पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर एक बार फिर सांसद और केन्द्रीय मंत्री बाबुल सुप्रीयो ने राशन को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। बाबुल सुप्रीयो ने राज्य की ममता सरकार पर केन्द्र से गरीबों के लिए मिलने वाले राशन को राइस मिलों को बेचने का आरोप लगाया है। वहीं इसे साबित करने के लिए सुप्रीयो ने इसका एक वीडियो भी शेयर किया है।
बंगाल के आसनसोल से सांसद और केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रीयो ने अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो पोस्ट करते हुए ममता सरकार पर राशन बेचने का आरोप लगाया है। सोशल मीडिया पर आई वीडियो में आप देख सकते हैं कि ट्रक पर सैकड़ों बोरे में भरकर चावल राइस मिल के अंदर लाया गया है। इस वीडियो को हबीबपुर का बताया जा रहा है। इसमें सुना जा सकता है कि हबीबपुर के श्री कृष्णा राइस मिल में ट्रकों में भरकर सैकड़ों बोरा चावल लाया जाता है।
#ChaalChorTrinomool
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) May 2, 2020
ভাবুন নির্লজ্জতার সঙ্গে গড়ি মানুষের চাল লুট করে রাইস মিল -এ বেচে দিচ্ছে @AITCofficial | এর পেছনে মাননীয়া @MamataOfficial – দিদির অনুপ্রেরণা নেই এরকম ভাবার কোনো কারণও নেই pic.twitter.com/b3mUDOBZO2
बंगाली भाषा में रिकॉर्ड किए गए वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि चावल बहुत अच्छी गुणवत्ता का है और वीडियो में दिखाया जा रहा है कि जिन बोरों में चावल भरा हुआ है, उन बोरों पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का स्टीकर भी लगा हुआ है, लेकिन इन बोरों से चावल को निकालकर दूसरे बोरों में भरकर उसे पैक किया जा रहा है। इतना ही नहीं इसके बाद इसे बेचा भी जा रहा है।
बाबुल सुप्रीयो ने अपने हैंडल से किए ट्वीट में तृणमूल के साथ ममता बनर्जी को भी टैग किया है। साथ ही सुप्रीयो ने ट्वीट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पूछा है कि आखिर मुख्यमंत्री यह बताएँ कि बंगाल में गरीबों के लिए केंद्र सरकार जो राशन भेज रही है, उसे राशन मिल को क्यों बेच रही है? उन्होंने दावा किया है कि सत्तारूढ़ पार्टी के नेता इस राशन बिक्री में शामिल हैं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इसके लिए अनुमति मिली हुई है।
वहीं राज्य के खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने बाबुल के इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि जब बंगाल के लोग संकट में हैं तो भारतीय जनता पार्टी केवल राजनीति कर रही है। हालाँकि वीडियो में चावल को राइस मिल के अंदर ले जाने के संबंध में उन्होंने टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया है।
आपको बता दें कि कोरोना संकट के बीच व्यवस्थाओं को लेकर ममता सरकार और केन्द्र सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। कभी केन्द्र सरकार ममता सरकार पर कोरोना मरीजों के सही आँकड़े छिपाने का आरोप लगाती है तो कभी राशन वितरण में ममता सरकार पर धाँधली का आरोप लगाया जाता है।
दरअसल, राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शनिवार (2 मई, 2020) को ममता सरकार पर कोरोना संक्रमण के सही आँकड़े छिपाने का आरोप लगाया था। अपने ट्वीट में राज्यपाल ने कहा था कि ममता बनर्जी सरकार ने 30 अप्रैल तक राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या हेल्थ बुलेटिन में 572, जबकि उसी समय में केन्द्र सरकार को 931 बताई है।
इसे लेकर प्रदेश के राज्यपाल जगदीप घनखड़ ने लिखा कि कोविड-19 संक्रमण के आँकड़ों पर पर्दा डालने के अभियान को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बंद करना चाहिए। इसे पारदर्शी रूप से साझा करें।
वहीं इससे पहले पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की कार्यशैली पर लॉकडाउन के बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सवाल उठाए थे। राज्यपाल ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि निशुल्क राशन गरीबों के लिए हैं, तिजोरियों में बंद करने के लिए नहीं है। धोखाधड़ी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। दरअसल, बंगाल के कई इलाकों में मुफ्त राशन वितरण में भारी अनियमितताएँ बरते जाने की खबरें सामने आई हैं।