Monday, July 14, 2025
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‘मैं कॉन्ग्रेस की विचारधारा के ज़्यादा करीब’: ‘जन सुराज’ वाले प्रशांत किशोर ने माँगा पार्टी का साथ, बिहार में तैयार हो रहा ‘BJP बनाम ऑल’ का समीकरण?

प्रशांत किशोर से जब ये पूछा गया कि क्या उन्होंने कॉन्ग्रेस में जाने को लेकर अपने पत्ते खोलकर रखे हुए हैं? इस सवाल पर प्रशांत किशोर ने गेंद कॉन्ग्रेस के ही पाले में डाल दी। प्रशांत किशोर ने कहा कि इस मामले में फैसला कॉन्ग्रेस पार्टी को लेना है, मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता।"

प्रशांत किशोर बिहार में सियासी जमीन तलाश रहे हैं। वो बिहार में पिछले कई महीनों से ‘जन सुराज यात्रा’ कर रहे हैं। वो गाँवों में घूम रहे हैं और आम लोगों से मिल भी रहे हैं। वो राजनीतिक बयानबाजी भी करते दिखते हैं और बीच-बीच में टीवी चैनलों पर आकर राजनीतिक मुद्दों पर अपनी बात भी रखते हैं। इसी क्रम में उन्होंने इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए अपनी राजनीतिक विचारधारा भी बता दी है। उन्होंने कहा है कि वो राजनीतिक रूप से कॉन्ग्रेस के विचार के करीब हैं।

बिहार में राजनीतिक जन जागरण कर रहे प्रशांत किशोर ने अपना चुनावी भविष्य साफतौर पर साफ कर दिया है। उन्होंने राहुल कंवल के साथ बातचीत में कहा कि बिहार की राजनीति पर चर्चा की, साथ ही अगले लोकसभा चुनाव को लेकर भी अपनी राय रखी।

प्रशांत किशोर ने कहा, “कॉन्ग्रेस इस बार मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गाँधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने जा रही है, उन लोगों ने अपने रास्ते चुन लिए हैं। लोकसभा चुनाव के बाद क्या होगा, ये हमें नहीं पता। लेकिन मैं वैचारिक रूप से किसी अन्य पार्टी की तुलना में कॉन्ग्रेस की विचारधारा के करीब हूँ। मैं बस इतना ही कह सकता हूँ।”

प्रशांत किशोर से जब ये पूछा गया कि क्या उन्होंने कॉन्ग्रेस में जाने को लेकर अपने पत्ते खोलकर रखे हुए हैं? इस सवाल पर प्रशांत किशोर ने गेंद कॉन्ग्रेस के ही पाले में डाल दी। प्रशांत किशोर ने कहा- “इस मामले में फैसला कॉन्ग्रेस पार्टी को लेना है, मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता।”

इस इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने कई अहम मुद्दों पर अपनी राय रखी और बताया कि छत्तीसगढ़ में कॉन्ग्रेस पार्टी मजबूत दिख रही थी, लेकिन राहुल गाँधी द्वारा जातीय जनगणना का मुद्दा शायद पार्टी पर भारी पड़ गया। उन्होंने ये भी कहा कि वो बिहार के लिए काम कर रहे हैं, किसी पार्टी के लिए नहीं। वैसे, प्रशांत किशोर अभी अपनी जन सुराज यात्रा में लगातार आरजेडी, जेडीयू के खिलाफ आक्रामक रहते हैं। वो खुलकर तेजस्वी यादव, लालू यादव और नीतीश कुमार के खिलाफ बोलते हैं, पर बीजेपी और कॉन्ग्रेस के खिलाफ अपेक्षाकृत शांत रहते हैं। ऐसे में माना जा सकता है कि उन्होंने काफी सोच समझकर ही ये राजनीतिक बयान दिया है।

अपने अतीत से अलग सोचने लगे हैं प्रशांत किशोर?

वैसे, प्रशांत किशोर का ये बयान उनकी पिछली जिंदगी से मेल नहीं खाता। अभी तक उन्होंने राजनीतिक रूप से जिन पार्टियों के लिए काम किया है, बेशक उनमें कॉन्ग्रेस पार्टी भी शामिल है, लेकिन कॉन्ग्रेस को वो कोई सफलता नहीं दिला पाए। वहीं, कॉन्ग्रेस के विरोध में खड़ी राजनीतिक पार्टियों को उन्हें जोड़ने का फायदा जरूर हुआ। उन्होंने बीजेपी के लिए काम किया, उन्होंने टीआरएस (अब बीआरएस) के लिए काम किया, उन्होंने जेडीयू के लिए काम किया, उन्होंने टीएमसी के लिए काम किया। हर बार सफलता मिली, लेकिन कॉन्ग्रेस के लिए उत्तर प्रदेश में साल 2017 की चुनावी बिसात बिछाते समय वो बुरी तरह से चूक गए थे और कॉन्ग्रेस पार्टी को भारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। लेकिन अब उनका ये कहना कि वो विचारधारा के मामले में कॉन्ग्रेस के बेहद करीब हैं, ये लोगों को हैरान कर रहा है।

क्या बिहार में होगा बीजेपी वर्सेज आल?

प्रशांत किशोर की इस बयानबाजी के बाद कयास लग रहे हैं कि राज्य में सारी पार्टियाँ एक होकर बीजेपी और उनके छोटे दलों के साथ के खिलाफ चुनाव लड़ सकती हैं। बीजेपी वर्सेज आल जैसा माहौल बन सकता है। एक तरफ भाजपा और उसके कुछ छोटे सहयोगी दल होंगे, तो दूसरी तरफ आरजेडी, जेडीयू, कॉन्ग्रेस, जन सुराज व अन्य सहयोगी होंगे। हालाँकि, अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि बिहार में क्या होगा। 2024 के लोकसभा चुनावों में ही पता चलेगा कि किशोर की पार्टी बिहार में किस तरह से अपना प्रदर्शन करती है।

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श्रवण शुक्ल
श्रवण शुक्ल
I am Shravan Kumar Shukla, known as ePatrakaar, a multimedia journalist deeply passionate about digital media. Since 2010, I’ve been actively engaged in journalism, working across diverse platforms including agencies, news channels, and print publications. My understanding of social media strengthens my ability to thrive in the digital space. Above all, ground reporting is closest to my heart and remains my preferred way of working. explore ground reporting digital journalism trends more personal tone.

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