Friday, June 20, 2025
Homeराजनीतिकॉन्ग्रेस उम्मीदवार ने मतगणना केंद्र पर किया आत्महत्या का प्रयास, लोगों ने किया बीच-बचाव:...

कॉन्ग्रेस उम्मीदवार ने मतगणना केंद्र पर किया आत्महत्या का प्रयास, लोगों ने किया बीच-बचाव: गमछे का फंदा बना कर चले थे मरने, कहा – EVM गड़बड़ है

कॉन्ग्रेस उम्मीदवार भरत सोलंकी का आरोप है कि ईवीएम ठीक से सील नहीं थी। उनका आरोप है कि ईवीएम में सिग्नेचर भी नहीं थे।

गुजरात में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने लगे हैं और भाजपा प्रचंड बहुमत की तरफ बढ़ रही है। इसी बीच गाँधीधाम से कॉन्ग्रेस उम्मीदवार भरत सोलंकी ने मतगणना केंद्र पर आत्महत्या करने की कोशिश की। भरत सोलंकी ने EVM में गड़बड़ी का आरोप लगा कर गमछे का फंदा बाँधते हुए सुसाइड करने की कोशिश की।

कॉन्ग्रेस उम्मीदवार भरत सोलंकी का आरोप है कि ईवीएम ठीक से सील नहीं थी। उनका आरोप है कि ईवीएम में सिग्नेचर भी नहीं थे। आरोप लगाते हुए सोलंकी धरने पर बैठ गए और गिनती रोकने की माँग करने लगे। आरोपों पर कार्रवाई न होने की बात कहते हुए उन्होंने सुसाइड करने की कोशिश की। गाँधीधाम विधानसभा सीट से भाजपा की मालतीबेन किशोरभाई माहेश्वरी ने कॉन्ग्रेस उम्मीदवार भरत सोलंकी को हरा दिया है। वहीं इस सीट पर आम आदमी पार्टी को फिलहाल 3200 वोट मिले हैं। आपको बता दें कि भरत भाई सोलंकी ने पिछले दिनों राज्य में 125 सीट जीत कर सरकार बनाने का दावा किया था।

गुजरात की इस सीट पर भाजपा का एक दशक से कब्जा है। 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा (BJP) उम्मीदवार मालती माहेश्वरी ने कॉन्ग्रेस उम्मीदवार किशोर पिंगोल को 20, 270 वोटों के बड़े अंतर से पराजित किया था। तब यहाँ भाजपा को 52.6 फीसदी वोट जबकि कॉन्ग्रेस को 39.3 फीसदी वोट मिले थे। 2012 में भी यहाँ बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। गुजरात की गाँधीधाम सीट को 2008 में परिसीमन के बाद SC कैटेगरी के लिए रिजर्व किया गया था। गाँधीधाम में कुल 3,15,272 वोटर हैं। जिसमें एससी वोटर ज्यादा हैं।

वहीं गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजों की बात करें तो अब तक के रुझानों में भाजपा को 150 से ज्यादा सीटों पर जीत मिलती नजर आ रही है। वहीं कॉन्ग्रेस सिर्फ 17 सीटों पर आगे है। सरकार बनाने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी सिर्फ 6 सीटों पर आगे चल रही है वहीं अन्य 4 सीटों पर आगे है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

विदेशी भाषाओं की गुलामी से बाहर निकलो राहुल गाँधी, हिंदी में भविष्य भी है और राजा बनाने की ताकत भी: अपना अंग्रेजी प्रेम नहीं...

अँग्रेजी पर गृह मंत्री शाह के बयान के बाद कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी अपना अंग्रेजी प्रेम छुपा नहीं पा रहे हैं। अब तक अमीरों की भाषा रही अंग्रेजी को अब गरीबों की बता रहे हैं।

होर्मुज स्ट्रेट से दुनिया को मुसीबत में डालेगा ईरान: सेवास्तोपोल, जिब्राल्टर, सिंगापुर… जानिए – कैसे समुद्री चोकप्वॉइंट्स की लड़ाइयों ने बदले देशों के नक्शे

ब्रिटिश साम्राज्य के लिए सिंगापुर 'पूर्व का जिब्राल्टर' था। आज भी सिंगापुर का बंदरगाह और यह जलडमरूमध्य एशियाई व्यापार के लिए काफी अहम है।
- विज्ञापन -