल का 1 सहयोगी शहीद हुआ है, जबकि 1 जवान घायल हुआ है, जिसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद मुक्त होगा भारत – अमित शाह
गृहमंत्री अमित शाह ने X (पहले ट्विटर) पर इस सफलता की सराहना की है और कहा कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद मुक्त होगा भारत।
A landmark achievement in the battle to eliminate Naxalism. Today, in an operation in Narayanpur, Chhattisgarh, our security forces have neutralized 27 dreaded Maoists, including Nambala Keshav Rao, alias Basavaraju, the general secretary of CPI-Maoist, topmost leader, and the…
— Amit Shah (@AmitShah) May 21, 2025
अमित शाह ने लिखा, “यह पिछले तीन दशकों में पहली बार है जब भारत में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में महासचिव स्तर का कोई शीर्ष नेता सुरक्षाबलों के हाथों मारा गया है. यह हमारे बहादुर सुरक्षाबलों और एजेंसियों के लिए एक बहुत बड़ी सफलता है।”