Friday, October 4, 2024
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…तो सचिन वाजे के ‘नंबर 1’ थे परमबीर सिंह, 12 चश्मदीदों ने क्राइम ब्रांच को कैमरे पर बताई वसूली की कहानी: रिपोर्ट

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जाँच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) को वाजे ने बताया था कि वह देशमुख के लिए 'नंबर 1' इस्तेमाल ​करता था। लेकिन, मुंबई क्राइम ब्रांच का दावा है कि 'नंबर 1' सिंह थे।

मुंबई के पुलिस कमिश्नर रहे परमबीर सिंह की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। मुंबई क्राइम ब्रांच ने उन पर लगे वसूली के आरोपों में से एक में 12 चश्मदीदों के बयान कैमरे पर रिकॉर्ड किए हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इससे पता चलता है कि मुंबई पुलिस का बर्खास्त सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे उनके लिए ही वसूली करता था।

मिड डे की रिपोर्ट के अनुसार इन चश्मदीदों ने अपने बयान में कहा है कि उन्होंने वाजे को ‘प्रोटेक्शन मनी’ दी थी। यह पैसा कथित तौर पर परमीबर सिंह के पास गया था, जिसे वाजे ‘नंबर 1’ कहता था।

क्राइम ब्रांच ने इस मामले में 12 अक्टूबर को सिंह को तलब किया था, लेकिन वे हाजिर नहीं हुए। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जाँच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) को वाजे ने बताया था कि वह देशमुख के लिए ‘नंबर 1’ इस्तेमाल ​करता था। लेकिन, मुंबई क्राइम ब्रांच का दावा है कि ‘नंबर 1’ सिंह थे। उल्लेखनीय है कि मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से छुट्टी के बाद परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने वाजे को वसूली का टारगेट दिया था।

सूत्रों के अनुसार चश्मदीदों ने क्राइम ब्रांच को बताया है कि वाजे सिंह को ‘नंबर 1’ कहता था और उनके लिए पैसे वसूलता था। सिंह, वाजे और अन्य के खिलाफ यह मामला इसी साल अगस्त में गोरेगाँव पुलिस स्टेशन में बिल्डर बिमल अग्रवाल ने दर्ज करवाया था। अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि उसकी पार्टनरशिप में चल रहे 2 बार और 1 रेस्टोरेंट पर छापेमारी न करने के एवज में 9 लाख रुपए वसूले गए थे। साथ ही कहा था कि वाजे ने उससे 2 लाख 92 हजार रुपए की कीमत के दो फ्लिप मोबाइल फोन भी खरीदवाए थे। ये फोन क्राइम ब्रांच जब्त कर चुकी है।

अग्रवाल ने बताया था कि मोबाइल का रंग सिल्वर होने के कारण वाजे को पसंद नहीं आया और उसने दूसरे रंग के मोबाइल फोन की माँग की। जब तक दुकानदार दूसरे रंग का फोन मँगाता तब तक मनसुख हिरेन हत्या और एंटीलिया कांड मामले में NIA ने उसे गिरफ़्तार कर लिया। अपने आरोपों के समर्थन में अग्रवाल ने कुछ ऑडियो क्लिप भी पेश किए हैं जिसकी जाँच करवाई जा रही है। इस FIR में यह भी कहा गया है कि सचिन वाजे की इस अवैध उगाही में 75% हिस्सा परमबीर सिंह का था।

शिकायतकर्ता बिमल अग्रवाल के अनुसार आरोपित सचिन वाज़े व्हाट्सएप कॉल कर के उगाही के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल करता था। व्हाट्सएप पर की गई इन्हीं कॉल को अग्रवाल ने रिकॉर्ड कर लिया है। क्राइम ब्रांच यूनिट- 11 के अनुसार रिकार्डिंग आरम्भिक जाँच का का मुख्य आधार है।

ताजा जानकारी के अनुसार मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच इस मामले में सचिन वाज़े की ट्रांजिट रिमांड चाहती है। फिलहाल सचिन वाजे नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) की कस्टडी में है। वहीं पिछले दिनों परमबीर सिंह के भी देश छोड़ भागने की आशंका जताई गई थी। मीडिया रिपोर्टों में उनके रूस में होने की बात कही गई थी। उससे पहले राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को लेकर भी इस तरह की खबरें आई थी। मीडिया रिपोर्टों में बताया गया था कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कई समन की अनदेखी कर चुके देशमुख के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लुकआउट नोटिस जारी किया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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