नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) का मामला सुप्रीम कोर्ट की चौखट तक जा पहुँचा है। इसके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में 140 से अधिक याचिकाएँ दायर की गई हैं। इन याचिकाओं पर बुधवार (22 जनवरी) से सुनवाई शुरू हो चुकी है। इस बीच, कॉन्ग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी का एक बड़ा बयान आया है। उनका कहना है कि देश-विरोधी नारे नहीं लगने चाहिए।
अपनी बात उन्होंने गुरुवार (23 जनवरी) को ट्वीट करते हुए कही। उन्होंने लिखा, “भारत माता से आज़ादी, कश्मीर से आज़ादी एक तरह के अलगाववादी नारे हैं, जिनकी CAA के ख़िलाफ़ प्रदर्शन में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। इस तरह के नारे देश पर सवाल खड़े करते हैं और CAA के ख़िलाफ़ चल रहे मज़बूत आंदोलन को कमज़ोर करने का काम करते।”
Bharat mata se azadi & Kashmir se aazadi are secessionist slogans that have no place in a protest against CAA as they are questioning the integrity of our nation as weakening the strong movement against the discriminatory CAA.
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) January 23, 2020
इससे पहले, सिंघवी ने मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दलील देते हुए उन्होंने कहा था कि यूपी में NPR की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 19 ज़िलों के लोगों को डाउटफुल सिटीजन्स (संदिग्ध नागरिक) के तौर पर चिन्हित किया गया है। उन्होंने दलील दी कि ऐसे में अगर सुप्रीम कोर्ट नागरिकता संशोधन क़ानून की प्रक्रिया को नहीं टालेगी तो क्या इससे लोगों के मन में असुरक्षा की भावनी नहीं उत्पन्न होगी? सिंघवी का कहना था कि अगर यह प्रक्रिया पिछले 70 साल से शुरू नहीं हुई तो क्या इसे कुछ महीनों के लिए रोका नहीं जा सकता।
ग़ौरतलब है कि नागरिकता संशोधन क़ानून संसद में पिछले साल दिसंबर में पास हुआ था। इस क़ानून में पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश से सताए जाने के कारण भारत आए धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है, जो लोग 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हैं। लेकिन, इस क़ानून के पास होने के बाद से ही इसके ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शनों की आड़ में देशभर में हिंसात्मक गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है। कॉन्ग्रेस और विपक्ष इस क़ानून के लगातार विरोध में बने हुए हैं।
पीड़ित दलितों को नागरिकता मिल रही तो विरोध क्यों? अफवाह से बाज आएँ अर्बन नक्सल: PM मोदी
‘सोनिया खुद इटली से आकर नागरिकता ले लीं, लेकिन सताए गए हिंदू-सिख भाइयों पर सवाल उठा रहीं’
CAA लाओ, मुस्लिमों को नागरिकता मत दो: 2003 में कॉन्ग्रेस नेताओं ने की पैरवी, आज फैला रहे अफवाह