सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (अगस्त 17, 2020) को IIT-JEE और NEET की परीक्षा को टालने वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अब और देरी छात्रों के कीमती समय की बर्बादी होगी। इस फैसले के बाद सितंबर में परीक्षाओं का होना भी लगभग तय हो गया।
याचिका खारिज करते हुए जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की खंडपीठ ने कहा कि कोरोना के कारण देश में सब कुछ रोका नहीं जा सकता।
जस्टिस मिश्रा ने कहा, “क्या देश में सब कुछ रोक दिया जाए? (बच्चों का) एक कीमती साल को यूँ ही बर्बाद हो जाने दिया जाए?” पीठ ने अदालत की कार्रवाई का हवाला देते हुए कहा कि इस महामारी में कोर्ट लगातार चल रहा है। ऐसे में उचित सुरक्षा उपकरणों के साथ परीक्षा भी हो सकती हैं।
पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों को रिकॉर्ड में लिया है जिसमें उन्होंने आश्वासन दिया था कि एग्जाम के दौरान नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा हर सावधानी बरती जाएगी।
बता दें अब जेईई परीक्षा 1 सितंबर से 6 सितंबर तक आयोजित की जाएगी, वहीं नीट परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित की जाएगी। ये भी कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद आज या एक दो दिन में कभी भी जेईई मेन के एडमिट कार्ड जारी हो सकते हैं।
गौरतलब है कि 11 राज्यों के 11 छात्रों ने देश में तेजी से बढ़ रहे कोविड-19 महामारी के मामलों की संख्या के मद्देनजर जेईई मेन और नीट यूजी परीक्षाएँ स्थगित करने के अनुरोध के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
याचिका में कोरोना वायरस महामारी का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय परीक्षा एजेन्सी (एनटीए) की 3 जुलाई की नोटिस रद्द करने का अनुरोध किया गया था। साथ ही प्रशासन से परीक्षा केंद्र की संख्या बढ़ाने की भी माँग थी।
याचिकाकर्ता ने कहा था कि प्रशासन बिहार, असम, नॉर्थ ईस्ट राज्यों के तमाम छात्रों को नहीं नकार सकते जो बाढ़ से प्रभावित हैं और जिनके लिए ऐसी स्थिति में ऑफलाइन या ऑनलाइन किसी भी रूप में परीक्षा देना आसान नहीं है।