Friday, April 19, 2024
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बिहार के 500+ सरकारी स्कूलों में रविवार की जगह जुमे के दिन छुट्टी, अधिकारी बताते हैं ‘परंपरा’: मुस्लिम बहुल सीमांचल में नेताओं का दबाव भी

पूर्णिया में 200, जबकि किशनगंज में 19 ऐसे सरकारी स्कूल हैं, जो शुक्रवार को बंद रहते हैं। शिक्षा अधिकारियों ने साप्ताहिक छुट्टी शुक्रवार को देने वाले किसी भी आदेश को मंजूरी नहीं दी है।

बिहार के सीमांचल क्षेत्र में कई वर्षों से बिना किसी आधिकारिक आदेश के 500 से अधिक सरकारी स्कूलों में रविवार की बजाय शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश दिया जा रहा है। मुस्लिम बहुल आबादी वाले किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया जिले में स्थित स्कूलों में इस परंपरा का पालन किया जा रहा है। 2011 की जनगणना के अनुसार, बिहार के पूर्वी हिस्से में मुस्लिम आबादी 30 प्रतिशत से 70 प्रतिशत के बीच है।

अररिया जिले के जोकीहाट ब्लॉक में अधिकांश स्कूलों, यानी 244 सरकारी स्कूलों में से 229 का साप्ताहिक अवकाश शुक्रवार को होता है। जोकीहाट ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) शिव नारायण सुमन ने इन आँकड़ों की पुष्टि की है। उनके मुताबिक, यहाँ शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश की परंपरा शुरू से चली आ रही है।

इस बीच, अररिया जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) राज कुमार ने ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ से बात करते हुए कहा, “जोकीहाट ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले लगभग सभी स्कूल शुक्रवार को बंद रहते हैं। इसके लिए कोई आधिकारिक आदेश नहीं दिया गया है।” पूर्णिया में 200, जबकि किशनगंज में 19 ऐसे सरकारी स्कूल हैं, जो शुक्रवार को बंद रहते हैं। शिक्षा अधिकारियों ने साप्ताहिक छुट्टी शुक्रवार को देने वाले किसी भी आदेश को मंजूरी नहीं दी है। शिक्षकों का मानना ​​है कि यह प्रथा लगभग एक दशक पहले स्थानीय मुस्लिम नेताओं के आदेश पर शुरू हुई थी।

एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने कहा, “2014 में, जद (यू) नेता महमूद असरफ (अब मृतक) ने पूर्णिया जिले के बैसी ब्लॉक के तहत अपनी मीनापुर पंचायत में सरकारी स्कूलों को रविवार की बजाय शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश देने के लिए मजबूर किया था। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस प्रस्ताव का कभी विरोध नहीं किया।”

वहीं, किशनगंज डीईओ सुभाष कुमार गुप्ता ने दावा किया कि शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश का पालन करना बिहार में एक सामान्य प्रथा थी। इसके लिए कोई आधिकारिक आदेश नहीं जारी किया गया था। जबकि बलरामपुर के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) मुमताज अहमद ने कहा कि बिहार सरकार ने इस संबंध में 2010 में एक पत्र लिखा था, और तब से इन स्कूलों ने शुक्रवार को छुट्टी घोषित कर दी है। हालाँकि, बिहार के शिक्षा मंत्री, विजय कुमार चौधरी इन सबसे अनजान थे।

भाजपा ने शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश किए जाने का विरोध किया और कहा कि संविधान के अनुसार एक धर्म के लिए उपयुक्त नियमों के बदलाव की अनुमति नहीं दी जा सकती है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, “भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और संविधान के तहत किसी के धर्म के अनुसार नियम बनाने की अनुमति नहीं है। यदि मुस्लिमों के अनुरूप शुक्रवार को स्कूल बंद रहते हैं, तो हिंदू मंगलवार को स्कूलों को बंद करने की माँग कर सकते हैं। इस तरह की प्रथा को धार्मिक तुष्टिकरण के लिए बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।”

गौरतलब है कि बीते दिनों झारखंड के जामताड़ा और दुमका जिलों के सरकारी स्कूलों में रविवार के बजाय शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश देने की खबर सामने आई थी। दावा किया गया था कि स्कूल के नोटिस बोर्ड पर बाकायदा शुक्रवार को जुमे का दिन घोषित करके अवकाश लिखा गया था। वहीं शिक्षा विभाग द्वारा उन स्कूलों को उर्दू स्कूल बताते हुए ऐसा कदम शिक्षकों की सुविधा को देख कर उठाया जाना बताया गया था।

वहीं, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह जिला दुमका के 33 सरकारी स्कूलों ने अपने नाम में ‘उर्दू’ जोड़ लिया, ताकि रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी दी जा सके। लेकिन प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। उसकी नींद तब टूटी जब मीडिया में यह मामला सामने आया और शिक्षा के कथित इस्लामीकरण को लेकर राज्य सरकार की किरकिरी शुरू हुई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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