Saturday, May 4, 2024
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‘जीवित या मृत… हम महादेव के पास जरूर पहुँचेंगे’: हिंदुओं को न मिले ज्ञानवापी, इसलिए 50-60 हजार की मुस्लिम भीड़ ने रोका था रास्ता, वकील की आपबीती

विष्णु शंकर ने बताया, "वो पूरी भीड़ टोपी लगाए हुए थी और एक ख़ास तरीके का इसका पहनावा था। आप आसानी से पहचान सकते थे कि यह मुस्लिम हैं। मैं और मेरे पिताजी गाड़ी में थे और मैदागिन क्रासिंग से काशी विश्वनाथ के गेट नम्बर 4 की तरफ जा रहे थे।"

वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया है कि मई 2022 के दौरान जब वह और उनके पिता हरिशंकर जैन वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी ढाँचे के सर्वे के लिए जा रहे थे तब उनकी गाड़ी को कैसे मुस्लिम भीड़ ने घेर लिया था। यह भीड़ इन दोनों को ज्ञानवापी ढाँचे तक नहीं पहुँचने देना चाहती थी।

विष्णु शंकर जैन के इस बुरे अनुभव को विक्रम संपत की आगामी किताब में भी जगह दी जाएगी। यह किताब काशी पर ही लिखी गई है। इसी किताब के लिए किए गए एक इंटरव्यू का एक छोटा हिस्सा एक्स (पहले ट्विटर) पर आनंद रंगनाथन ने डाला है।

विष्णु शंकर और उनके पिता हरिशंकर जैन, दोनों ही इस ज्ञानवापी के विवादित ढाँचे के मामले में हिन्दू पक्ष की तरफ से लड़ रहे हैं। उनको बीते वर्ष ज्ञानवापी ढाँचे तक पहुँचने से रोकने के लिए अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद ने यह भीड़ इकट्ठी की थी। ज्ञानवापी ढाँचे का यह सर्वे न्यायालय के आदेश पर ही हो रहा था। विष्णु शंकर जैन ने बताया कि वीडियोग्राफी सर्वे वाले दिन की यादें उनके हृदय में अभी भी ताजा हैं।

उन्होंने बताया, “यह 5 या 6 मई 2022 का दिन था जब ज्ञानवापी ढाँचे के अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के सेक्रेटरी ने कहा था कि वह ढाँचे के भीतर का वीडियोग्राफी सर्वे नहीं होने देंगे। उनके ही कहने पर 50 से 60 हजार मुस्लिमों ने मैदागिन से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नम्बर 4 का रास्ता जाम कर दिया था।”

आगे विष्णु शंकर ने बताया, “यह पूरी भीड़ टोपी लगाए हुए थी और एक ख़ास तरीके का इसका पहनावा था। आप आसानी से पहचान सकते थे कि यह मुस्लिम हैं। मैं और मेरे पिताजी गाड़ी में थे और मैदागिन क्रासिंग से काशी विश्वनाथ के गेट नम्बर 4 की तरफ जा रहे थे।”

उन्होंने कहा, “कुछ देर के लिए हमें लगा कि हम कभी भी वहाँ तक नहीं पहुँच सकेंगे। हमें लग रहा था कि हम पर हमला हो जाएगा और यह लोग गेट नम्बर 4 तक पहुँचने नहीं देंगे। मैंने इस स्थिति में अपने पिता की तरफ असहाय होकर देखा। उन्होंने मुझे धैर्य के साथ बताया कि हम आज महादेव के पास जरूर पहुँचेंगे चाहे जीवित या फिर मृत।”

विष्णु शंकर ने कहा कि इस घटना के कुछ ही दिनों के बाद ढाँचे के अंदर स्थित वुजुखाने से ना केवल शिवलिंग मिला बल्कि स्वास्तिक, नंदी बैल और कमल जैसे कई हिन्दू चिन्ह विवादित ढाँचे की दीवारों पर मिले।

गौरतलब है कि 8 मई 2022 को न्यायालय को आदेश देकर ढाँचे की वीडियोग्राफी रुकवानी पड़ी थी क्योंकि यहाँ पर इकट्ठा भीड़ सर्वे वाली टीम को ढाँचे के अंदर सर्वे नहीं करने दे रही थी। टीम ने बाहर सर्वे पूरा कर लिया था लेकिन उन्हें भीड़ अंदर नहीं घुसने देना चाहती थी।

इस मामले में हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को ढाँचे के अंदर सर्वे करने की अनुमति दे दी है। उसने अंजुमन इंतेजामिया कमेटी की इस सर्वे को रोकने वाली याचिका को खारिज कर दिया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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