Tuesday, September 17, 2024
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नूपुर शर्मा के बाद अब महंत रामगिरि के लिए ‘सर तन से जुदा’ के नारे, पैगंबर मुहम्मद के अपमान का आरोप: महंत ने कहा- जो भी बोला, वो उनकी किताब में

उनके बयान को लेकर मुस्लिम समाज में नराजगी पर महंत रामगिरि ने कहा, "मुस्लिम लोगों को नाराज नहीं होना चाहिए। हमने जो कहा वो सत्य कहा है। जो कहा वो उनकी किताब में लिखा हुआ है। इसलिए नाराज होने की कोई आवश्यकता नहीं।" माफी माँगने की बात पर उन्होंने कहा, "सबका अपना-अपना सोचना है। हमने जो बता दिया, वो बता दिया। बस।"

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव घोषणा से पहले इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा एक बार फिर नूपुर शर्मा जैसी स्थिति पैदा करने की कोशिश की जा रही है। इस बार मोहरा बनाया गया है कि महाराष्ट्र के नासिक के सरला द्वीप के महंत रामगिरि को। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को लेकर दिए गए उनके बयान के एक हिस्से को आपत्तिजनक बताकर कुछ कट्टरपंथी राज्य का माहौल खराब करने में लगे हैं।

मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप लगाकर महंत रामगिरि के खिलाफ ना मुकदमा भी दर्ज करवाया है। इतना ही नहीं, उनके बयान के अगले दिन यानी शुक्रवार (16 अगस्त 2024) को बंद का आह्वान करके माहौल खराब करने की कोशिश भी की। इसमें सर तन से जुदा के नारे लगाए गए। सोशल मीडिया पर भी धमकी दी जा रही है।

हालात को देखते हुए पुलिस ने महंत रामगिरि की सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं। कट्टरपंथियों का कहना है कि महंत रामगिरि को अविलंब गिरफ्तार किया जाए। हालाँकि, महंत रामगिरि का कहना है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा है। जो कहा कि वो किताब में लिखी हुई है। उन्होंने कहा कि लोग ही इसका गलत मतलब निकाल रहे हैं। वहीं, हिंदू समुदाय भी महंत रामगिरि के समर्थन में आगे आया है।

इस्लाम और पैगंबर के अपमान के आरोप पर महंत रामगिरि ने क्या कहा?

इंडिया टीवी से बात करते हुए महंत रामगिरि ने कहा कि 15 अगस्त को समागम में वे राजधर्म की बातें कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर कहा था कि ‘हम हिंदू सावधान नहीं होंगे तो ये अराजक तत्व ज्यादा आगे बढ़ेंगे तो बांग्लादेश जैसी परिस्थिति हमारे यहाँ भी आ सकती है’। इसी में उन्होंने पैगंबर मुहम्मद से जुड़ा उदाहरण दिया था। यह उदाहरण इस्लामी किताबों में ही लिखा है।

उनके बयान को लेकर मुस्लिमों में हंगामे पर उन्होंने कहा, “मेरे शब्द विवादित नहीं है। उसे विवादित बनाया रहा है। मेरा प्रवचन डेढ़ घंटे का था। उस डेढ़ घंटे के प्रवचन में मैं भीष्म पितामह और युधिष्ठिर जी का संवाद बता रहा था। जब कृष्ण जी भीष्म पितामह से मिलने जाते हैं तो भीष्म पितामह उन्हें धर्म का उपदेश देते हैं। उसमें राजनीति का उपदेश देते हैं। राजधर्म बताते हैं।”

उस संदर्भ की चर्चा करते हुए उन्होंने आगे कहा, “पहला उपदेश बताते हुए भीष्म पितामह कहते हैं कि किसी भी राजा को राज्य में अन्याय को सहन नहीं करना चाहिए। अन्याय की प्रतिकार करने की शक्ति होते हुए भी कोई प्रतिकार नहीं करता है तो वो पाप करता है। इसीलिए अन्याय का प्रतिकार होना चाहिए। इसी बात की हम चर्चा कर रहे थे।”

महंत रामगिरि ने कहा, “इसी चर्चा में बात निकली बांग्लादेश की, क्योंकि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। महिलाओं से बलात्कार हो रहा है और हिंदू पलायन के लिए तत्पर है। वहाँ रहना नहीं चाहते, क्योंकि वहाँ नर्क जैसी स्थिति है। इस विषय पर चर्चा करते हुए हमने वो उदाहरण (जिस पर पैगंबर का अपमान बताकर बवाल किया जा रहा है) दिया था। इसका गलत अर्थ लगाकर इसे मुद्दा बनाया गया है।”

उनके बयान को लेकर मुस्लिम समाज में नराजगी पर महंत रामगिरि ने कहा, “मुस्लिम लोगों को नाराज नहीं होना चाहिए। हमने जो कहा वो सत्य कहा है। जो कहा वो उनकी किताब में लिखा हुआ है। इसलिए नाराज होने की कोई आवश्यकता नहीं।” माफी माँगने की बात पर उन्होंने कहा, “सबका अपना-अपना सोचना है। हमने जो बता दिया, वो बता दिया। बस।”

उनके बयान को लेकर उन्हें मिल रहीं धमकियों और सर तन से जुदा करने के नारे लग पर महंत रामगिरि ने कहा, “मुझे अभी तक धमकी नहीं मिली। हमारा देश संविधान से चलता है। अगर हमारी बात पर किसी को आपत्ति है तो उसके लिए कानून है… कोर्ट है। अगर किसी को आपत्ति है तो केस दर्ज कर सकते हैं। हम उसका जवाब कोर्ट में देंगे।”

FIR और सुरक्षा के कड़े प्रबंधन

महंत रामगिरि के बयान को लेकर महाराष्ट्र का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। उनकी गिरफ्तारी को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं और सर तन से जुदा जैसे आपत्तिजनक नारे लगाए जा रहे हैं। नासिक के कुछ इलाकों में भीड़ हिंसक भी हो गई। हालाँकि, पुलिस ने हस्तक्षेप करके स्थिति को नियंत्रित कर लिया। फिलहाल शहर में तनावपूर्ण शांति है, लेकिन सुरक्षा के कड़े प्रबंध हैं।

अधिकारियों ने कहा कि पुराने नासिक भद्रकाली इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। एसआरपीएफ इकाइयों को भी बुलाया गया है। स्थिति अब नियंत्रण में है और दोनों समूहों के 15 लोगों के खिलाफ दंगा फैलाने का मामला दर्ज किया गया है। बताते दें कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को लेकर सकल हिंदू समाज द्वारा निकाली की गई रैली पर मुस्लिमों ने हमला कर दिया था।

विरोध को देखते हुए मुंब्रा पुलिस ने रामगिरि महाराज के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 302 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के इरादे से बात कहना) सहित कई अन्य धाराओं मेें मामला दर्ज किया है। इनमें धर्म के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना, शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना और आपराधिक धमकी देने से संबंधित धाराएँ शामिल हैं।

रामगिरि महाराज के खिलाफ राज्य के नासिक और छत्रपति संभाजीनगर जिलों में भी कई प्राथमिकी दर्ज गई हैं। पुलिस ने नासिक के येवला और छत्रपति संभाजीनगर जिले के वैजापुर में पुलिस ने बताया कि वैजापुर में एक स्थानीय व्यक्ति की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। शिकायतकर्ता ने कहा कि उनके शब्दों से मुस्लिमों की धार्मिक भावनाएँ आहत हुई हैं।

महंत गिरि के साथ खड़े हुए सीएम शिंदे

महाराष्ट्र के संभाजीनगर में महंत रामगिरि के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के कुछ घंटे बाद सीएम एकनाथ शिंदे उनके कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान महंत रामगिरि के साथ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में उनकी सरकार के रहते किसी भी धार्मिक नेता को कोई समस्या नहीं होगी।

सीएम शिंदे ने कहा, “हमारी सरकार को ऐसे महान संतों का आशीर्वाद प्राप्त है। महाराष्ट्र में संतों को कोई छू भी नहीं सकता।” दरअसल सीएम शिंदे रामगिरि महाराज द्वारा नासिक के सिन्नार में आयोजित अखंड हरिनाम सप्ताह कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुँचे थे।

कार्यक्रम में सीएम शिंदे के साथ पहुँचेमंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि रामगिरि महाराज के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। महाराज ने किसी मुद्दे पर कुछ कहा है तो उसे तोड़-मरोड़ कर पेश करना और सोशल मीडिया पर शेयर करना गलत है। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले की जाँच करके उचित कदम उठाएगी।

कौन हैं महंत रामगिरि?

नासिक जिले में सिन्नर तालुका के शाह पंचाले गाँव में एक धार्मिक आयोजन हुआ था। इसमें 15 अगस्त को महंत रामगिरि ने बांग्लादेश के हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा उठाया था। रामगिरि महाराज पूरे महाराष्ट्र में सरला द्वीप के मठाधीश के रूप में जाने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि सरला द्वीप का निर्माण गोदावरी नदी के विभाजन से हुआ है।

छत्रपति संभाजीनगर, नासिक, जालना, जलगाँव क्षेत्र में महंत रामगिरि के भक्तों का एक बड़ी संख्या रहती है। महंत रामगिरि के बड़े-बड़े राजनेता और उद्योगपति शिष्य है। माना जाता है कि राज्य की राजनीति में भी उनका गहरा प्रभाव है। महंत रामगिरि का कहना है कि उनके भक्तों में मुस्लिमों की बड़ी संख्या है और धार्मिक आयोजनों में वे भी भाग लेते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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