दिल्ली में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बड़ा बयान दिया कि पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (POJK) की वापसी सिर्फ मोदी सरकार में ही हो सकती है। ये बात उन्होंने जम्मू कश्मीर पीपल्स फोरम और मीरपुर POJK बलिदान समिति द्वारा आयोजित ‘POJK संकल्प दिवस’ कार्यक्रम में कही। इस मौके पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी मौजूद थे, जिन्होंने कहा कि POJK को भारत में मिलाने का सपना अब हकीकत बन सकता है। दोनों ने 1947 की उन गलतियों की याद दिलाई, जिनकी वजह से POJK आज पाकिस्तान के कब्जे में है।
नेहरू-जिन्ना की महत्वाकांक्षाओं की वजह से भारत का बँटवारा
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत का बँटवारा एक बहुत बड़ी भूल थी, जो नेहरू और जिन्ना की महत्वाकांक्षाओं की वजह से हुई। उन्होंने बताया कि जब 1948 में भारतीय सेना मीरपुर तक पहुँचकर POJK को आजाद करा रही थी, तभी नेहरू ने सीजफायर करवा दिया और मामला यूएन में ले गए। अगर ऐसा न हुआ होता, तो POJK आज भारत का हिस्सा होता। उन्होंने कहा कि नेहरू की गलतियों की वजह से भारत ने अपनी हजारों किलोमीटर जमीन खो दी। लेकिन अब मोदी सरकार POJK (Pakistan-Occupied Jammu & Kashmir), POTL (पाकिस्तान अधिकृत लद्दाख- Pakistan-Occupied Territories of Ladakh) और COTL (चीन अधिकृत लद्दाख- China-Occupied Territories of Ladakh) को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि ये काम मोदी सरकार में ही पूरा होगा।
POJK के लोग भारत के साथ आने को तैयार
तुषार मेहता ने कहा कि आर्टिकल 370 को हटाना पहले असंभव लगता था, लेकिन मोदी सरकार ने करके दिखाया। अब कोई भी दल इसकी बहाली की बात नहीं करता। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह के उस बयान को याद किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि POJK भारत का हिस्सा है और इसके लिए हम जान भी दे देंगे। मेहता ने ये भी कहा कि आज पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा है और POJK में लोग खाने-पीने की चीजों के लिए तरस रहे हैं। वहाँ 35% लोग बेरोजगार हैं। जम्मू-कश्मीर में विकास देखकर POJK के लोग भी भारत के साथ आने को तैयार हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि हमें ‘आजाद कश्मीर’ जैसे नाम को हटाकर इसे सिर्फ POJK कहना चाहिए।
कश्मीर में हिंदुओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों की भी हुई बात
इस कार्यक्रम में 1947 के नरसंहार की भी बात हुई। उस वक्त पाकिस्तानी सेना ने मीरपुर, मुजफ्फराबाद, कोटली और राजौरी जैसे इलाकों में हजारों हिंदू-सिखों को मार डाला, महिलाओं का अपहरण किया और लूटपाट मचाई। लाखों लोग बेघर हो गए, जो आज भी भारत में संघर्ष कर रहे हैं। ये इतिहास का वो दर्दनाक हिस्सा है, जिसे कम लोग जानते हैं।
डॉ. सिंह ने कहा कि POJK का क्षेत्र 13,297 वर्ग किमी, POTL 67,791 वर्ग किमी और COTL 42,735 वर्ग किमी है। 1962 के युद्ध के बाद चीन ने अक्साई चिन समेत लगभग 37 हजार वर्ग किमी भूमि पर कब्जा कर लिया और 1963 में पाकिस्तान ने 5,180 वर्ग किमी शक्सगाम घाटी उसे सौंप दी। यह क्षेत्र रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है और भारत की संप्रभुता के लिए अनिवार्य अंग है।
उन्होंने कहा कि साल 1994 में संसद ने संकल्प पास किया था कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है और पाकिस्तान को कब्जा छोड़ना होगा। इस संकल्प को पूरा करने के लिए अब सरकार और जनता को मिलकर काम करना होगा।