Friday, April 19, 2024
Homeदेश-समाज'मुस्लिमों शासकों की बुराई मत करना, मंदिरों का विध्वंस नहीं पढ़ाना': कम्युनिस्टों ने किताबों...

‘मुस्लिमों शासकों की बुराई मत करना, मंदिरों का विध्वंस नहीं पढ़ाना’: कम्युनिस्टों ने किताबों से साफ करवाई इस्लामी बर्बरता, आज फिर ‘मुगल प्रेम’ में हो रहे दुबले

एनसीईआरटी के निदेशक सकलानी ने एएनआई से हुई बातचीत में कहा है कि मुगलों पर जो अध्याय थे उन्हें हटाया नहीं गया है। जिन चीजों का किताब में बार-बार जिक्र था या फालतू थे सिर्फ उन्हें हटाया गया है। कोरोना वायरस महामारी के चलते बच्चों पर अधिक बोझ न बढ़े इसलिए यह फैसला लिया गया।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्यसभा सांसद बिनय विश्वम (Binoy Viswam) ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में में उन्होंने नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) की किताबों से मुगलों के बारे में जानकारी हटाने को लेकर चिंता व्यक्त की है।

मोदी सरकार को लिखे अपने पत्र में बिनय विश्वम ने कहा है कि एनसीईआरटी की किताबों में भारी बदलाव किए जा रहे हैं। इस तरह के बदलाव के जरिए भारतीय इतिहास के कुछ समय की जानकारी विलुप्त करने की कोशिश की जा रही है। विश्वम ने सरकार पर इतिहास, राजनीतिक व्यवस्था और समाज को बिगाड़ने तथा सांप्रदायीकरण करने का आरोप लगाया। 

उन्होंने कहा है, “दिल्ली सल्तनत, मुगल साम्राज्य और उस समय के साहित्य और वास्तुकला से संबंधित सामग्री को हटाना और कम करना प्रथम दृष्टया सांप्रदायिक रूप से पक्षपाती प्रतीत होता है। सामाजिक आंदोलनों से जुड़ी जानकारियाँ भी काफी हद तक हटाई गई हैं।”

नहीं हटाया गया मुगलों का इतिहास

सबसे पहली बात तो यह है कि NCERT की किताबों से मुगलों से जुड़े अध्यायों को हटाया नहीं गया है। ऑपइंडिया ने एनसीईआरटी की किताबों को लेकर शुरू हुए विवाद से जुड़े झूठ का भंडाफोड़ करने की कोशिश की है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि NCERT ने अपनी किताबों खासतौर से 12वीं कक्षा की इतिहास की किताब में संशोधन किया है और मुगल साम्राज्य से जुड़े कुछ अध्यायों को हटाया गया है। अफवाह बढ़ने के बाद, एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने मीडिया द्वारा किए जा रहे दावों का खंडन किया है।

एनसीईआरटी के निदेशक सकलानी ने एएनआई से हुई बातचीत में कहा है कि मुगलों पर जो अध्याय थे उन्हें हटाया नहीं गया है। जिन चीजों का किताब में बार-बार जिक्र था या फालतू थे सिर्फ उन्हें हटाया गया है। कोरोना वायरस महामारी के चलते बच्चों पर अधिक बोझ न बढ़े इसलिए यह फैसला लिया गया। उन्होंने यह भी कहा है कि जो लोग इस मुद्दे को फालतू में उठा रहे हैं उन्हें NCERT की वेबसाइट पर जाकर इसकी जाँच करनी चाहिए।

CPM सरकार ने किताबों से ‘मुगलों की सच्चाई’ हटाने का दिया था आदेश…

विडंबना यह है कि सीपीएम नेता आज कथित तौर पर मुगलों का इतिहास हटाने को लेकर हो-हल्ला कर रहे हैं। लेकिन इसी सीपीएम पार्टी ने पश्चिम बंगाल की सत्ता में रहते हुए मुगलों द्वारा हिंदुओं पर किए गए अत्याचारों की घटनाओं को किताबों से हटवा दिया था। इसके लिए सरकार ने साल 1989 में एक आदेश जारी किया था। इस आदेश में मुगलों द्वारा हिंदुओं पर किए गए अत्याचारों की घटनाओं को ‘विवादित’ बताते हुए हटाने के लिए कहा गया था।

इस आदेश में साफ तौर पर लिखा हुआ था, “मुस्लिम शासन की कभी भी आलोचना नहीं होनी चाहिए। मुस्लिम शासकों और आक्रमणकारियों द्वारा किए गए मंदिरों के विनाश का भी उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए।”

(फोटो साभार:’फंडामेंटलिज्म इन द कंटेम्परेरी वर्ल्ड: क्रिटिकल सोशल एंड पॉलिटिकल इश्यूज’ पेज नंबर-273)

लेखक संतोष सी साहा ने अपनी पुस्तक ‘फंडामेंटलिज्म इन द कंटेम्परेरी वर्ल्ड: क्रिटिकल सोशल एंड पॉलिटिकल इश्यूज’ में बताया है कि पश्चिम बंगाल की सत्ता में बैठी तत्कालीन कम्युनिस्ट सरकार ने साल 1989 में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (28 अप्रैल 1989) को एक आदेश जारी किया था।

इस्लामवादियों ने किया हिंदुओं पर अत्याचार

इस्लामवादियों द्वारा हिंदुओं पर किए गए अत्याचारों को किताबों से हटाने के इस तरह के उपायों के जरिए कोशिश यह थी कि बड़े होकर हिंदुओं को यह पता चलेगा कि मुगलों और अंग्रेजों के आने से पहले भारत में कुछ भी ठीक नहीं था। यही नहीं, यह भी दिखाने की कोशिश की जाती है कि इस्लामिक आक्रांताओं ने इस देश में कुछ भी गलत नहीं किया है।

वास्तव में, मुस्लिमों द्वारा भारत के इतिहास को लेकर जो लिखा गया है उससे भी यह पता चलता है कि इस्लामवादी शासकों ने हिंदुओं पर जमकर अत्याचार किया और जबरन इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया। इतिहास की कई किताबों में न केवल इस्लामवादी शासकों के अत्याचार की घटनाओं को हटाया गया बल्कि इन आक्रांताओं का महिमामंडन भी किया गया।

वास्तव में मध्यकालीन इतिहास केवल मुगलकालीन इतिहास ही है। स्कूल का पाठ्यक्रम इस तरह से तैयार किया गया है जैसे कि यह बताने की कोशिश की गई हो कि भारत में हर बड़ा और अच्छा काम मुगलों ने ही किया है। हालाँकि सच्चाई यह है कि धर्मांतरण से लेकर, मंदिरों को तोड़ने, महिलाओं पर अत्याचार और बलात्कार से लेकर सभी प्रकार के व्यभिचार मुगल काल में चरम पर थे।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

EVM से भाजपा को अतिरिक्त वोट: मीडिया ने इस झूठ को फैलाया, प्रशांत भूषण ने SC में दोहराया, चुनाव आयोग ने नकारा… मशीन बनाने...

लोकसभा चुनाव से पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) को बदनाम करने और मतदाताओं में शंका पैदा करने की कोशिश की जा रही है।

‘कॉन्ग्रेस-CPI(M) पर वोट बर्बाद मत करना… INDI गठबंधन मैंने बनाया था’: बंगाल में बोलीं CM ममता, अपने ही साथियों पर भड़कीं

ममता बनर्जी ने जनता से कहा- "अगर आप लोग भारतीय जनता पार्टी को हराना चाहते हो तो किसी कीमत पर कॉन्ग्रेस-सीपीआई (एम) को वोट मत देना।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe