Friday, June 13, 2025
Homeराजनीतिजम्मू कश्मीर में राहुल गाँधी बारिश से 'डरे', भारत जोड़ो यात्रा में रेनकोट में...

जम्मू कश्मीर में राहुल गाँधी बारिश से ‘डरे’, भारत जोड़ो यात्रा में रेनकोट में आए नजर: लाल चौक पर तिरंगा लहराने से पहले ही काट चुके हैं कन्नी

पिछले दिनों जब कड़ाके की ठंड में भी केवल टीशर्ट पहनने की वजह राहुल गाँधी से पूछी गई थी, तो उनका जवाब था कि उनको ठंड से डर नहीं लगता।

कॉन्ग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शुक्रवार (20 जनवरी 2023) को राहुल गाँधी रेनकोट में नजर आए। जम्मू-कश्मीर के कठुआ के हतली मोड़ से कड़ी सुरक्षा के बीच निकली यात्रा से जब राहुल की तस्वीरें सामने आई तो शुरुआत में लोगों ने इसे जैकेट समझ लिया था। इसके कारण कई लोगों ने पूछा कि आखिर राहुल ने स्वेटर क्यों पहन लिया? क्या ‘कॉन्ग्रेस के तपस्वी’ को ठंड लगने लगी है।

इस सवाल के पूछे जाने की वजह भी खुद कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ही हैं। उनसे पिछले दिनों जब कड़ाके की ठंड में भी केवल टीशर्ट पहनने की वजह पूछी गई थी तो उनका जवाब था कि उनको ठंड से डर नहीं लगता इसलिए वे ठंड में बिना जैकेट चल रहे हैं। उनके मुताबिक सर्दी में गर्म कपड़े वो पहनते हैं ठंड से डरते हैं

बता दें कि राहुल ने अपनी यात्रा की शुरुआत 7 सितंबर को कन्याकुमारी से एक टीशर्ट में आरंभ की थी। ठंड आने के बाद जब उनसे इस पर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान उन्हें कुछ लड़कियाँ मिलीं जिन्होंने स्वेटर तक नहीं पहना था, ऐसे में उन्होंने निर्णय लिया कि वो इस यात्रा में सिर्फ टीशर्ट में रहेंगे।

हालाँकि, शुक्रवार को जो कुछ दिखा उससे ऐसा लग रहा है कि राहुल गाँधी को ठंड से भले डर न लगे पर बारिश में भींगने से लगता है। यही कारण है कि इंटरनेट पर उनका वीडियो देख लोग बोल रहे हैं- ‘राहुल बाबा डर गए, डर गए।’

उल्लेखनीय है कि राहुल गाँधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ जम्मू कश्मीर तक पहुँच चुकी है। इस बाबत 30 जनवरी को श्रीनगर में एक कार्यक्रम भी है। लेकिन इस बीच राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस जो चर्चा में आए हैं उसकी एक वजह लाल चौक पर तिरंगा न फहराने का फैसला भी है।

राहुल अपनी इस यात्रा में लाल चौक पर तिरंगा नहीं फहराएँगे– यह जानकारी खुद कॉन्ग्रेस ने दी। अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस कमेटी प्रभारी और पार्टी सांसद रजनी पाटिल ने मंगलवार को कहा था कि राहुल गाँधी 30 जनवरी को लाल चौक पर तिरंगा नहीं फहराएँगे वह श्रीनगर में कॉन्ग्रेस मुख्यालय पर भारतीय तिरंगा झंडा फहराएँगे। रजनी पाटिल के अनुसार लाल चौक पर तिरंगा फहराना आरएसएस के एजेंडे का हिस्सा था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अहमदाबाद क्रैश में भी इस्लामी कट्टरपंथी ढूंढ लाए गाजा का विक्टिम कार्ड, पीड़ितों के प्रति संवेदना जताने के बजाय चलाया एजेंडा: जिन स्वयंसेवकों को...

अहमदाबाद प्लेन क्रैश की दुर्घटना के बाद सोशल मीडिया पर गाजा के लिए 'विक्टिम कार्ड' खेलने का कंपटीशन शुरू हो गया है। विमान दुर्घटना पर संवेदना 'लिबरल' समुदाय को चुभ रही है।

डियर अमाना बेगम, हिंदू ‘भाई-बहनों’ की आपस में नहीं कराते शादी… ‘जाति पर जहर’ कम फैलाओ: सोनम-राज कुशवाह मामले में ‘द प्रिंट’ की लेखिका...

द प्रिंट के अनुसार सोनम और राजा रघुवंशी का मामला जाति-फेमिनिज्म का मुद्धा है और भारत में आज भी अलग जाति में प्यार करना एक विद्रोह है।
- विज्ञापन -