Saturday, November 16, 2024
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‘फैसला सड़कों पर होगा’: भड़काऊ भाषण पर SC पहुँची दिल्ली पुलिस, हर्ष मंदर का एक और Video आया सामने

"सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह कश्मीर मामले में जवाब दिया। अलीगढ़ और जामिया में पीटे जा रहे छात्रों की याचिकाओं पर प्रतिक्रिया दिखाई। अयोध्या मामले में फैसला दिया। जाहिर है कि हाल के वर्षों न्यायपालिका अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा करने में नाकाम रही है।"

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में लोगों को उकसाने को लेकर तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर पर शिकंजा कसता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले कल (मार्च 4, 2020) बीजेपी नेताओं के खिलाफ हर्ष मंदर की याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए उनसे सफाई मॉंगी। इसके बाद दिल्ली पुलिस भी एक्शन में आ गई। दिल्ली पुलिस के डीसीपी (लीगल सेल) ने मंदर के भड़काऊ भाषण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दिया। दिल्ली पुलिस ने मंदर पर सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना का आरोप लगाया। इस बीच, मंदर का एक और विडियो सामने आया है।

पुलिस ने अपने हलफनामे में अपील करते हुए कहा है भड़काऊ भाषण देते समय मंदर को पता था कि उनका बयान कोर्ट की अवमानना है। इसके बावजूद उन्होंने ये सब किया। दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने और उनकी याचिका असाधारण जुर्माने के साथ खारिज करने की अपील की है।

हलफनामे के साथ दिल्ली पुलिस ने मंदर की भड़काऊ स्पीच को पेन ड्राइव में उपलब्ध करवाया। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 6 मार्च को होगी। हलफनामे में कहा गया, “हर्ष मंदर एक भाषण दे रहे हैं जो न केवल हिंसा को उकसा रहा है, बल्कि गंभीर अवमानना ​​भी है क्योंकि भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ लोगों की एक विशाल सभा में अपमानजनक टिप्पणी है।”

गौरतलब है कि जिस विडियो को लेकर मंदर घिरे हैं वह जामिया का है। इसमें मंदर सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करती भीड़ को उकसाते साफ तौर पर देखे जा सकते हैं। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए मंदर कहते हैं, “ये लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में नहीं जीती जाएगी, क्योंकि हमने सुप्रीम कोर्ट को देखा है- एनआरसी के मामले में, कश्मीर के मामले में, अयोध्या के मामले में। उन्होंने (सुप्रीम कोर्ट) इंसानियत, समानता और सेक्युलरिज्म की रक्षा नहीं की है।” वे आगे कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में हम कोशिश जरूर करेंगे। लेकिन इसका फैसला न संसद में होगा, न सुप्रीम कोर्ट में होगा, बल्कि ये फैसला सड़कों पर होगा।

इसके अलावा बता दें, हर्ष मंदर की जामिया पर रिकॉर्ड की गई विडियो के अलावा एक अन्य वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी है। इस विडियो में भी हर्ष मंदर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करते नजर आ रहे हैं। 2 मिनट के स्लॉट पर मंदर को सीएए/एनआरसी/एनपीआर को भयावह आदि कहते सुना जा सकता है। उन्हें इस वीडियों में अयोध्या मामले, कश्मीर मामले का हवाला देकर कोर्ट के न्याय पर संदेह उठाते और अल्पसंख्यकों के साथ नाइंसाफी का इल्जाम लगाते देखा जा सकता है।

वे कहते हैं, “न्यायपालिका में सुप्रीम कोर्ट की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। लेकिन जिस तरह उसने कश्मीर मामले में जवाब दिया। अलीगढ़ और जामिया में पीटे जा रहे छात्रों की याचिकाओं पर प्रतिक्रिया दिखाई। अयोध्या मामले में फैसला दिया। जाहिर है कि हाल के वर्षों न्यायपालिका अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा करने में नाकाम रही है।”

इसके बाद इस विडियो में भी हर्ष मंदर को भीड़ को सड़कों पर उतरने के लिए उकसाते देखा जा सकता है और ये भी कहते सुना जा सकता है कि सीएए के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतरकर ये जो जंग लड़ी जा रही हैं और जिस प्रकार लड़ी जा रही है, ये हम सब के लिए प्रेरणा है।

बता दें, इस विडियो में हर्ष मंदर ने महात्मा गाँधी के सविनय अवज्ञा का भी जिक्र किया। उन्होंने किसी समय में ब्रिटिशों के ख़िलाफ़ चलाए गए अभियान को भारत सरकार के ख़िलाफ़ चलाने के लिए लोगों को उकसाया। साथ ही एनआरसी आते ही मुस्लिम और गैर-मुस्लिमों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, इस पर बात की। साथ ही सेंसस का बॉयकॉट करने की भी अपील की।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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