Tuesday, April 23, 2024
Homeविचारसामाजिक मुद्देनमाज पढ़ते मुस्लिम और सुरक्षा में सिखों का घेरा: हाईजैक 'किसान आंदोलन' और शाहीन...

नमाज पढ़ते मुस्लिम और सुरक्षा में सिखों का घेरा: हाईजैक ‘किसान आंदोलन’ और शाहीन बाग मॉडल

'किसान आंदोलन' के मुस्लिम-सिख एकता पर राना अयूब जैसों ने इस वीडियो को वायरल किया। लेकिन इन जैसों को जवाब भी वहीं मिला। एक ने पूछा - "पाकिस्तान में सिख बहू-बेटियों के साथ दुर्व्यवहार हो रहा। इसके लिए कब होगा विरोध प्रदर्शन?"

दिल्ली में ‘किसान आंदोलन’ के दौरान कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला, जैसा शाहीन बाग़ में देखने को मिला था। दरअसल, आजकल सारे विरोध प्रदर्शनों में एकाध फंडा ज़रूर अपनाया जाता है, जैसे – ह्यूमन चेन बनाना या फिर मुस्लिमों के साथ किसी दूसरे मजहब की एकता दिखाना। इससे मुस्लिम वर्ग को आरोपों से परे रखने में मदद मिलती है। दिल्ली में भी कुछ मुस्लिम नमाज पढ़ते नजर आए,और सिख घेरा बना कर उनकी ‘सुरक्षा’ कर रहे थे।

नमाज पढ़ते मुस्लिमों और उनके पास खड़े सिख समुदाय के लोगों की तस्वीर और वीडियो को सोशल मीडिया पर राना अयूब जैसे पत्रकारों ने वायरल किया। राना अयूब ने लिखा कि इस वीडियो ने उन्हें भावुक कर दिया है। उन्होंने लिखा कि सिख भाई मुस्लिमों का साथ देते हुए नमाज के वक्त उनके पास खड़े हैं। इससे दो चीजें साबित करने की कोशिश की गईं – एक ये कि सिख और हिन्दू अलग-अलग हैं, दूसरी ये कि मुस्लिम इतने मासूम हैं कि उन्हें सुरक्षा की ज़रूरत पड़ती है।

जैसा कि हमें पता है, दिल्ली के इस ‘किसान आंदोलन’ को खालिस्तानियों ने हाईजैक कर रखा है। एक खालिस्तानी का ये कहते हुए वीडियो भी वायरल हुआ था कि वो न तो ‘जय हिंद’ बोलेगा और न ही ‘भारत माता की जय’, वो तो बस ‘अस्सलाम वालेकुम’ और ‘जो बोले सो निहाल’ बोलेगा। स्थिति स्पष्ट है। जो कुचक्र दलितों के साथ चलाया जाता है कि तुम हिन्दुओं से अलग हो, वैसा ही सिखों के साथ हो रहा है।

गुरु गोविंद सिंह ने अपने चारों बेटों को इस्लामी आक्रांताओं की क्रूरता से लड़ते हुए कुर्बान कर दिया। लेकिन, आज खुद को उनका अनुयायी कहने वाले उसी धरती से घृणा का पाठ पढ़ और पढ़ा रहे हैं, जिसके लिए उनके गुरुओं ने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया था। वो सिर्फ उनके ही गुरु नहीं थे, पूरे भारत के थे। हर विरोध प्रदर्शन की ब्रांडिंग के लिए ये तौर-तरीके आजमाए जाते हैं। इससे आंदोलन की ‘ब्रांड वैल्यू’ बढ़ाने की कोशिश होती है।

सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति ने इस्लामी शासन काल की एक तस्वीर शेयर की, जिसमें आक्रांता एक सिख योद्धा के साथ क्रूरता करते हुए उसके शरीर को काट रहे हैं। उसने पूछा कि क्या इससे बेहतर कोई ‘एकजुटता’ हो सकती है? एक व्यक्ति ने पूछा कि मुस्लिम समुदाय के लोग तो बिना सुरक्षा के ही एयरपोर्ट्स से लेकर सड़कों तक पर नमाज पढ़ते हैं, इसमें नया क्या है? फिर उनके ही आंदोलन में ये ‘एकजुटता’ प्रदर्शित करने की ज़रूरत क्यों पड़ गई?

हाल ही में दिल्ली पुलिस ने 5 आतंकियों को गिरफ्तार किया, जिनमें से 2 खालिस्तानी हैं और 3 कश्मीरी जिहादी हैं। दिल्ली पुलिस का भी कहना है कि पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI कश्मीरी और पंजाबी आतंकवाद को एक साथ जोड़ कर भारत को अस्थिर करना चाहती है। ऐसे में, निचले स्तर पर भी सिखों में हिन्दुओं के खिलाफ घृणा भरने की कोशिश की जा रही हो, ये भी हो सकता है। वरना, इंदिरा और मोदी को ठोकने की बातें न की जाती।

एक व्यक्ति ने याद दिलाया कि पाकिस्तान में सिखों के साथ क्रूरता हो रही है। उनकी बहू-बेटियों के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है। उसने पूछा कि क्या सिख समुदाय को यहाँ इस तरह विरोध प्रदर्शन करने और इस तरह के वीडियो बनाने की बजाए ऐसी घटनाओं के खिलाफ विरोध नहीं जताना चाहिए? क्या पाकिस्तान के सिख, सिख नहीं हैं? क्या भारत का मुस्लिम वर्ग एक इस्लामी मुल्क में सिखों पर हो रहे इस अत्याचार पर आवाज़ उठाता है?

आलोक कुमार चौधरी ने लिखा कि इसमें नया क्या है? कभी वो कोलकाता के धर्मतला स्ट्रीट में आएँ, वहाँ हमेशा मुस्लिम वर्ग इसी तरह नमाज पढ़ता है और ट्रैफिक बंद रहता है। हिन्दू लोग उनका साथ देते हैं। वो वहाँ से गुजरते हैं, उन्हें दिक्कतें होती हैं, लेकिन वो एक शब्द नहीं कहते। शैलेन्द्र उपाध्याय ने इसका जवाब देते हुए लिखा कि हिंदू कुछ बोल भी नहीं सकते। कभी किसी अच्छे कारण से भी उन्हें रोक कर देखो, सारा ‘भाईचारा’ कहाँ घुसेड़ दिया जाएगा, पता भी न चलेगा।

मंगलवार (दिसंबर 8, 2020) को ‘किसान आंदोलन’ के समर्थकों ने ‘भारत बंद’ का ऐलान कर रखा है। इधर पेशेवर आंदोलनकारी और पाखंडी राजनीतिज्ञ योगेंद्र यादव ने सोमवार (7 दिसंबर 2020) को प्रदर्शनरत किसानों और राजनीतिक दलों द्वारा घोषित किए गए ‘भारत बंद’ के ठीक पहले सोशल मीडिया पर नई थ्योरी पेश कर गुमराह करने की कोशिश की। उन्होंने एक भ्रामक स्क्रीनशॉट शेयर कर दावा किया कि स्कूलों ने ‘भारत बंद’ का स्वागत किया है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

अनुपम कुमार सिंह
अनुपम कुमार सिंहhttp://anupamkrsin.wordpress.com
चम्पारण से. हमेशा राइट. भारतीय इतिहास, राजनीति और संस्कृति की समझ. बीआईटी मेसरा से कंप्यूटर साइंस में स्नातक.

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘नरेंद्र मोदी ने गुजरात CM रहते मुस्लिमों को OBC सूची में जोड़ा’: आधा-अधूरा वीडियो शेयर कर झूठ फैला रहे कॉन्ग्रेसी हैंडल्स, सच सहन नहीं...

कॉन्ग्रेस के शासनकाल में ही कलाल मुस्लिमों को OBC का दर्जा दे दिया गया था, लेकिन इसी जाति के हिन्दुओं को इस सूची में स्थान पाने के लिए नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री बनने तक का इंतज़ार करना पड़ा।

‘खुद को भगवान राम से भी बड़ा समझती है कॉन्ग्रेस, उसके राज में बढ़ी माओवादी हिंसा’: छत्तीसगढ़ के महासमुंद और जांजगीर-चांपा में बोले PM...

PM नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया कि कॉन्ग्रेस खुद को भगवान राम से भी बड़ा मानती है। उन्होंने कहा कि जब तक भाजपा सरकार है, तब तक आपके हक का पैसा सीधे आपके खाते में पहुँचता रहेगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe