आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद को कट्टर ईमानदार कहते हैं। वो अपनी पार्टी को ईमानदारी का पर्याय बताते हुए उसे ईमानदारी का सर्टिफिकेट देते हैं, लेकिन इंडी गठबंधन में शामिल उनकी सहयोगी पार्टी कॉन्ग्रेस के ही नेता ने उनके ईमानदारी के ‘सर्टिफिकेट’ को कैंसिल कर दिया है। कॉन्ग्रेस नेता ने आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोपों को न सिर्फ दोहराया है, बल्कि साफ कहा है कि सरकारी एजेंसियों की कार्रवाईयों के चलते शराब नीति के घोटाले से आने वाला पैसा बंद हो गया है, इसलिए दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को जनता से मदद माँगनी पड़ रही है।
तेलंगाना कॉन्ग्रेस नेता किरण कुमार चमाला ने AAP की ईमानदारी पर सीधा सवाल उठाते हुए पूछा कि आप अब क्यों क्राउडफंडिंग का सहारा ले रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने साउथ लॉबी और तेलंगाना की MLC के कविता के साथ मिलकर दिल्ली की शराब नीति में भ्रष्टाचार किया था। उनका दावा है कि जब तक केंद्र सरकार ने इस गड़बड़ी पर चोट नहीं की, तब तक AAP ने शराब नीति के जरिए पैसे बनाए।
चमाला ने कहा, “दिल्ली CM आतिशी अब चुनावों के लिए 40 लाख रुपये जुटाने के लिए जनता से क्राउडफंडिंग माँग रही हैं। उन्हें यह बताना चाहिए कि जब तक ‘साउथ ग्रुप’ सक्रिय था, तब तक उनकी पार्टी ने शराब घोटाले से कमाई की। अब जब भ्रष्टाचार की पोल खुल गई है, तो उन्हें जनता से मदद माँगनी पड़ रही है।”
केंद्र सरकार की कार्रवाई के बाद शराब घोटाले की कमाई बंद हो गई, जिससे आम आदमी पार्टी की असलियत सामने आ गई। तेलंगाना कॉन्ग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली की शराब नीति से हासिल किए पैसों के जरिए गोवा चुनाव लड़ा और नतीजा यह है कि वहाँ बीजेपी की सरकार है।
#WATCH | On Delhi CM Atishi, Telangana Congress leader Kiran Kumar Chamala says, "Delhi CM Atishi was trying to do crowdfunding yesterday for the elections which is costing around Rs 40 lakhs according to her. She is trying to tell the people that they have to help the party…… pic.twitter.com/strSkHX0sV
— ANI (@ANI) January 13, 2025
एक तरह से ये केंद्र सरकार की तारीफ ही है कि उसने भ्रष्टाचार पर गहरा चोट किया है और शराब की कमाई को बंद कर दिया। कॉन्ग्रेस नेता का ये बयान आम आदमी पार्टी को बुरी तरह से एक्सपोज करता है कि उसका भ्रष्टाचार बंद हो गया तो उसे क्राउडफंडिंग की राह पकड़नी पड़ी।
बता दें कि शराब घोटाले से आतिशी का सीधा कनेक्शन रहा है, क्योंकि घोटाले से जुड़े लोगों की वो रिश्तेदार हैं। ऑपइंडिया ने अपने लेख में बताया था कि आतिशी की बहन रोजा बसंती की शादी पत्रकार भूपेंद्र चौबे से हुई है, जो ‘इंडिया अहेड न्यूज़’ में बड़े पद पर थे और चैनल का सारा काम वही देख रहे थे। बकौल कपिल मिश्रा, आतिशी के जीजा वाले इस चैनल को हवाला के माध्यम से शराब घोटाले का 17 करोड़ रुपया पहुँचाया गया। ‘India Ahead News’ चैनल में कमर्शियल हेड के रूप में तैनात रहे अरविंद कुमार सिंह को CBI ने शराब घोटाले में गिरफ्तार भी किया था। जून 2021 से लेकर जनवरी 2022 तक हवाला के जरिए हुए पैसों के लेनदेन में उन्हें जाँच एजेंसी ने शामिल बताया था।
अरविंद कुमार सिंह चैनल में प्रोडक्शन कंट्रोलर भी थे। गोवा में AAP का चुनाव प्रचार देख रही कंपनी ‘Chariot Media’ के खाते में 17 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जाने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। CBI ने आरोप लगाया था कि हवाला नेटवर्क के जरिए ये पैसे भेजे गए थे। 14 फरवरी, 2022 को गोवा में विधानसभा चुनाव हुए थे। दिल्ली के शराब घोटाले में हुआ ये था कि एक नई शराब नीति बना कर ‘साउथ लॉबी’ यानी, दक्षिण भारत की कुछ शराब कंपनियों को फायदा पहुँचाया गया और बदले में करोड़ों रुपए की घूस ली गई।
AAP को मिली घूस की रकम 100 करोड़ रुपए बताई गई थी। कविता के करीबी अरुण पिल्लई ने ‘साउथ लॉबी’ की तरफ से बैठकों में हिस्सा लिया था। वहीं Indospirit के मालिक समीर महेन्द्रू ने भी घूस में करोड़ों रुपए दिए थे। इस पूरे खेल में कोरोना के दौरान नुकसान दिल्ली की जनता का हुआ, अरविंद केजरीवाल अपने आवास ‘शीशमहल’ को सुख-सुविधाओं से लैस करने में व्यस्त रहे।
दिल्ली हाई कोर्ट की फटकार
अब दिल्ली हाई कोर्ट ने शराब घोटाले और शीशमहल के मामले को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार भी लगाई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी सरकार पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की 14 रिपोर्ट्स विधानसभा में पेश नहीं की गईं। इनमें से दो रिपोर्ट्स लीक हो चुकी हैं, जिनमें केजरीवाल के सरकारी बंगले पर करोड़ों रुपये खर्च और शराब नीति से सरकारी खजाने को 2000 करोड़ रुपये का नुकसान होने की बात सामने आई है।
जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने दिल्ली सरकार की ईमानदारी पर सवाल उठाते हुए कहा, “आपने विधानसभा सत्र बुलाने में कदम पीछे खींच लिए। इससे आपकी ईमानदारी पर संदेह होता है।” कोर्ट ने यह भी कहा कि CAG रिपोर्ट को समय पर पेश करना सरकार की जिम्मेदारी थी।
‘सर्टिफिकेट’ अब भी दिखाएगी आम आदमी पार्टी या…
आम आदमी पार्टी की ‘कट्टर ईमानदारी’ पर न केवल राजनीतिक विरोधी, बल्कि सहयोगी दल भी सवाल खड़े कर रहे हैं। कोर्ट की फटकार और भ्रष्टाचार के आरोपों ने पार्टी की छवि को बड़ा झटका दिया है। मौजूदा समय में आम आदमी पार्टी के लिए यह बड़ी दुविधा वाली बात हो गई है कि वो जनता के बीच क्या मुँह लेकर जाए? ‘कट्टर ईमानदारी’ वाला सर्टिफिकेट खारिज होने के बाद क्या वो इसे महज एक राजनीतिक नारा बताकर अपना पलड़ा झाड़ ले? या बेशर्मों की तरह वो अपने सर्टिफिकेट पर डटी रहे। ऐसे में आम आदमी पार्टी को ECI और CAG की रिपोर्ट्स को सामने लाना इसलिए भी जरूरी है ताकि सच्चाई जनता के सामने आ सके और ‘अगर’ कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है, तो इस मुद्दे पर भी दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।