Saturday, April 27, 2024
Homeराजनीति10 करोड़ घरों में पहुँचा गैस सिलिंडर, महिलाओं को मिली धुएँ से आजादी: उज्ज्वला...

10 करोड़ घरों में पहुँचा गैस सिलिंडर, महिलाओं को मिली धुएँ से आजादी: उज्ज्वला से बदल गई करोड़ों घरों की किस्मत

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ देश के अधिकाँश परिवारों ने लाभ उठाया है। इस योजना के आँकड़े बताते हैं कि अब तक देश में 10.32 करोड़ लोग इसका लाभ लेकर धुएँ वाले चूल्हे से मुक्ति पा चुके हैं।

ये साल 2014 है, मैं गाँव में रहने वाले एक रिश्तेदार के यहाँ बैठा हूँ। इस परिवार की आर्थिक हालत बाकी करोड़ों भारतीय परिवारों की तरह ही बहुत अच्छी नहीं है। इस घर में एक महिला देश में पाए जाने वाले अतिथि भाव के चलते चाय बना रही हैं, यह महिला मेरी दूर की मौसी लगती हैं। हालाँकि, चाय से कम और चूल्हे से धुआँ अधिक उठ रहा है। दरअसल, इस घर में एक अदद एलपीजी सिलिंडर नहीं है। महिला, जो कि मौसी हैं, लकड़ी और कोयले से जलने वाले चूल्हे पर चाय-खाना बनाने पर मजबूर हैं। यह उज्ज्वला योजना से पहले का दौर है।

दरअसल, यह कहानी आज से 10 वर्ष पूर्व देश के करोड़ों परिवारों की थी जहाँ महिलाएँ धुएँ के बीच खाना बनाने को मजबूर थीं। इससे जहाँ एक और खाना बनाने में देरी होती थी, उनके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता था। हालाँकि, इस समस्या का समाधान यानी गैस सिलिंडर जो कि स्वच्छ ईंधन है, उसका कनेक्शन लेना मुश्किल काम था। सामान्य मेहनत मजदूरी करके अपना घर चलाने वाला कोई व्यक्ति एलपीजी कनेक्शन लेने के लिए पैसे इकट्ठा ही नहीं कर पाता था। जिस परिवार की मैंने कहानी बयान की, वह भी उनमें से एक है।

लेकिन यह तस्वीर 2014 के बाद बदलना चालू हुई। 2014 के आम चुनाव देश में 30 वर्षों के बाद एक स्पष्ट बहुमत वाली सरकार ले कर आए थे। इसके मुखिया नरेन्द्र मोदी थे। पीएम मोदी ने सत्ता में आने के साथ ही देश की मूलभूत समस्याओं को एक एक करके चालू किया। इसके अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना, जन धन योजना और सौभाग्य जैसी योजनाएँ चालू की गई। इसी के साथ चालू हुई उज्ज्वल योजना।

उज्ज्वला योजना से पहले मात्र आधे घरों में था एलपीजी सिलिंडर

उज्ज्वला योजना के शुरू होने से पहले देश के लगभग आधे घरों में ही गैस सिलिंडर की सुविधा थी। इनमें से भी बड़ी सँख्या में कनेक्शन शहरों में थे। एलपीजी की सुविधा ग्रामीण क्षेत्रों में नगण्य थी। आँकड़े बताते हैं कि 2014 में देश के मात्र 55% जबकि 2016 में जब उज्ज्वला योजना चालू की गई थी तब देश के 61% घरों में ही गैस सिलिंडर की पहुँच थी।

2016 में देश के लगभग 16 करोड़ परिवारों के पास एलपीजी कनेक्शन था। इसके अलावा देश में एलपीजी कनेक्शन देने के लिए गैस एजेंसियाँ भी कम थी। 2016 में देश में मात्र 13896 एलपीजी वितरक थे, जिनसे सीमित क्षेत्रों तक ही गैस सिलिंडर पहुँच पाते थे। इन्हीं कारणों से महिलाएँ लकड़ी और कोयले के चूल्हों पर खाना बनाने को मजबूर थीं।

धुएँ से मुक्ति पाने का संघर्ष उज्ज्वला

उज्ज्वला योजना की शुरुआत 1 मई, 2016 को की गई थी। इसका लक्ष्य था कि देश में गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाले प्रत्येक परिवार के पास एलपीजी कनेक्शन हो। उज्ज्वला योजना के तहत पहले लक्ष्य रखा गया था कि देश के 5 करोड़ BPL परिवारों को एलपीजी कनेक्शन दिया जाएगा।

उज्ज्वला योजना के अंतर्गत सरकार ने परिवारों को एलपीजी कनेक्शन देने के साथ ही उन्हें गैस चूल्हा, रेगुलेटर और अन्य सामग्री भी देने का निर्णय लिया। यह योजना क्रांतिकारी साबित होने वाली थी। योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश के बलिया से की गई थी। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के शुरू होने के बाद मात्र एक वर्ष में ही 2.2 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन दिए गए। यानी देश के 2 करोड़ से अधिक परिवारों तक स्वच्छ ईंधन पहुँचा और साथ ही उन्हें धुएँ वाले चूल्हे से मुक्ति मिल गई।

केंद्र सरकार ने उज्ज्वला योजना में इतनी तेज गति से काम किया कि पहले वर्ष में लक्ष्य से अधिक कनेक्शन दिए गए। दरअसल, पहले वर्ष में सरकार ने 1.5 करोड़ कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा था लेकिन स्पष्ट नीति और भ्रष्टाचार रहित व्यवस्था के कारण यह आँकड़ा कहीं आगे पहुँच गया। उज्ज्वला का लाभ लेने वालों की सँख्या दो वर्ष के भीतर 3.6 करोड़ पहुँच गई। यानी दो तिहाई लक्ष्य लगभग दो वर्ष में ही पूरा कर लिया गया था। इसके बाद लगातार यह संख्या बढ़ती रही।

समय से पहले पूरे हुए लक्ष्य

केंद्र सरकार ने सबसे पहले 5 करोड़ घरों तक एलपीजी कनेक्शन का लक्ष्य रखा था। हालाँकि, अप्रैल 2018 में इस योजना का और विस्तार कर दिया गया तथा इसका लक्ष्य बढ़ा कर 8 करोड़ घरों तक कर दिया गया। इस योजना के तहत अब अन्य वर्गों की महिला लाभार्थियों को जोड़ने का भी निर्णय लिया गया। 8 करोड़ घरों तक स्वच्छ ईंधन पहुँचाने का लक्ष्य मार्च 2020 तक का था। हालाँकि, इसमें भी तेज गति से काम हुआ और यह लक्ष्य अगस्त 2019 में पा लिया गया।

इसके बाद अगस्त 2019 में उज्ज्वला 2.0 की शुरुआत की गई। यह इस योजना का दूसरा चरण था। इसके अंतर्गत सरकार ने 1 करोड़ और ऐसे घरों को स्वच्छ ईंधन देने का निर्णया लिया था जो योजना के पहले चरण में रह गए थे। इसी तरह यह लक्ष्य भी समय से पहले अगस्त 2019 में पूरा हो गया था और देश में उज्ज्वला के लाभार्थियों की सँख्या बढ़ कर 9 करोड़ पहुँच गई थी। योजना को विस्तार देते हुए सरकार ने इसमें 60 लाख लाभार्थी और जोड़े।

समय के अनुसार योजना को विस्तार देते हुए सितम्बर 2023 में इस योजना का तीसरा चरण भी लाया गया। इसके अंतर्गत 75 लाख अतिरिक्त उज्ज्वला लाभार्थी बनाने का लक्ष्य रखा गया। वर्तमान में यह चरण चल रहा है। इसके तहत लक्ष्य रखा गया है कि कुल लाभार्थियों की सँख्या को 10.35 करोड़ तक पहुँचाया जाए।

उज्ज्वला योजना का लाभ उत्तर प्रदेश के तराई इलाके में पड़ने वाले जिले लखीमपुर खीरी की रहने वाली सुनीता को भी मिला है। वह इस बारे में बताती हैं, “पहले खाना पकाने का इंतजाम करने के लिए लकड़ी चुनने जाना पड़ता था। बरसात में सूखी लकड़ी ना मिलने से बड़ी दिक्कत होती थी। इसके बाद भी धुएँ वाला चूल्हा फूंकना पड़ता था। गर्मियों में समस्या और भी बढ़ जाती थी। धुएँ से आँखों में जलन होती थी। जब से उज्ज्वला का लाभ मिला है, तब से सारी समस्याएँ दूर हो चुकी हैं। ना अब बाहर लकड़ी लेने जाना पड़ता है और ही बरसात की चिंता रहती है।”

10 करोड़ से अधिक घरों में पहुँची उज्ज्वला योजना

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ऐसी योजना बन कर उभरी है, जिसका देश के अधिकाँश परिवारों ने लाभ उठाया है। इस योजना के आँकड़े बताते हैं कि अब तक देश में 10.32 करोड़ लोग इसका लाभ लेकर धुएँ वाले चूल्हे से मुक्ति पा चुके हैं। 2011 की जनसँख्या के अनुसार, देश में परिवारों की सँख्या लगभग 25 करोड़ है। उज्ज्वला के आँकड़ों से स्पष्ट है कि देश की आबादी का लगभग 50% हिस्सा इस योजना से लाभान्वित हुआ है।

उज्ज्वला के जरिए मात्र महिलाओं को चूल्हे से ही मुक्ति नहीं मिल रही बल्कि इससे सरकार को सही लाभार्थियों तक सहायता पहुँचाने में भी आसानी हो रही है। मोदी सरकार उज्ज्वला के लाभार्थियों को लगातार अधिक रियायती दरों पर एलपीजी सिलिंडर उपलब्ध करवाती रही है। हाल ही में मोदी सरकार ने निर्णय लिया है कि वह उज्ज्वला के लाभार्थियों को ₹300 की सब्सिडी हर सिलिंडर पर देगी। मोदी सरकार ने निर्णय लिया है कि वह उज्ज्वला के लाभार्थियों को प्रति वर्ष 12 सिलिंडर पर यह लाभ उपलब्ध करवाएगी।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

अर्पित त्रिपाठी
अर्पित त्रिपाठीhttps://hindi.opindia.com/
अवध से बाहर निकला यात्री...

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

6 महीने में आग लगने की 565 घटनाएँ, 690 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित: उत्तराखंड में इस साल भी गर्मियों में वही समस्या, काफी ज्वलनशील...

कालागढ़ टाइगर रिजर्व, राजाजी टाइगर रिजर्व और नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क में आग लगने से जंगली जानवरों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता खड़ी हो गई है।

‘देश शरिया से नहीं चलेगा, सरकार बनते ही पूरे देश में लागू होगा समान नागरिक संहिता’: गृहमंत्री अमित शाह बोले- धारा 370 को कॉन्ग्रेस...

अमित शाह ने कहा कि देश तीसरी बार नरेंद्र मोदी की सरकार बनते ही पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू होगी, ये 'मोदी की गारंटी' है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe