जहाँ एक तरफ महाराष्ट्र कोरोना से बेहाल है, वहीं दूसरी तरफ रमजान के महीने में पाबंदियों में ढील देने के लिए राज्य के मुस्लिम नेताओं ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है। ‘रज़ा अकादमी’ नामक संस्था ने उद्धव को पत्र लिख कर कहा है कि रमजान के दौरान मुस्लिमों को रियायत दी जाए और कोरोना के नाम पर पाबंदियाँ न थोपी जाएँ। पिछले साल भी रमजान के दौरान इफ्तार व अन्य मजहबी कार्यक्रमों के दौरान कोरोना दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया था।
महाराष्ट्र की सरकार ने कहा है कि वहाँ किसी भी प्रकार के धार्मिक कार्यक्रम के लिए प्रशासन की अनुमति लेनी ज़रूरी है और भीड़ नहीं जुटाई जा सकती। पिछली बार भी रमजान के दौरान सरकार ने इस तरह की अनुमति नहीं दी थी। इस बार रमजान सोमवार (अप्रैल 12, 2021) से शुरू हो रहा है, जो एक महीने बाद ख़त्म होगा। इस दौरान मुस्लिम रोजा रखते हैं और शाम को इफ्तार के दौरान रोजा तोड़ते हैं।
इस हिसाब से इस बार ईद मई 12 को पड़ेगा। ईद के दौरान बाजारों में खासी चहल-पहल रहती है, ऐसे में सरकार के लिए लोगों के जुटान को नियंत्रित करना एक कठिन कार्य हो सकता है। हाल ही में होली के दौरान बृहन्मुम्बई महानगरपालिका (BMC) ने विज्ञापन देकर कहा था कि अगर किसी ने सार्वजनिक रूप से होली खेलने का प्रयास किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने शिवसेना को ‘मुस्लिम सेना’ नाम रखने की सलाह दी थी।
#NewsAlert | Maharashtra: Muslim leaders write to CM Uddhav Thackeray seeking relaxations for Ramzan.
— TIMES NOW (@TimesNow) April 7, 2021
Kajal Iyer with details. pic.twitter.com/VCCuBnKH7l
महाराष्ट्र में कोरोना के कारण स्थिति खासी बदतर है। यहाँ 4,82,273 सक्रिय कोरोना के मामले हैं और पिछले 1 दिन में 55,469 नए मामले सामने आए। देश में फ़िलहाल कुल 8,38,669 कोरोना के सक्रिय मरीज हैं, जिनका 57.5% महाराष्ट्र में है। पिछले एक दिन में भारत में कोरोना के 1,15,312 नए कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए, जिनमें से 48.1% महाराष्ट्र से आए। 1 दिन में 630 मरने वालों में से भी 297 (47.14%) महाराष्ट्र के ही हैं।