पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं व समर्थकों के खिलाफ हुई हिंसा का दौर अभी भी नहीं थमा है। इस दौरान वहाँ इस तरह की घटनाओं की जाँच करने जाने वालों को भी नहीं बख्शा जा रहा है। कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)’ ने इन घटनाओं की जाँच के लिए टीम गठित की थी। इसी टीम के सदस्य आतिफ रशीद के साथ बंगाल में बदसलूकी हुई है।
आतिफ रशीद ने बताया, “मैं NHRC की जाँच टीम के सदस्य के नाते जाधवपुर में दंगा प्रभावित इलाक़े का दौरा करने गया था। वहाँ गुंडों द्वारा मेरे साथ अभद्र बर्ताव किया गया। मैंने वहाँ पर 40 से ज़्यादा घर टूटे हुए पाए और उनकी रिकॉर्डिंग की, जिसके बाद ये लोग खुल्लम-खुल्ला मुझे भी धमकी दे रहे थे। जब यह घटना मेरे साथ हुई, तब स्थानीय पुलिस चुप-चाप ग़ायब हो गई, ताकि ये लोग खुल कर मेरे साथ बुरा सुलूक कर सकें।”
उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनके साथ बदसलूकी करने वाले राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के लोग थे और यही वो लोग थे, जिन्होंने इन घरों को ध्वस्त किया था। उन्होंने देखा कि भाजपा समर्थकों के घर जला दिए गए थे और ध्वस्त कर दिए गए थे। भाजपा से जुड़े रहे आतिफ रशीद ‘राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NMC)’ के उपाध्यक्ष भी हैं। साथ ही वो DU के सत्यवती कॉलेज में छात्र संघ के अध्यक्ष रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मौके पर पहुँचते ही जाँच टीम को घेर लिया गया और गुंडों ने पत्थरबाजी का भी प्रयास किया। NHRC के राजीव जैन की अध्यक्षता में ये टीम 3 दिन के पश्चिम बंगाल दौरे पर गई थी। इस टीम में एक सदस्य ‘राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW)’ की भी थी। जून 18 को ही कोर्ट में बंगाल में चल रहे मानवाधिकार उल्लंघन की जाँच के लिए कमिटी गठित करने को कहा था। स्थानीय गुंडे उन्हें कैसे धमका रहे हैं, इसके कई वीडियो भी सामने आए हैं।
आतिफ रशीद को धमकी देने वालों में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएँ भी शामिल थीं। वीडियो में आतिफ रशीद बार-बार उन्हें समझा रहे हैं कि वो इस तरह का व्यवहार नहीं कर सकते और वो पीछे हट जाएँ। वहीं एक वीडियो में उन्होंने भीड़ से हट कर कैमरे के सामने अपनी बात रखी। उन्होंने आरोप लगाया कि जैसे ही स्थानीय लोगों ने उन पर हमला बोला, पश्चिम बंगाल पुलिस वहाँ से चली गई। उन्होंने कहा कि ये वीडियो कलकत्ता हाईकोर्ट में एक सबूत के रूप में काम करना चाहिए, जो दिखाता है कि किस तरह बंगाल में आतंक का राज चल रहा है।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद पोस्ट पोल वॉइलेन्स की जाँच कर रही टीम क्व सदस्य के नाते आज जब मैं जाधवपुर पहुंचा तो मैंने 40 से ज़्यादा घर टूटे हुए व जले हुए पाए और उसके रहने वालों का कोई अता पता नहीं था कुछ लोकल गुंडों ने हमारा भी घेराव किया हमें काम नहीं करने दिया पथराव की भी कोशिश की pic.twitter.com/kogy4GB3DI
— Atif Rasheed (@AtifBjp) June 29, 2021
आतिफ रशीद ने ऑपइंडिया से बात करते हुए बताया कि उन्हें जमीन पर जाकर वहाँ की स्थिति का आकलन करने को कहा गया था। उन्होंने बताया कि न सिर्फ जाधवपुर में 40 घर जले और ध्वस्त किए हुए मिले, बल्कि कई भाजपा कार्यकर्ताओं का 2 महीने से कोई अता-पता नहीं है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ये घर भाजपा कार्यकर्ताओं के थे और इनका ये हाल करने वाले तृणमूल के गुंडे हैं। उन्होंने बताया कि शिकायत के बावजूद पुलिस ने कोई FIR नहीं दायर की।
Mr Atif Rasheed, who went to Jadavpur as a member of the Fact-Finding Committee constituted by the HC (As a Vice Chairman of Minority Commission) finds BJP houses burnt and vandalised. He has been threatened by TMC goons.#politicalviolence
— Nupur J Sharma (@UnSubtleDesi) June 29, 2021
We spoke to Mr Rasheed. Story soon. pic.twitter.com/ToLVxBvjND
इसकी ही जाँच के दौरान लोगों ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया और धमकाने लगे। वो स्थिति का आकलन करते हुए वीडियो बना रहे थे, इसीलिए ये लोग भड़क गए। पश्चिम बंगाल में 2 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद से अब तक कई भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की ख़बरें आ चुकी हैं। खासकर हिन्दू समाज को इसका दंश झेलना पड़ा। मारपीट से लेकर यौन शोषण तक का सहारा लेकर TMC के गुंडों पर भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने के आरोप लगे।