Thursday, April 25, 2024
Homeविविध विषयअन्यबीवी छोड़ गई, अम्मी तेजाब पीकर मर गई, बचपन में हुआ यौन शोषण... मुनव्वर...

बीवी छोड़ गई, अम्मी तेजाब पीकर मर गई, बचपन में हुआ यौन शोषण… मुनव्वर फारूकी की हिंदूफोबिया को LockUpp से धोने की ये कैसी कोशिश

ऑपइंडिया ने भी मुनव्वर फारूकी के ये कथित सीक्रेट सामने आने के बाद उनकी रिपोर्ट की है, जिससे पाठक इस बात को समझ सकें कि हमारा मनोरजंन उद्योग कैसे हमारी भावनाओं से खेलता है। कैसे एक हिंदूफोबिक व्यक्ति को पीड़ित की तरह पेश करता है।

“ये (मेरी शादी और बच्चा) ऐसी चीज हैं जिनके बारे में सोशल मीडिया पर या ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर बात नहीं करना चाहता हूँ। मैं और मेरी बीवी साथ नहीं रहते।मुझे ये चीजें 2 साल से खा रही हैं।”

“जनवरी 2007 का एक दिन था। दादी ने कोने में ले जाकर बताया- तेरी माँ ने जहर पी लिया है। किसी को बताया तो हमें परेशानी हो जाएगी। डॉक्टरों ने बताया था कि माँ ने 8 दिन से कुछ नहीं खाया।”

“जब मैं 6 या 7 साल का था, तब से 11 साल का होने तक मेरा यौन शोषण हो रहा था। इसमें मेरे परिवार के दो रिश्तेदार भी शामिल थे।”

ये सीक्रेट हैं। उस मुनव्वर फारूकी के जो ​अपनी हिंदूफोबिक कॉमेडी के लिए कुख्यात है। फारूकी के ये सीक्रेट ओटीटी प्लेटफॉर्म पर चल रहे एकता कपूर के रिएलिटी शो लॉकअप (LockUpp) में सामने आए हैं। अभिनेत्री कंगना रनौत इस शो की होस्ट हैं।

फारूकी ने अपने सीक्रेट रिवील करके शो में और शो के बाहर खूब तारीफें पाईं। उसकी छोटी-छोटी क्लिप्स जगह वायरल हो रही है, जिसमें इमोशनल बैकग्राउंड म्यूजिक होता है। इन खुलासों से उसके फैन फॉलोइंग में भी तेजी से इजाफा हुआ है। यह सब तब हो रहा है जब इस शो से पहले तक फारूकी को देशभर मे अपनी हिंदू घृणा के कारण विरोध का सामना करना पड़ रहा था।

आपको याद होगा कि मुनव्वर फारूकी ने भगवान श्रीराम और माता सीता पर अभद्र कॉमेडी करके खुद को एक स्टैंड कॉमेडियन के तौर पर स्थापित किया था। उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ भी खासा माहौल बनाया था। हिंदू घृणा से साणे वीडियोज वायरल होने के बाद हिंदू संगठनों के दवाब में उस पर कार्रवाई हुई। उसे लंबा वक्त जेल में गुजारना पड़ा। इसके बाद से उसका ग्राफ लगातार नीचे जा रहा था। गुजरात हो या गोवा हर जगह उसके शो कैंसिल हो रहे थे

दिलचस्प बात ये है कि जनवरी 2021 में फारूकी की गिरफ्तारी के बाद उसके शो रद्द होने की खबरें दिसंबर तक लगातार आ रही थीं। लेकिन इसके बाद अचानक पता चला कि चूँकि वो साल के सबसे विवादित चेहरों में से एक है तो उसे लॉकअप में लाया जा रहा है। ऐसे में इस शो की टाइमिंग और इन कथित सीक्रेट्स के जरिए फारूकी की हिंदूफोबिया को दबाने की कोशिशों के तौर पर भी देखा जा रहा है।

वैसे बॉलीवुड या भारत के मनोरजंन उद्योग के लिए ऐसा करना नई बात नहीं। हिंदूफोबिया से ग्रसित चेहरा हो या आतंकी उनका महिमामंडन स्क्रीन पर हमेशा से होता आया है। याद करिए कश्मीर फाइल्स से पहले कश्मीर के घटनाक्रम पर बनी किस फिल्म में वह पीड़ा दिखाई गई थी जो कश्मीरी पंडितों ने देखा था। एकाध फिल्मों को छोड़ दें तो ज्यादातर ने आतंकियों को कोमल हृदय का, प्रेम करने वाले व्यक्ति के तौर पर ही पेश किया जिसे बंदूक उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसका असर भी होता है।

इसे आप इस तरह भी समझ सकते हैं कि फारूकी के कथित सीक्रेट्स सामने आने के बाद कंगना रनौत ने एक एपिसोड में उसे अपना पसंदीदा प्रतिभागी बताया। नहले पर दहला यह था कि फारूकी ने कहा कि उससे मिलने के बाद लोग अपनी राय बदल लेते हैं। एक तरह से उसने यह संदेश देने की कोशिश की कि जो उस पर हिंदूफोबिया का आरोप लगाते हैं दरअसल उसे जानते नहीं हैं। उसके हिंदू घृणा से सने जो वीडियो वायरल हैं, वे झूठे हैं।

इन सबके बीच तथ्य यही है कि अपनी असफल शादी, माँ की सुसाइड और यौन शोषण की बातें कर संवेदनाएँ बटोरने वाला यह वही मुनव्वर फारूकी है जो हिंदू देवी देवताओं को मंचों से गाली देता था और इसे कॉमेडी बताता था।

जिस तरह से लॉकअप से मुनव्वर फारूकी की खबरों को मीडिया प्रसारित किया जा रहा है उससे भी इस शो के निर्माताओं की नीयत पर सवाल उठते हैं। शो में उसके कॉमेडी पंच, खेल स्ट्रैटेजी, सादगी सबको बाकी प्रतिभागियों से हटकर दिखाया जा रहा है। जितना प्रमोशन फारूकी का सोशल मीडिया पर हो रहा है उतना शायद ही सोशल मीडिया पर 1 मिलियन फॉलोवर वाली अंजलि अरोड़ा, या टीवी इंडस्ट्री के मशहूर करणवीर बोहरा जैसे अन्य प्रतिभागियों का नहीं हो रहा है। इतना ही नहीं, वे प्रतिभागी जिनके सीक्रेट्स फारूकी जैसे ही है उनको भी उसकी तरह स्पेस नहीं मिल रहा है।

ऑपइंडिया ने भी मुनव्वर फारूकी के ये कथित सीक्रेट सामने आने के बाद उनकी रिपोर्ट की है, जिससे पाठक इस बात को समझ सकें कि हमारा मनोरजंन उद्योग कैसे हमारी भावनाओं से खेलता है। कैसे एक हिंदूफोबिक व्यक्ति को पीड़ित की तरह पेश करता है। यह संदेश देने की कोशिश करता है कि ये तो ‘बेचारा’ है। दुनिया की तमाम दुश्वारियों को भोग चुका है। ताकि अगली बार जब मुनव्वर फारूकी मंच से आपके अराध्यों का मजाक उड़ाए तो आप उसे ‘बेचारा’ समझ गौर ही नहीं करें।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

माली और नाई के बेटे जीत रहे पदक, दिहाड़ी मजदूर की बेटी कर रही ओलम्पिक की तैयारी: गोल्ड मेडल जीतने वाले UP के बच्चों...

10 साल से छोटी एक गोल्ड-मेडलिस्ट बच्ची के पिता परचून की दुकान चलाते हैं। वहीं एक अन्य जिम्नास्ट बच्ची के पिता प्राइवेट कम्पनी में काम करते हैं।

कॉन्ग्रेसी दानिश अली ने बुलाए AAP , सपा, कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ता… सबकी आपसे में हो गई फैटम-फैट: लोग बोले- ये चलाएँगे सरकार!

इंडी गठबंधन द्वारा उतारे गए प्रत्याशी दानिश अली की जनसभा में कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe