जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत हुई है। मृतकों में कानपुर के रहने वाले शुभम द्विवेदी भी शामिल हैं। आतंकियों ने उनकी पत्नी के सामने ही उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। शुभम की दो महीने पहले ही शादी हुई थी। वह पत्नी और परिवार के 11 सदस्यों के साथ कश्मीर घूमने गए थे। शुभम 23 अप्रैल को वापस लौटने वाले थे।
बता दें कि 12 फरवरी 2025 को शुभम का विवाह ऐशान्या के साथ हुआ था। शादी के बाद पूरे परिवार ने कश्मीर घूमने की योजना बनाई थी और 17 अप्रैल को वे सभी कश्मीर पहुँचे थे। जिस समय शुभम की हत्या की गई, उस समय वे पत्नी ऐशान्या के साथ घुड़सवारी करने के लिए ऊपर पहाड़ी पर निकले थे। वहीं, शुभम के पिता और अन्य परिजन नीचे ही ही रुक गए थे।
मृतक शुभम की पत्नी ऐशान्या ने बताया कि जब वे घुड़सवारी कर रहे थे, उसी समय हमलावर आए। आतंकियों ने उनसे उनका नाम पूछा और कलमा पढ़ने को कहा। इसके बाद आतंकियों ने उन्हें गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने आनन-फानन में उन्हें कश्मीर भेजा। कश्मीर के अस्पताल में शुभम की उपचार के दौरान मौत हो गई।
पिता की सीमेंट कंपनी में काम करते थे शुभम
शुभम द्विवेदी मूल रूप से कानपुर के महाराजपुर क्षेत्र के गाँव हाथीपुर रघुवीरनगर के रहने वाले थे। 31 साल के शुभम के पिता डॉक्टर संजय द्विवेदी सीमेंट के डिस्ट्रीब्यूटर हैं। वह पिता के साथ ही काम करते थे। शुभम के चाचा ज्योतिषाचार्य मनोज द्विवेदी ने बताया कि शुभम के पिता, माँ सीमा द्विवेदी, बहन आरती, बहनोई, उनके दो बच्चे, ससुर और सास पहाड़ी के नीचे ही रुके थे।
वहीं, शुभम और उनकी पत्नी ऐशान्या पहलगाम में घुड़सवारी करने के लिए दोपहर लगभग एक बजे गए थे। लगभग सवा दो बजे के करीब दो से तीन आतंकवादी सेना की वर्दी में आए और ताबड़तोड़ गोलीबारी करने लगे। हमलावरों ने एक गोली शुभम के माथे पर मारी और वह गिर गए। इस दौरान उनकी पत्नी बेहोश हो गई। पिता को घटना की जानकारी मिली तो वो बेटे और बहु को ढूँढने के लिए निकल गए।
शाम को पुलिस ने उनके पिता से शुभम के शव की पहचान कराई। चचेरे भाई सौरभ द्विवेदी ने बताया, “पहलगाम आतंकी हमले के बाद परिवार ने वीडियो भेजा। कहा कि ये देखो शुभम को क्या हो गया है। इसके एक बॉडी दिख रही थी। देखकर लगा कि उसके माथे में गोली मारी गई है। इसके बाद हमने परिवार के बाकी लोगों को जानकारी दी।”
सौरभ ने आगे कहा कि आतंकियों ने उनकी भाभी एशान्या को यह कहते हुए छोड़ दिया कि ‘जाओ अपनी सरकार को बता दो’। सौरभ ने सरकार से माँग की है कि उनका भाई शुभम जिस भी हाल में है, वैसे ही उनके शव को कानपुर पहुँचाया जाए।