Thursday, February 20, 2025
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धोखा, पीठ में छुरा, डबल गेम, गुगली… सुबह सबेरे शपथ की कहानी से उठा पर्दा, फडणवीस बोले- अभी आधा सच बाहर आया, पूरा भी शरद पवार की जुबान पर आएगा

"शरद पवार हमारे साथ नहीं आए। इसलिए मैं यह नहीं कहूँगा कि उन्होंने हमारी पीठ में छुरा घोंपा। बल्कि मैं कहूँगा कि उन्होंने डबल गेम खेला और उद्धव ठाकरे ने हमें धोखा दिया।"

23 नवंबर 2019 की सुबह-सुबह महाराष्ट्र के राज्यपाल ने दो लोगों को शपथ दिलाई। इनमें से एक थे बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) जो अभी राज्य के उप मुख्यमंत्री हैं। दूसरे थे एनसीपी नेता अजीत पवार। 72 घंटे में दोनों का इस्तीफा भी हो गया था। फडणवीस और अजीत पवार इस मोड़ तक कैसे आए थे, इससे अब पर्दा उठ गया है। फडणवीस ने शरद पवार (Sharad Pawar) के ‘डबल गेम’ को इसका जिम्मेदार बताया है। वहीं एनसीपी सुप्रीमो ने इसे अपनी ‘गुगली’ बताया है।

रिपब्लिक भारत को दिए इंटरव्यू में देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री की कुर्सी चाहते थे। इसलिए जब उद्धव जी ने हमारा फोन उठाना बंद कर दिया तो हम समझ गए थे कि वह हमारे साथ नहीं आएँगे। उसी दौरान एनसीपी के कुछ लोगों ने हमसे कहा कि एनसीपी हमारे साथ आना चाहती है। मैं यह बताना चाहता हूँ कि हमने शरद पवार के साथ बैठक की थी। बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि भाजपा और एनसीपी मिलकर सरकार बनाएँगे। यह भी तय हुआ था कि मैं और अजित पवार और सरकार का नेतृत्व करेंगे। लेकिन फिर शरद पवार अचानक ही पीछे हट गए।”

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने कहा, “शरद पवार के पीछे हटने के बाद अजित पवार और क्या कर सकते थे? हमने सारी तैयारियाँ कर ली थी, इसलिए उन्हें मेरे साथ आना पड़ा। हमने शपथ ली और अजित पवार सोच रहे थे कि पवार साहब हमारे साथ आएँगे क्योंकि हमारे बीच कई बार मीटिंग हुई थी। मैं यह फिर से स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि शरद पवार ने ही उस समय सरकार बनाने की पहल की थी।” फडणवीस ने आगे कहा, “शरद पवार हमारे साथ नहीं आए। इसलिए मैं यह नहीं कहूँगा कि उन्होंने हमारी पीठ में छुरा घोंपा। बल्कि मैं कहूँगा कि उन्होंने डबल गेम खेला और उद्धव ठाकरे ने हमें धोखा दिया।”

देवेंद्र फडणवीस के इस दावे के बाद शरद पवार ने कहा है कि उन्होंने सच सामने लाने के लिए फडणवीस के साथ मीटिंग की थी। पवार ने कहा, “हम जनता को यह दिखाना चाहते थे कि सत्ता पाने के लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं। जनता को यह समझना चाहिए कि फडणवीस सत्ता के बिना कितने असहज हो जाएँगे।” उन्होंने क्रिकेट का उदाहरण देते हुए कहा, “मैंने कभी क्रिकेट नहीं खेली। लेकिन मुझे पता है कि कैसे और कहाँ गुगली फेंकनी है। अब अगर कोई गुगली पर आउट हो जाता है तो मैं क्या कर सकता हूँ।”

शरद पवार के इस बयान के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी पलटवार किया है। उन्होंने कहा है, “मुझे बहुत खुशी है कि कमसे कम मैं शरद पवार साहब के मुँह पर सच तो ला सका। लेकिन यह अभी आधा सच है। बचा हुआ सच भी जल्द ही सामने लाऊँगा। मैं भी गुगली फेकूँगा, जिससे बचा हुआ सच बाहर आएगा। मेरी एक गुगली ने कुछ सच तो बाहर ला ही दिया है। अब बचा हुआ सच भी आएगा, अब मैं धीरे-धीरे उनसे सब बुलवाऊँगा।”

क्या है पूरा मामला

साल 2019 में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हुए थे। इस चुनाव में भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटों में जीत मिली थी। वहीं, एनसीपी को 54 और कॉन्ग्रेस को 44 सीटें मिलीं थीं। चुनाव से पहले भाजपा-शिवसेना का गठबंधन था। लेकिन मुख्यमंत्री बनने के मुद्दे पर यह गठबंधन टूट गया। इसके बाद शिवसेना ने धुर विरोधी कॉन्ग्रेस और एनसीपी से हाथ मिलाते हुए सरकार बनाने की बातचीत शुरू की।

हालाँकि राज्य में सरकार बनने के आसार नहीं देख राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। इसके बाद भी उद्धव ठाकरे कॉन्ग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की बातचीत में जुटे हुए थे। इसी बीच देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार सरकार बनाने का दावा लेकर राज्यपाल के पास पहुँच गए। उन्होंने 23 नवंबर 2019 को सुबह-सुबह पद और गोपनीयता की शपथ ली। हालाँकि बाद में फडणवीस और अजित पवार सरकार बनाने के लिए आवश्यक विधायक नहीं जुटा पाए और 72 घण्टे के भीतर ही इस सरकार की विदाई हो गई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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