8 फरवरी, 2025 को दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आए। इन नतीजों में आम आदमी पार्टी (AAP) की करारी हार हुई। भाजपा इसी के साथ 26 वर्षों बाद सत्ता में लौटी। जब दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री आतिशी अपना इस्तीफा देने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को देने पहुँची तो उन्होंने कहा, “आपको यमुना मैया का श्राप लगा है।”
भाजपा ने दिल्ली चुनाव में यमुना की सफाई को बड़ा मुद्दा बनाया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर सभी नेताओं ने AAP की इस विफलता को हर रैली में गिनाया था। सरकार में आने के बाद भाजपा ने स्पष्ट कर दिया था कि वह यमुना सफाई को अपनी प्राथमिकता बनाएगी।
दिल्ली में सत्ता परिवर्तन को लगभग 3 महीने हो चुके हैं। इन 90 दिनों में यमुना की सफाई को लेकर कितना काम हुआ है, इसको जाँचने के लिए ऑपइंडिया ने दिल्ली में यमुना के घाटों और उन जगहों पर पहुँचे जहाँ पहले इसकी हालत बेहद खराब थी। ऑपइंडिया ने यह पता लगाने का प्रयास किया कि आखिर दिल्ली सरकार यमुना सफाई पर क्या एक्शन ले रही है।
कालिंदी कुंज में मशीने-कर्मचारी सफाई में जुटे
ऑपइंडिया ने इस दौरान उन लोगों से बातचीत भी की जो सालों से यमुना के घाटों पर या तो रह रहे हैं या इससे जुड़े हुए हैं। ऑपइंडिया गुरूवार (8 मई, 2025) दोपहर को यमुना नदी के कालिंदी कुंज स्थित घाट पर पहुँचा। यहाँ यमुना दूर से काफी हद तक पहले की अपेक्षा साफ दिखाई दे रही थी।
यहाँ दूर से दिखने वाला यमुना का पानी घाट किनारे जाने पर थोड़ा गंदा दिखाई दे रहा था और कालिंदी कुंज के पुल से पहले लगे फाटक में कचरा दिखाई दे रहा। लेकिन यहीं आगे बढ़ने पर दिखा कि यमुना से कचरा बाहर निकालने के लिए एक मशीन घाट किनारे खड़ी थी।

यहाँ पर इस मशीन पर काम करने वाले लोग जी मौजूद थे। ऑपइंडिया से उन्होंने बताया कि कई महीनों से यमुना की सफाई में जुटे हुए हैं। यहीं मौजूद एक और कर्मचारी ने बताया कि दिल्ली में नई सरकार आने के बाद से यमुना सफाई में तेजी आई है। उसने बताया कि समय-समय पर अब अधिकारी भी उसे दिशानिर्देश देते रहते हैं।
यहाँ पर यमुना किनारे बने पक्के व सुंदर से दिखने वाले घाट पर चारों और साफ-सफाई के साथ हरियाली भी दिखाई दी।
यमुना में भाजपा सरकार के बाद बढ़ा पानी
ऑपइंडिया कालिंदी कुंज घाट के बाद ITO स्थित यमुना घाट पर भी पहुँचा। यहाँ पर एक छोर पर बड़ी JCB घाट बनाने में जुटी थी जबकि दूसरे छोर पर एक मशीन यमुना से कचरा निकालने में लगी हुई थी। यहाँ भी यमुना सफाई का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा था। लगातार यहाँ JCB की मदद से गाद (सिल्ट) निकाली जा रहा है व कचरा निकालकर पानी को साफ किया जा रहा है।
यहाँ भी पहले की अपेक्षा यमुना काफी साफ दिखाई दे रही थी। घाट पर सालों से मौजूद सुनील गिरी ने बताया कि दिल्ली में भाजपा सरकार बनने के बाद यमुना में पानी बढ़ा है जो कि पहले कम रहता था। उन्होंने बताया कि पहले कई बार यमुना सूखी भी रहती थी।

सुनील गिरी ने बताया कि इस घाट पर अब यहाँ छठ घाट पर नियमित रूप से यमुना जी की आरती होती है, उन्होंने बताया कि इसमें बड़ी संख्या में भक्त एकत्र होते हैं। घाट पर मौजूद गोताखोर जुम्मन ने बताया कि दिल्ली सरकार वर्तमान में यमुना सफाई पर काफी पैसा खर्च करवा रही है।
उन्होंने सलाह दी कि यहाँ मौजूद सभी 32 डैम की सफाई कराए और फिर उनको नीचे करके पानी छोड़ा जाए तो इस पूरी कवायद का असर दिखाई पड़ेगा। घाट पर मौजूद सेवादार राजू ठाकुर ने बताया कि लोग पूरी श्रद्धा के साथ यमुना में नहाने के मन से आते हैं लेकिन गंदा पानी देखकर दूर से ही हाथ जोड़कर लौट जाते हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन अब सफाई का प्रयास सराहनीय है।
इसी तरह यमुना के और घाटों पर भी लगातार सफाई चल रही है। कई जगह पर कूड़ा निकाला जा रहा तो कहीं जमी हुई गाद हट रही है। यमुना का वैभव लौटाने के लिए घाट भी सुधारे जा रहे हैं। उन नालों को भी बंद किया जा रहा है, जो लगातार यमुना में गंदगी लाते हैं।
दिल्ली में ही सबसे अधिक गंदी होती है यमुना
यमुना नदी उत्तराखंड से हरियाणा होते हुए दिल्ली आती है। यह प्रयागराज में जाकर गंगा से मिलती है। इसकी कुल लम्बाई 1376 किलोमीटर है। राजधानी दिल्ली में यह 54 किलोमीटर बहती है। लेकिन यह सबसे अधिक गंदी दिल्ली में होती है। यह बात राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) ने एक रिपोर्ट में कहा था। राजधानी दिल्ली में यह 54 किलोमीटर बहती है।
NGT के अनुसार, “वजीराबाद और ओखला के बीच का हिस्सा 22 किलोमीटर का है, जो यमुनोत्री से इलाहाबाद तक नदी की कुल लंबाई 1370 किलोमीटर का 2% भी नहीं है। लेकिन इसका हिस्सा नदी के प्रदूषण में लगभग 76% है।”

NGT ने बताया था कि मानसून के सीजन के अतिरिक्त 9 महीने दिल्ली में वजीराबाद में यमुना में सीवेज ही बहता है। रिपोर्ट के अनुसार, यहाँ 22 नाले यमुना में आकर मिलते हैं, यही दिल्ली को सर्वाधिक गंदा करते हैं। NGT ने इन पर काम करने की बात कही थी।
दिल्ली सरकार ने मंजूर किए ₹3100 करोड़
दिल्ली में रेखा गुप्ता की सरकार ने हाल ही में एक्सपेंडिचर फाइनेंस कमिटी की एक अहम बैठक सचिवालय में बुलाई थी। इस बैठक में दिल्ली के विकास के लिए कई अहम परियोजनाओं के बारे में चर्चा की गई थी। इसमें यमुना की सफाई के लिए ₹3140 करोड़ की मंजूरी यमुना नदी की सफाई के लिए दी गई थी।

दिल्ली सरकार ने बताया था कि इस खर्च से 27 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जाएगा। इससे पहले बजट 2025-26 में यमुना सफाई के लिए ₹500 करोड़ दिए गए थे। इसके अलावा जो योजनाएँ पहले यमुना की सफाई के लिए बनाई गई थीं, उन्हें भी अब अमलीजामा पहनाए जाने के लिए मेहनत हो रही है।
सिर्फ दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ही नहीं बल्कि केंद्र की मोदी सरकार भी लगातार यमुना सफाई को लेकर गंभीर है। अप्रैल, 2025 में ही पीएम मोदी ने यमुना की सफाई को लेकर एक बैठक की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि जनता को यमुना की सफाई में हिस्सा बनाया जाना चाहिए। उन्होंने छठ को लेकर भी बात की थी।