Friday, March 28, 2025
Homeराजनीति2019 का चुनाव समता और ममता के भाव से सामाजिक आंदोलन का हिस्सा बन...

2019 का चुनाव समता और ममता के भाव से सामाजिक आंदोलन का हिस्सा बन गया: नरेंद्र मोदी

नरेंद्र मोदी ने कहा, "सेंट्रल हॉल की यह घटना असामान्य घटना है। हम आज नए भारत के हमारे संकल्प को एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाने के लिए एक नई यात्रा को यहाँ से आगे बढ़ाने वाले हैं"

“मुझे संसदीय दल का नेता चुनने के लिए बीजेपी और एनडीए के सभी सांसदों का धन्यवाद” भारत के संविधान को प्रणाम करने के बाद इन्हीं शब्दों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में अपने भाषण की शुरुआत की। भाजपा संसदीय दल द्वारा नेता चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा और एनडीए के संसदीय साथियों को संबोधित किया। संदेश में उन्होंने जनता के प्रति सभी उपस्थित सांसदों की जिम्मेदारी को भी रेखांकित किया और सांसदों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का भी आश्वासन दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत केंद्रीय और राज्य के चुनाव आयोग और सुरक्षाबलों का इस चुनाव के आयोजन के लिए धन्यवाद के साथ की। नरेंद्र मोदी ने कहा, “सेंट्रल हॉल की यह घटना असामान्य घटना है। हम आज नए भारत के हमारे संकल्प को एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाने के लिए एक नई यात्रा को यहाँ से आगे बढ़ाने वाले हैं”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की कुछ प्रमुख बातें

  • आज एनडीए के सभी वरिष्ठ साथियों ने मुझे आशीर्वाद दिया है। आप सबने मुझे नेता के रूप में चुना है, मैं इसे व्यवस्था का हिस्सा मानता हूँ। मैं भी आपमें से एक हूँ, आपके बराबर हूँ, हमें कंधे से कंधा मिलाकर चलना है।
  • भारत के लोकतंत्र को हमें समझना होगा। भारत का मतदाता, भारत के नागरिक के नीर, क्षीर, विवेक को किसी मापदंड से मापा नहीं जा सकता है। हम कह सकते हैं सत्ता का रुतबा भारत के मतदाता को कभी प्रभावित नहीं करता है। सत्ताभाव भारत का मतदाता कभी स्वीकार नहीं करता है।
  • विनोबा भावे कहते थे कि चुनाव बाँट देता है, दीवार खड़ी कर देता है, लेकिन 2019 के चुनाव ने सभी दीवारें गिरा दी हैं।
  • विश्वास की डोर जब मजबूत होती है तो प्रो-इनकम्बेंसी की लहर चलती है।
  • पूरी दुनिया में भारतीयों ने विजय उत्सव मनाया।
  • देश की राजनीति में जो बदलाव आया है, आप सभी ने इसका नेतृत्व किया है। आप सभी का अभिनंदन, लेकिन जो सदस्य पहली बार चुनकर आए हैं उनका विशेष अभिनंदन है।
  • जनप्रतिनिधियों के लिए कोई पराया नहीं हो सकता, दिलों को जीतने जीतने की कोशिश करें।
  • आम तौर पर चुनाव बाँट देता है, दूरियाँ पैदा करता है, दीवार बना देता है, खाई पैदा कर देता है। लेकिन 2019 के चुनाव ने दीवारों को तोड़ने का काम किया है। दिलों को जोड़ने का काम किया है।
  • 2019 का चुनाव सामाजिक एकता का आंदोलन बन गया, समता भी, ममता भी, समभाव भी, ममभाव भी। इस वातावरण ने इस चुनाव को एक नई ऊँचाई दी।
Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जज को हटाने के लिए संविधान में महाभियोग का प्रावधान, जानिए क्या है इसकी प्रक्रिया: कौन थे जस्टिस रामास्वामी जिन पर सबसे पहले चला...

संविधान में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों को हटाने के बारे में बताया गया है। इसमें महाभियोग के लिए क्या प्रक्रिया है, इसका उल्लेख है।

अब प्रकाश को छू भी सकते हैं… क्या है ‘सुपर सॉलिड लाइट’, इससे कितना बदलेगा हमारा जीवन: सरल शब्दों में समझिए विज्ञान

न्यूटन और हाइजेंस के जमाने से ही यह बहस चल रही है कि प्रकाश असल में है क्या? कोई कण या तरंग? इटली के वैज्ञानिकों ने इसे एक नया आयाम दिया है।
- विज्ञापन -