AI सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, AI से जुड़ी एक बड़ी आशंका रोज़गार ख़त्म होने को लेकर जताई जा रही है, लेकिन इतिहास गवाह है कि तकनीक ने नए तरीक़े के रोज़गार पैदा किए हैं। ज़रूरत लोगों के स्किलिंग और री-स्किलिंग की है।
Addressing the AI Action Summit in Paris. https://t.co/l9VUC88Cc8
— Narendra Modi (@narendramodi) February 11, 2025
कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानि AI के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भारत कई स्टार्ट-अप और तकनीक को विकसित करने पर ज़ोर दे रहा है। रोबोटिक्स, हेल्थकेयर, ट्रांसलेशन में भारत के कई AI स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा सतत विकास का लक्ष्य हासिल करने के लिए AI मददगार होगा।
सुरक्षा के दृष्टिकोण से AI के ख़तरे, AI नियंत्रण, AI की सेवाएँ, उसके फायदे के अलावा दुनिया के सभी देशों द्वारा AI का समान रूप से उपयोग में लाए जाने को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि मशीन मानव की मास्टर नहीं हो सकती है। ऐसे में सभी को ज़िम्मेदारी समझनी होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत AI को अपनाने, सार्वजनिक हित के लिए AI एप्लिकेशन बनाने, डेटा की प्राइवेसी को बनाए रखने के लिए काम कर रहे हैं। साथ ही भारत के पास AI तकनीक पर काम करने के लिए कुशल वर्क फोर्स भी मौजूद है।
उन्होंने इस कार्यक्रम में भारत के अपने एलएलएम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही अपना लॉर्ज लैंगवेज मॉडल तैयार कर लेगा (जिसके बाद एआई भारतीय यूजर्स के मुताबिक उन्हें सर्विस दे पाएगा।)
बता दें कि पीएम मोदी 10 फरवरी को दो दिवसीय फ्रांस यात्रा के लिए गए हैं। वहाँ भारतीयों ने उनका जोर-शोर से स्वागत किया। हाथ में तिरंगा लेकर अपना उत्साह दिखाया। एआई समिट और सीईओ फोरम की बैठक में शामिल होने के बाद पीएम मोदी अमेरिका के लिए रवाना होंगे।
(प्रसार भारती – SHABD के सौजन्य से)