Tuesday, March 4, 2025
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साल भर में मुस्लिम 1 लाख+ बढ़े, हिंदू केवल 1099: केरल में ‘डेमोग्राफी चेंज’ से थिंक टैंक ने किया आगाह, कुल आबादी में हिंदुओं से कम हिस्सेदारी पर बच्चे पैदा करने में काफी आगे

CPS ने अपने विश्लेषण में पाया कि 2016 के बाद से केरल के भीतर सबसे अधिक बच्चे मुस्लिम समुदाय में पैदा हो रहे हैं। CPS के अनुसार, साल 2021 में मुस्लिम समुदाय में 1 लाख 4 हजार लोग नए जुड़े हैं जबकि मात्र हिन्दुओं की आबादी मात्र 1099 बढ़ी है। ईसाइयों की आबादी तो 6218 घट गई है।

केरल में हिन्दुओं के मुकाबले आधी आबादी वाला मुस्लिम समुदाय सबसे ज्यादा बच्चे पैदा कर रहा है। यह सिलसिला लगातार जारी है। केरल में पैदा होने वाले लगभग 44% बच्चे मुस्लिम हैं। हिन्दू उनसे दुगनी आबादी में होने के बाद भी बच्चे पैदा करने के मामले में 41% के आसपास हैं। दूसरी तरफ मुस्लिमों में मौतों की संख्या उनकी आबादी के मुकाबले कहीं कम हैं। मुस्लिमों में लगातार हर साल लाखों की संख्या में नए लोग जुड़ रहे हैं। यह सारी बातें एक हालिया रिपोर्ट में सामने आई हैं। यह रिपोर्ट एक थिंक टैंक ने जारी की है।

सेंटर फॉर पॉलिसी स्टडीज थिंक टैंक ने 30 जनवरी, 2025 को एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट का नाम रिलीजियस डेमोग्राफी इन इंडिया: राइजिंग रिलीजियस इम्बैलेंस है। इस रिपोर्ट में केरल के हिन्दू, मुस्लिम और ईसाइयों समेत बाकी समुदाय के 2008 से 2021 तक के आँकड़ों पर शोध किया गया है। रिपोर्ट में इन समुदायों में हुए नए जन्म, मौतें और उसके आबादी पर होने वाले असर के विषय में बात की गई है। रिपोर्ट में पाया गया है कि सभी कारणों के चलते बीते कुछ समय में केरल के भीतर मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ी है।

हिन्दुओं से ज्यादा बच्चे मुस्लिमों में पैदा हो रहे

CPS ने अपने विश्लेषण में पाया कि 2016 के बाद से केरल के भीतर सबसे अधिक बच्चे मुस्लिम समुदाय में पैदा हो रहे हैं। 2016 में केरल में 2 लाख 7 हजार हिन्दू बच्चे पैदा हुए जबकि इसी दौरान 2 लाख 11 हजार मुस्लिम बच्चे पैदा हुए। यही हाल 2017 में रहा जब 2 लाख 10 हजार 71 हिन्दू बच्चे पैदा हुए लेकिन मुस्लिम बच्चों की संख्या 2 लाख 16 हजार 525 रही। यही रुझान 2020 तक चलता रहा। केवल 2021 ऐसा साल रहा जब हिन्दू बच्चों की संख्या ज्यादा हुई। यह आँकड़ा नीचे लगे ग्राफ से समझिए।

इस ग्राफ से साफ़ है कि केरल में 2016 के बाद से लगातार हिन्दू बचे कम पैदा हो रहे हैं। यह तब हो रहा है जब राज्य में हिन्दुओं की आबादी लगभग 55% है और मुस्लिमों की आबादी लगबग 27% है। दोनों आँकड़ों को आपस में मिलाकर समझा जाए तो, पता चलता है कि आधी आबादी में होने के बावजूद मुस्लिम हिन्दुओं से ज्यादा बच्चे पैदा कर रहे हैं। यह बदलाव 2016 के पहले धीमे धीमे आ रहा था जब हिन्दू बच्चों की संख्या लगातार घट रही थी। यह आँकड़े CPS द्वारा दिए गए इस चार्ट से समझिए।

चार्ट में साफ़ है कि 2008 में केरल में पैदा होने वाले बच्चों में 45% बच्चे हिन्दू थे जबकि 36% बच्चे मुस्लिम थे। ईसाइयों की संख्या लगभग 17.5% थी। लेकिन 2020 आते-आते पैदा होने वाले कुल बच्चों में हिन्दू बच्चों की संख्या घट कर 41.4% पर आ गई जबकि इसी दौरान मुस्लिम बच्चों का कुल जन्म में हिस्सा बढ़ कर 44% तक पहुँच गया। इसी दौरान कुल जन्मे बच्चों में ईसाइयों का हिस्सा घट कर लगभग 18% से घट कर 14% के नीचे आ गया।

हिन्दुओं से 5 गुना तेजी से बढ़े मुस्लिम

CPS रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि केरल में बीते बीते लगभग 3 दशकों में टोटल फर्टिलिटी रेट (TFR) में तेज गिरावट आई है। एक महिला जितने बच्चों को 15-49 वर्ष की आयु में जन्म देती है, उसे TFR कहते हैं। इसका औसत ही राज्य का TFR होता है। किसी भी समुदाय की आबादी जितनी है, उतनी ही बनी रहे, इसके लिए औसत TFR 2.1 होना चाहिए। 2023 के एक सर्वे के हिसाब से, केरल में मुस्लिमों का TFR अभी भी 2.25 है जबकि हिन्दुओं में यह 1.53 पहुँच चुका है।

CPS की रिपोर्ट बताती है कि इन सब बदलावों का फर्क राज्य की आबादी पर तेजी से पड़ा है। CPS ने पाया है कि 1950 के बाद से मुस्लिम सबसे तेजी से केरल में बढ़ रहे हैं। 2001 से 2011 के बीच केरल में हिन्दुओं की आबादी जहाँ मात्र 2.23% और ईसाइयों की आबादी केवल 1.38% बढ़ी तो वहीं मुस्लिम इस बीच 12.8% बढ़े। यह ट्रेंड इससे पहले से भी चालू है।

मौतों का आँकड़ा भी हिन्दुओं का ज्यादा

CPS ने अपने विश्लेषण में पाया है कि जहाँ 2008-21 के बीच पैदा होने वाले बच्चों में मुस्लिमों का हिस्सा उनकी आबादी से कहीं ज्यादा है वहीं राज्य में होने वाली मौतों में यह हिस्सेदारी उनकी आबादी के मुकाबले कम है। CPS रिपोर्ट बताती है कि 2008 से 2021 के बीच केरल में होने वाली मौतों में मुस्लिमों का हिस्सा लगभग 20% के आसपास रहा है जो उनकी आबादी 26.5% की तुलना में कहीं कम है। इसके उलट मौतों में हिन्दुओं का प्रतिशत लगभग 60% रहा है। ईसाइयों में भी मौतों की संख्या उनकी आबादी के हिसाब से बराबर रही है।

केरल की आबादी में हर साल जुड़ रहे 1 लाख+ मुस्लिम

CPS की रिपोर्ट बताती है कि केरल की आबादी में हर साल सबसे ज्याद लोग मुस्लिम समुदाय में ही जुड़ रहे हैं। यह आँकड़ा CPS ने केरल में हर समुदाय में हर साल होने वाली मौतों और हर साल पैदा होने वाले बच्चों के बीच अंतर निकाल कर तैयार किया है। CPS के अनुसार, साल 2021 में मुस्लिम समुदाय में 1 लाख 4 हजार लोग नए जुड़े हैं जबकि मात्र हिन्दुओं की आबादी मात्र 1099 बढ़ी है। ईसाइयों की आबादी तो 6218 घट गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, हिन्दुओं की आबादी में बढ़ोतरी की संख्या लगातार कम होती जा रही है। यदि यही ट्रेंड रहा तो कुछ सालों में हिन्दू आबादी घटने लगेगी। हालाँकि, मुस्लिम आबादी में लगातार 1 लाख से अधिक लोग हर साल 2008 के बाद से जुड़े हैं। रिपोर्ट बताती है कि 2011-20 के बीच उनका आबादी में हिस्सा 26% से बढ़ कर 29% के पार जा चुका है। वहीं हिन्दुओं का केरल की आबादी में हिस्सा घट रहा है। रिपोर्ट बताया गया है कि आने वाले समय में यह अंतर और बढ़ता जा सकता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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