Tuesday, April 23, 2024
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कॉन्ग्रेस टूलकिट का प्रभाव? पैट कमिंस और दलाई लामा को PM CARES फंड में दान करने के लिए किया गया था ट्रोल

“अगर कोई सेलिब्रिटी PMCARES को दान करता है, तो उनसे आक्रामक तरीके से सवाल करें। अगर वे सोशल मीडिया पर हैं, तो उन्हें शर्मिंदा करने के लिए कॉन्ग्रेस के सोशल मीडिया विभाग का इस्तेमाल करें।''

सोशल मीडिया पर पीएम मोदी को बदनाम करने के लिए एक नया टूलकिट सामने आने के बाद कॉन्ग्रेस पार्टी एक बार फिर से सुर्खियों में है। “कोर्नरिंग नरेंद्र मोदी एंड कोविड मिसमैनेजमेंट” शीर्षक वाले चार-पृष्ठ के दस्तावेज में पीएम केयर्स फंड को बदनाम करने की योजना थी। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या कोविड रिलीफ ट्रस्ट को बदनाम करने के लिए टूलकिट में उजागर की गई रणनीति पहले से ही अमल में है।

वायरल हो रहे ‘पीएम मोदी को बदनाम’ करने के लिए टूलकिट के अनुसार, दस्तावेजों में क्रिकेटर पैट कमिंस और तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा दोनों को सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स द्वारा घेरने की रणनीति सामने आई है।

टूलकिट के सेक्शन II (बी) में लिखा है, “अगर कोई सेलिब्रिटी PMCARES को दान करता है, तो उनसे आक्रामक तरीके से सवाल करें। अगर वे सोशल मीडिया पर हैं, तो उन्हें शर्मिंदा करने के लिए कॉन्ग्रेस के सोशल मीडिया विभाग का इस्तेमाल करें।” छोटे और प्रभावशाली ट्विटर यूजर्स द्वारा दो सेलिब्रिटीज से ऑनलाइन सवाल कर उन्हें परेशान किया गया है। क्या टूलकिट में ऊपर दी गई नापाक योजनाएँ पहले से ही अमल में थीं।

PM CARES Fund की स्थापना मार्च 2020 में की गई थी, जब दुनिया भर में कोरोना महामारी फैल गई थी। PM CARES फंड एक आपातकालीन कोष है, जिसे कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया था। प्रधानमंत्री इस ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और इसके सदस्यों में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री शामिल हैं।

पैट कमिंस ने कोरोना से जूझ रहे भारत के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया था

26 अप्रैल को, ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर पैट कमिंस ने कोरोना से जूझ रहे भारत के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया था। उन्होंने ट्वीट किया, ”भारत एक ऐसा देश है, जहाँ पिछले कुछ वर्षों से मुझे बहुत प्यार मिला है और यहाँ के लोग भी बहुत प्यारे और सपोर्टिंग हैं। मैं जानता हूँ कि पिछले कुछ समय से इस देश में कोरोना वायरस की वजह से काफी दिक्कतें पैदा हो गई हैं, जिसमें पूरे देश में अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी का होना शामिल है। ऐसे में एक खिलाड़ी होने के नाते, मैं पीएम केयर्स फंड में 50 हजार यूएस डॉलर(लगभग 38 लाख रुपए) सहायता राशि के रूप में देना चाहता हूँ और मैं अपने साथी खिलाड़ियों से भी गुजारिश करता हूँ कि वे भी मदद के लिए आगे आएँ।”

हालाँकि, उनके इस ट्वीट के बाद उन्हें कुछ ही घंटों के बाद धमकाया जाने लगा। ट्वीटर पर वैरिफाइड अकाउंट ने पीएम केयर्स फंड की विश्वसनीयता पर सवाल उठाना शुरू कर दिया। कुछ ने दावा किया कि इस धन का इस्तेमाल भाजपा चुनाव लड़ने के लिए करेगी, जबकि अन्य ने आरोप लगाया कि इस धन का गलत प्रबंधन किया गया है।

एक कॉन्ग्रेस समर्थक ने पैट कमिंस को भ्रमित करने का प्रयास किया था। उसने कहा कि उनकी यह पहल बेहद सराहनीय है, लेकिन उन्होंने अपना पैसा गलत हाथों में दे दिया है। फिर, उस व्यक्ति ने बेबुनियाद दावा किया कि पीएम केयर्स फंड का इस्तेमाल मुख्य रूप से चुनाव जीतने के लिए किया गया था।

कुछ दिनों बाद, इक्का-दुक्का क्रिकेटरों ने भी घोषणा की कि उन्होंने पीएम केयर्स फंड से अपना दान यूनिसेफ ऑस्ट्रेलिया को स्थानांतरित कर दिया है। जबकि पैट कमिंस ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया।

दलाई लामा ने पीएम केयर्स फंड में दान करने का संकल्प लिया था

वहीं, पिछले महीने निर्वासित तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने पीएम केयर्स फंड में दान करने का संकल्प लिया था। कोरोना महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में उनका योगदान सराहनीय था। लेकिन 1959 से भारत में रह रहे आध्यात्मिक गुरु को जल्द ही सोशल मीडिया पर कुछ लोगों की नफरत का सामना करना पड़ा। एक यूजर ने लिखा, “कृपया लोगों को दान करें, पीएम-केयर्स के जरिए नहीं।”

एक अन्य यूजर्स ने दावा किया कि यह धन उन लोगों तक नहीं पहुँच सकता है, जिन्हें वास्तव में इसकी जरूरत है। पीएम-केयर्स में योगदान करने की बजाय प्रभावितों को मुफ्त भोजन में दान देना ज्यादा फायदेमंद है।

बता दें कि सोशल मीडिया पर एक और टूलकिट धड़ल्ले से वायरल हो रहा है, जिसके बारे में भाजपा नेताओं ने दावा किया है कि ये कॉन्ग्रेस पार्टी का है। उक्त दस्तावेज पर कॉन्ग्रेस का चुनाव चिह्न हाथ छाप भी अंकित है और बताया जा रहा है कि पार्टी ने अपने नेताओं को दी गई निर्देशावली को दस्तावेज का शक्ल दिया था, जो अचानक से लीक हो गया। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इसे ट्विटर पर शेयर करते हुए तंज कसा कि कॉन्ग्रेस इस तरीके से आपदा में लोगों की मदद कर रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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