Wednesday, October 9, 2024
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पुलों का कब्रिस्तान बना बिहार: 24 घंटे में 5 तो 15 दिन में 11 गिरे, अंग्रेजों के जमाने से लेकर नए नवेले तक हुए धराशायी

सीवान और छपरा में पाँच पुल पुलिया टूटने से पहले पिछले दो सप्ताह में अररिया, सीवान, मोतिहारी, किशनगंज और मधुबनी में कुल 6 पुल और पुलिया पहले ही ध्वस्त हो चुके हैं।

बिहार में पुलों के ढहने का मानो सिलसिला चल पड़ा हो। बिहार के अलग-्अलग जिलों में पिछले 15 दिनों के दौरान 11 पुल ढह चुके हैं। कहीं अंग्रेजों के जमाने का पुल बहा है, तो कहीं 5 साल पुराना पुल पानी के दबाव को नहीं सह सका। अकेले बुधवार-गुरुवार (3-4 जुलाई 2024) को सीवान और सारण जिले में 5 पुल ढह गए हैं। पुलों के ढहने की घटनाओं पर विपक्ष ने सरकार पर जोरदार हमला बोला है।

सीवान में ढहे तीन पुल

बुधवार को सीवान जिले में पुलों के ढहने की तीन घटनाएँ सामने आई। पहली घटना महाराजगंज अनुमंडल के देवरिया गाँव में घटी, जहाँ गंडक नदी पर बना पुल का एक पिलर धँस गया और पुल टूट गया। बताया जा रहा है कि यह पुल तकरीबन 40 साल पुराना था। पुल टूटने की दूसरी घटना महाराजगंज प्रखंड के तेवता पंचायत में घटी, स्थानीय लोगों ने बताया कि यह पुल 5 साल पहले ही बनाया गया था। वहीं, पुल टूटने की तीसरी घटना महाराजगंज के धम्ही गाँव में घटी। लोगों का कहना है कि नदी के जल बहाव में काफी तेजी आने और जलस्तर बढ़ने से पुल दबाव नहीं झेल पा रहे हैं।

सारण में ढहे 2 पुल, 1 तो अंग्रेजों के जमाने से खड़ा था

बिहार के सारण जिले में भी 2 पुलों के ढहने की जानकारी मिल रही है। सारण जिले का मुख्यालय छपरा है। छपरा में गंडक नदी पर स्थित जनता बाजार इलाके में पहला पुल टूटा। वहीं दूसरा पुल भी इसी इलाके में टूटा, जो वहाँ से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर है। ये पुलिस करीब 100 साल पुराना था और अंग्रेजों के जमाने से खड़ा था। सीवान और छपरा में पाँच पुल पुलिया टूटने से पहले पिछले दो सप्ताह में अररिया, सीवान, मोतिहारी, किशनगंज और मधुबनी में कुल 6 पुल और पुलिया पहले ही ध्वस्त हो चुके हैं।

पुल के टूटने की घटनाओं को लेकर विपक्ष अब राज्य सरकार पर हमलावर है। तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने बुधवार को एक्स पर लिखा, “आज बिहार में एक ही दिन में 𝟑 पुल और गिरे। सुशासनी नेकचलनी के सौजन्य से विगत 𝟏𝟓 दिन में बिहार में कुल 𝟗 पुल जल समाधि ले चुके है। डबल इंजन सरकार अब इसका दोष भी विपक्ष को देकर अपने कर्तव्यों, सुशीलता से परिपूर्ण वसूली तंत्र एवं डबल इंजन पॉवर्ड भ्रष्टाचार का इतिश्री कर सकती है।”

बता दें कि 18 जून से बिहार में लगातार पुलों के टूटने की खबरें आ रही हैं। 18 जून को अररिया में बकरा नदी पर निर्माणाधीन पुल ढह गया था, तो 22 जून को सीवान में गंडक नदी पर बना पुल गिर गया। 23 जून को पूर्वी चंपारण में निर्माणाधीन पुल गिया, तो 27 जून को बिहार के किशनगंज में कंकाई और महानंदा नदी को जोड़ने वाली एक छोटी सहायक नदी पर बन रहा पुल ध्वस्त हो गया। इसी दिन मधुबनी जिले में भी एक पुल टूटा तो 30 जून को भी किशनगंज में एक पुल ढह गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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