Monday, October 7, 2024
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जिस शिमला में इंच-इंच जगह का मोल, वहाँ 200 बीघा जमीन पर वक्फ बोर्ड का कब्जा: हिन्दू जागरण मंच का दावा, अवैध मस्जिद को बचाने में जुटी है कॉन्ग्रेस सरकार

जहाँ सरकारी सत्यापन में बताया गया है कि शिमला में वक्फ बोर्ड के पास 70 बीघा जमीन है तो वहीं हिमाचल के ही हिन्दू जागरण मंच ने कहा है कि यह जमीन असल में 200 बीघा से ज्यादा है। इसके लिए उन्होंने रिकॉर्ड भी दिया है। हिन्दू जागरण मंच के कमल गौतम के अनुसार, वक्फ बोर्ड के पास शिमला के भीतर लगभग 215 बीघा जमीन है।

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में इन दिनों में अवैध मस्जिद को लेकर विवाद चल रहा है। हिन्दू संगठन अवैध मस्जिद को गिराने की माँग को लेकर सड़कों पर उतरे हुए हैं, हिमाचल प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार उन पर लाठियाँ बरसा रही है। अब हिमाचल प्रदेश में वक्फ बोर्ड की जमीन को लेकर भी नए खुलासे हो रहे हैं।

प्रदेश की राजधानी शिमला में जहाँ एक तरफ जमीन की किल्लत बढ़ती जा रही है, वहीं वक्फ बोर्ड शिमला में वन विभाग और राजस्व विभाग के बाद जमीनों का तीसरा सबसे बड़ा मालिक बना हुआ है। सरकारी सत्यापन में बताया गया है कि वक्फ बोर्ड के पास शिमला के भीतर 70 बीघा जमीन है।

वक्फ के पास कहाँ-कहाँ जमीनें

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड के पास राजधानी शिमला में ही लगभग 70 बीघे जमीन है। यह जानकारी सरकारी सत्यापन से सामने आई है। वक्फ बोर्ड के पास शिमला के लक्कड़ बाजार, संजौली, छोटा शिमला और बालूगंज जैसे इलाकों में बड़ी जमीनें हैं। बताया गया है कि शिमला के टूटीकंडी में ही बोर्ड के पास लगभग 46 बीघे जमीन है। गौरतलब है कि यह वही इलाका है जहाँ शिमला का अंतरराज्यीय बस टर्मिनल है। इस इलाके में जमीन की इतनी समस्या है कि यहाँ सरकारी बसों को सड़क पर खड़ा करना पड़ता है।

इसके अलावा वक्फ बोर्ड के पास शिमला के लक्कड़ बाजार में 7.41 बीघे जमीन है। ताराहाल इलाके में भी वक्फ बोर्ड के पास 6 बीघे से अधिक जमीन है। इसके अलावा उस संजौली में भी वक्फ बोर्ड के पास बड़ी जमीनें हैं जहाँ पर वर्तमान में मस्जिद को लेकर विवाद चल रहा है। शिमला के बम्लोई, छोटा शिमला, बालूगंज और लोअर बाजार इलाके में मिला कर वक्फ के पास 10 बीघा से अधिक जमीन है। यह भी सामने आया है कि वक्फ की इन जमीनों पर कई जगह लोगों ने निर्माण भी कर लिए हैं।

हिन्दू संगठनों ने बताया- 200 बीघे पर कब्जा

जहाँ सरकारी सत्यापन में बताया गया है कि शिमला में वक्फ बोर्ड के पास 70 बीघा जमीन है तो वहीं हिमाचल के ही हिन्दू जागरण मंच ने कहा है कि यह जमीन असल में 200 बीघा से ज्यादा है। इसके लिए उन्होंने रिकॉर्ड भी दिया है। हिन्दू जागरण मंच के कमल गौतम के अनुसार, वक्फ बोर्ड के पास शिमला के भीतर लगभग 215 बीघा जमीन है।

कमल गौतम ने ऑपइंडिया को बताया कि सबसे ज्यादा जमीन उसी संजौली में है जहाँ पर वर्तमान में अवैध मस्जिद स्थित है। ऑपइंडिया से कमल गौतम ने बताया कि यहाँ वक्फ बोर्ड के पास 156 बीघा जमीन है। इसके अलावा उन्होंने वक्फ के कब्जे वाली जमीन की माप टूटी कंडी इलाके में वही बताई है जो सरकारी सत्यापन में निकल कर आई है।

वक्फ के पास मौजूद इस जमीन की कीमत करोड़ों-अरबों में है और यह सारी जमीन उस इलाके में स्थित है जो शिमला के रिहायशी और महंगे इलाके माने जाते हैं। ऑपइंडिया के पास मौजूद जमीन के रिकॉर्ड के अनुसार, वक्फ बोर्ड के पास जितनी भी जमीनें हैं, उनमें से अधिकांश पर कब्रिस्तान अंकित है। कुछ पर मकान और मस्जिद भी अंकित है।

जमीन कब्जाने का भी हो रहा प्रयास

वक्फ बोर्ड के पास जो जमीनें अभी मौजूद हैं, उसके अलावा नई जमीन लेने का भी प्रयास हो रहा है। यह दावा कमल गौतम ने किया है। कमला गौतम ने बताया कि वर्तमान में कई जगह प्रदेश में वक्फ बोर्ड की जमीन पर कई लोग निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कब्जा जानबूझ कर करवाया जा रहा है।

कमल गौतम का आरोप है कि जब इस जमीन पर कब्जा हो जाता है तो नई जमीन की माँग की जाती है। इस तरह से लगातार जमीन वक्फ बोर्ड के पास जा रही है। यह भी आरोप है कि उन गाँवों में भी कब्जे के लिए जमीन माँगी जा रही है जहाँ मात्र एक मुस्लिम परिवार रहता है। कई जगह हिन्दू परिवारों ने इसका विरोध किया है।

संजौली का विवाद गहराया

शिमला की संजौली मस्जिद से चालू हुआ विवाद अब लगातार बढ़ता जा रहा है। संजौली में बनी अवैध मस्जिद को गिराने की माँग लगातार बढती जा रही है। स्थानीय लोगों और हिन्दू संगठनों ने संजौली में बुधवार (11 सितम्बर, 2024) को जोरदार प्रदर्शन किया है। अवैध मस्जिद गिराने की माँग करने वाले हिन्दुओं पर हिमाचल प्रदेश की पुलिस ने डंडे बरसाए हैं।

यहाँ प्रदर्शन करने वाले लोगों पर पानी की बौछार भी की गई। प्रशासन ने पहले से ही यहाँ बैरिकेड लगा दिए थे। इसके बाद जब हिन्दू यहाँ पहुँचे तो उन पर लाठियाँ चली, इस लाठीचार्ज में कई लोगों को चोटें भी आईं। हालाँकि, हिन्दू अब भी सड़कों पर डटे हुए हैं।

कैसे चालू हुआ पूरा विवाद

संजौली की मस्जिद में अवैध निर्माण को हटाने की लम्बे समय से माँग चल रही है। यह मामला हाल ही में मारपीट की एक घटना के बाद और गरमा गया। दरअसल, 31 अगस्त, 2024 को एक स्थानीय युवक यशपाल की मल्याना में मुस्लिम लड़कों से कहासुनी हुई।

इसके बाद मुस्लिम हिंसक हो गए, उन्होंने यशपाल पर हमला कर दिया और उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। बताया गया कि हमला करने वाले यह युवक कुछ देर बाद संजौली की मस्जिद में छुप गए। इसके बाद आसपास के लोगों का गुस्सा भड़क गया। स्थानीय लोग यहाँ इकट्ठा होकर इन युवकों पर कार्रवाई करने की माँग करने लगे।

इसको लेकर पुलिस में भी मामला दर्ज करवाया गया। पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों को पकड़ा, जिसमें 2 नाबालिग हैं। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनके नाम गुलनवाज, सारिक, सैफ अली और रोहित हैं। इनके साथ दो नाबालिग भी पकड़े गए, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। गिरफ्तार आरोपितों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया।

इस लड़ाई झगड़े की घटना के बाद यह मस्जिद विवादों के केंद्र में आ गई। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि संजौली की यह मस्जिद पहले कच्ची थी और मात्र दो मंजिल की थी। लेकिन 2010 के बाद इसमें तेजी से पक्का निर्माण किया जाने लगा। देखते देखते यह मस्जिद पाँच मंजिल तक पहुँच गई।

इस मामले में राज्य सरकार ने बताया कि 2010 में जब इस मस्जिद में अवैध निर्माण चालू हुआ तो शिमला नगर निगम ने नोटिस भी भेजे लेकिन निर्माण नहीं रुका। मस्जिद के निर्माण रोकने को लेकर 30-35 नोटिस भेजे जा चुके हैं। इसके आसपास एक अवैध निर्माण को शिमला नगर निगम ने तोड़ा भी था। फिर भी यह पाँच मंजिल मस्जिद शहर के बीचों-बीच खड़ी कर दी गई।

तबसे ही इस मस्जिद को लेकर स्थानीय लोग आंदोलन कर रहे हैं। मस्जिद के अवैध होने की बात हिमाचल सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी कही थी। स्थानीय लोगों को हिन्दू संगठनों की माँग है कि इस अवैध निर्माण को जमींदोज किया जाए और सरकार इसमें ढिलाई ना बरते। हालाँकि, सुक्खू सरकार बता रही है यह मामला अभी कोर्ट में है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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