आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की राजनीति एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गई है। आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने किदवई नगर में आयोजित एक कार्यक्रम में दावा किया कि एक महिला मतदाता चंद्रा का नाम वोटर लिस्ट से कट गया है। उन्होंने इसे अपने भाषण में मतदाताओं को गुमराह करने और अपनी सरकार की ओर ध्यान खींचने करने का जरिया बनाया।
हालाँकि, जब चंद्रा ने खुद इस दावे पर प्रतिक्रिया दी, तो केजरीवाल के बयान की पोल खुल गई। चंद्रा ने साफ कहा, “मेरा नाम कभी वोटर लिस्ट से नहीं कटा। मैंने हमेशा नियमित रूप से अपना वोट डाला है। मुझे नहीं पता कि केजरीवाल ने ऐसा क्यों कहा। हो सकता है उन्हें कोई गलतफहमी हुई हो।” चंद्रा ने यह भी जोड़ा कि शायद केजरीवाल ने किसी और महिला के बारे में बात की हो, लेकिन गलती से उनकी ओर इशारा कर दिया।
दिल्ली: आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 'महिला सम्मान योजना' के रजिस्ट्रेशन के दौरान एक महिला का वोटर आईडी कार्ड चैक करते समय कहा कि इनका वोट कट गया है।
— IANS Hindi (@IANSKhabar) December 24, 2024
किदवई नगर निवासी चंद्रा ने बताया "मेरा वोट कभी नहीं कटा। मैं हमेशा वोट डालती हूं, पता नहीं क्यों उन्होंने गलती से कह… pic.twitter.com/4Rtgi80RZb
चंद्रा के पति एम. रघु ने भी इस मामले में सफाई दी। उन्होंने कहा, “हम दोनों का नाम हमेशा वोटर लिस्ट में था और है। हो सकता है केजरीवाल ने अनजाने में चंद्रा का नाम लिया हो।”
दिल्ली: एम. रघु (चंद्रा के पति) ने कहा, "…यह संभव है कि उन्होंने (अरविंद केजरीवाल) गलती से किसी और का नाम ले लिया और हमारा नाम ले लिया। हमारा वोट नहीं कटा है।" pic.twitter.com/4T3brRR95L
— IANS Hindi (@IANSKhabar) December 24, 2024
अब बीजेपी ने इस मामले पर आप से जवाब माँगा है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने हमला बोलते हुए एक्स पर लिखा, “मतदाता सूची पर भ्रम फैला रहे महाठग को महिला ने दिया मुँहतोड़ जवाब। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी एक सुसंगठित नेटवर्क के माध्यम से दिल्ली में रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध प्रवास को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है। इस राष्ट्रविरोधी अभियान से ध्यान हटाने के लिए उन्होंने भाजपा पर पूर्वांचलियों के वोटर कार्ड रद्द करने का झूठा आरोप लगाया। उनकी चाल और झूठ दोनों ही पूरी तरह से उजागर हो चुके हैं। अब अरविंद केजरीवाल बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं अपने ही फैलाए जाल में!”
मतदाता सूची पर भ्रम फैला रहे महाठग को महिला ने दिया मुंहतोड़ जवाब 👇@ArvindKejriwal की आम आदमी पार्टी एक सुसंगठित नेटवर्क के माध्यम से दिल्ली में रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध प्रवास को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है। इस राष्ट्रविरोधी अभियान से ध्यान हटाने के लिए… pic.twitter.com/ZEWTwlyDMl
— Virendraa Sachdeva (@Virend_Sachdeva) December 24, 2024
इस घटनाक्रम ने केजरीवाल की राजनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह पहली बार नहीं है जब केजरीवाल ने इस तरह के दावे किए हैं। विरोधियों का कहना है कि वह अक्सर बिना जाँचे-परखे आरोप लगाते हैं, जिससे उनकी राजनीति का असली चेहरा उजागर होता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या यह सुविधाएँ झूठ और गुमराह करने वाली राजनीति को सही ठहराती हैं? क्या मतदाताओं को भ्रमित करना किसी भी सरकार के लिए सही कदम हो सकता है?
बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने महिलाओं को 2100 रुपए प्रति माह देने की घोषणा की थी और इसका रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिया था। हालाँकि दिल्ली सरकार के ही विभाग ने साफ किया कि ऐसी कोई योजना अभी शुरू नहीं हुई है।
बहरहाल, केजरीवाल के इन दावों से न केवल उनकी विश्वसनीयता पर असर पड़ा है, बल्कि यह भी दिखा है कि कैसे वह अपनी राजनीति को चमकाने के लिए ऐसे बयान देते हैं। चंद्रा और उनके पति के बयान ने साफ कर दिया कि यह घटना केवल एक राजनीतिक चाल थी।
इस पूरे घटनाक्रम से यह बात साफ हो जाती है कि केजरीवाल की राजनीति केवल लोकलुभावन वादों और झूठे दावों पर आधारित है। जनता के मुद्दों से भटकाने और गुमराह करने की यह कोशिश एक जिम्मेदार नेता के लिए बेहद निराशाजनक है। इससे यह सवाल भी खड़ा होता है कि क्या राजनीति का स्तर इतना गिर चुका है कि जनता के मुद्दों को भूलकर केवल सुर्खियाँ बटोरने के लिए झूठे दावे किए जाएँ?