जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल 2025) को हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत हो गई। वहीं, हमले में 20 से अधिक लोग घायल भी हो गए हैं, जिनमें से कुछ ही हालत नाजुक है। मृतकों में 2 विदेशी पर्यटक के अलावा, खुफिया ब्यूरो (IB) का एक अधिकारी और भारतीय नौसेना का एक अधिकारी भी शामिल हैं।
आईबी अधिकारी
आतंकी हमले में मारे गए आईबी अधिकारी की पहचान मनीष रंजन के रूप में हुई है। वे बिहार के रहने वाले थे और हैदराबाद स्थित आईबी कार्यालय में सेक्शन ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे। मनीष अपने परिवार के साथ जम्मू-कश्मीर घूमने गए थे। हमले के दौरान उन्हें सिर में गोली लगी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हमले में उनकी पत्नी और दो बच्चे बाल-बाल बचे हैं।
Now that someone has started it
— Col Hunny Bakshi, VSM (@colhunnybakshi) April 22, 2025
There were many IB officers with families on leave as a group
01 killed
08 Injured(last known)
To me it seems their planned group LTC Trip including hotel bookings got leaked
It wouldn’t have been so specific otherwise
Hope they get well soon
भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट
इस हमले में भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की भी जान चली गई। वे हरियाणा के रहने वाले थे और केरल के कोच्चि में तैनात थे। 26 साल के विनय नरवाल की शादी 16 अप्रैल 2025 को गुरुग्राम के हिमांशी नरवाल के साथ हुई थी और 19 अप्रैल को रिसेप्शन आयोजित किया गया था। इसके बाद वे 21 अप्रैल को पत्नी के साथ घूमने के लिए पहलगाम पहुँचे थे।
पत्नी हिमांशी का कहना है कि वे बैसरण घाटी में घूम रहे थे। उसी दौरान आतंकी आए उनके पति से नाम पूछा और फिर गोली मार दी। हिमांशी का वीडियो भी वायरल हुआ है। इस वीडियो में हिमांशी को यह कहते हुए सुना गया था, “मैं अपने पति के साथ भेलपुरी खा रही थी। इसी दौरान एक आदमी आया और पूछा कि मुस्लिम हो। इसके बाद गोली मार दी।”
हमले के बाद भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अनंतनाग के बैसरण क्षेत्र में संयुक्त तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। आतंकियों की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है। सेना की चिनार कोर ने जानकारी दी कि घायल लोगों को तुरंत अस्पताल पहुँचाया गया और स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
हमले के तुरंत बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने श्रीनगर पहुँचकर एक उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की। बैठक में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। गृह मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घटना की जानकारी दी और हमले में शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा देने का आश्वासन दिया।